स्टार न्यूज़ एजेंसी
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश). कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने चरथावल क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करने से पहले हज़ारों लोगों से सवाल करके उन्हें इस प्रदेश की बदहाली के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया. राहुल गांधी ने लोगों से पूछा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 22 सालों से बीजेपी, सपा और बसपा की सरकार है, क्या आप लोगों को इन सरकारों के कार्यकाल के दौरान मज़ा आया? क्या पिछले 22 सालों में आप लोगों को उत्तर प्रदेश में विकास दिखाई दिया? क्या उत्तर प्रदेश बाक़ी दूसरे राज्यों की तरह आगे बढ़ा? हज़ारों लोगों ने सोचकर एक साथ जवाब दिया, नहीं!
इसके बाद राहुल गांधी ने एक और सवाल दाग़ा कि जिन्होंने पिछले 22 सालों में उत्तर प्रदेश पर राज किया और विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया, क्या वो अब उत्तर प्रदेश को बदल पाएंगे? उनके इस सवाल पर जनसभा में कुछ पलों के लिए सन्नाटा छा गया. इस सन्नाटे को तोड़ते हुए राहुल गांधी ने ही लोगों के बताया कि जो लोग पिछले 22 सालों में कुछ नहीं कर सके, तो अब क्या करेंगे?
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी राजनीतिक दल प्रदेश को तोड़ने की राजनीति करते हैं. जात-बिरादरी के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाते है और राज करते हैं. हमारी भी सरकार है 2004 से दिल्ली में, लेकिन हम जात और धर्म की बात नहीं करते, हम आम आदमी की बात करते हैं, जिसमें हर तबके के लोग शामिल हैं.
राहुल गांधी ने लोगों से सवाल किया कि क्या पिछले पांच सालों में किसी ने भी मुलायम सिंह जी या फिर मायावती जी को किसी गांव में लोगों से बात करते हुए देखा है? जनता ने कहा नहीं. उन्होंने बताया कि मैंने उन्हें दिल्ली में देखा है. मायावती जी 30 फुट ऊंची दीवारों से घिरे हुए घर के अंदर ही रहती हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार लोगों की इज्ज़त नहीं करतीं. इज्ज़त का मतलब होता है कि सरकार लोगों के पास आए, उनसे उनकी समस्याओं के बारे में बात करे और पूछे कि उनके लिए क्या किया जा सकता है?
कांग्रेस महासचिव ने सपा मुखिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मुलायम सिंह जी कहते है कि मै मुसलमानों का नेता हूं. तीन बार वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने क्या किया?क्या उन्होंने मुसलमानों को उच्च शिक्षा में शामिल किया-नहीं. क्या ग़रीब तबक़े के लोगों को उनका हक़ दिया-नहीं. क्या बुनकरों की मदद की, नहीं. कांग्रेस पार्टी ने सच्चर कमीशन बनाया और उसकी रिपोर्ट को लागू किया. हमने दिल्ली से मुस्लिम समुदाय के पिछड़े तबक़े की मदद के लिए करोड़ों रुपया भेजा, जो लोगों तक नहीं पहुंचा. करोड़ों रुपये छात्रवृति के लिए भेजे. वो पैसा दिल्ली से चला तो आंध्र पहुंच गया, केरल पहुंच गया, मणिपुर और मिजोरम भी पहुंच गया, लेकिन दिल्ली से 100 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश में नहीं पहुंचा. उत्तर प्रदेश में पैसे का सिर्फ़ एक ही रूट है, दिल्ली-लखनऊ, जहां पहुंचकर यह सारा पैसा ग़ायब हो जाता है.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों के लिए साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण का इंतज़ाम किया तो मुलायम सिंह जी कहने लगे कि कम दिया, मैं होता तो ज़्यादा देता, जबकि ख़ुद तीन बार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे, तब उन्होंने कुछ नहीं किया और आरक्षण देने के बारे में पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उस वक़्त भी कुछ नहीं बोले, सिर्फ़ सन्नाटा ही था. उन्हीं की पार्टी में रहे राशीद मसूद जी ने इस बारे में आवाज़ उठाई थी, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो विकास हुआ है, उसमें आपका हाथ है. हरियाणा और पंजाब में लहराती हुई फसलों में लगी मेहनत में आपका हाथ है. अब वक़्त उत्तर प्रदेश को बदलने का है. यहां युवाओं के हाथ खोलने की ज़रूरत है और अगर ऐसा हो गया तो उत्तर प्रदेश की तरक्क़ी से देश के तमाम राज्य हैरान हो जाएंगे.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों को बताया कि केंद्र में 2004 से 2009 तक कांग्रेस की सरकार रही और उसके बाद 2009 से अभी तक कांग्रेस की सरकार है. इस दौरान हिंदुस्तान का विकास हुआ है. देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इन सबके बीच देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश अपनी गति और दिशा खो चुका है तथा बाक़ी राज्यों से काफ़ी पिछड़ गया है, जिसका कारण उत्तर प्रदेश में पिछले 22 सालों के दौरान आम आदमी की सरकार का नहीं होना है.
उन्होंने लोगों को राजनीतिक दलों की सोच के बारे में समझाने के लिए 2004 में एनडीए द्वारा दिए गए नारे के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि 2004 में विपक्ष के लोगों ने अंग्रेजी में नारा दिया था- ‘इंडिया शाइनिंग’, जिसका मतलब था ‘हिंदुस्तान चमक रहा है’. जब पत्रकारों ने उनसे इस नारे के बारे में पूछा कि उन्हें हिंदुस्तान के चमकने की बात कहां से सूझी, तो उनके एक बड़े नेता ने बताया कि एक रात उन्हें टेलीविजन पर एक चमचमाते सूट के विज्ञापन को देखकर यह नारा सूझा, जिसमें एक आदमी दूसरे आदमी के चमकते हुए सूट को छू़कर कहता है कि इंडिया शाइनिंग.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं इस नारे के बारे में इसलिए बात कर रहा हूं, क्योंकि नारे से राजनीतिक दलों की सोच के बारे में पता चलता है. उनकी सोच थी कि हिंदुस्तान में प्रगति हो और उस प्रगति का फ़ायदा केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिले और वो ख़ुद एसी कमरों में बैठे रहें. आम आदमी को इस प्रगति से कुछ भी हासिल न हो, जबकि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि देश में प्रगति हो तो उसके साथ-साथ आम आदमी का भी विकास हो. उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजी नारे नहीं देते और हमारे नारे टेलीविजन से नहीं आते. हमारे नारे आप लोगों के बीच से ही आते हैं.
उन्होंने बताया कि 2004 में सरकार बनने के बाद हम एसी कमरों में बैठे नहीं रहे. आप लोगों के पास आए और आपसे कहा कि दिल्ली में आपकी अपनी सरकार है, बताइये, आपके लिए क्या किया जा सकता है? आप लोगों ने हमें रोज़गार की समस्या के बारे में बताया. हमने मनरेगा योजना को लागू किया, जिससे लोगों को काफ़ी फ़ायदा हुआ. आप चाहें तो उन तमाम राज्यों में जाकर देख सकते हैं कि मनरेगा से किसी को फ़ायदा हुआ या नहीं. अगर आप आंध्र प्रदेश जाकर गांव की महिलाओं से सवाल करेंगे, तो वहां आपको पता चलेगा मनरेगा के तहत उनके द्वारा किए गए काम का सारा ब्यौरा इंटरनेट पर मौजूद है. अगर आप महाराष्ट्र में जाकर पूछोगे तो कहा जाएगा कि मनरेगा ने ग़रीब जनता को खड़ा कर दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मनरेगा चलाया ही नहीं गया. जब प्रदेश में मुलायम सिंह जी मुख्यमंत्री थे तो उस दौरान मनरेगा सही तरीक़े से लागू ही नहीं किया गया. सभी जॉब कार्ड छीन लिए गए और कहा कि बेरोज़गारी भत्ता देंगे. उन्हें सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों को रोज़गार दे रही है और मुलायम सिंह जी कहते है कि बेरोज़गारी भत्ता देंगे, रोज़गार नहीं देंगे. मायवती जी ने कहा कि मनरेगा से लोगों को कोई फ़ायदा नहीं हुआ. सच ही है, क्योंकि मनरेगा से तो बसपा के मंत्रियों को ही फ़ायदा हुआ और लखनऊ में बैठे हुए जादू के हाथी को फ़ायदा हुआ.
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा लागू करके हम फिर आप लोगों के पास आए और पूछा कि रोज़गार दिया है और क्या करने की ज़रूरत है? इस बार किसानों ने हमें बताया कि उनके सिर पर क़र्ज़ चढ़ा हुआ है, खेती के लिए बैंक से किसी तरह से क़र्ज़ नहीं मिल रहा है. अमीर साहूकारों को बैंक तुरंत ही पैसा दे देते हैं, जबकि किसानों को बैंक से भगा दिया जाता है. इसके बाद हमने किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया और किसानों के लिए बैंक के दरवाज़े एक बार फिर से खोले.
उन्होंने कहा कि हमारे पास बुनकर आए. उन्होंने हमें बताया कि उन पर क़र्ज़ है. उन्हें धागा नहीं मिलता. उनकी मदद के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार कुछ नहीं कर रही है. हम बुनकरों को प्रधानमंत्री जी के पास ले गए. राहुल गांधी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व है कि प्रधानमंत्री जी ने दो मिनट में ही कह दिया कि अगर राज्य सरकार बुनकरों के साथ नहीं है तो न सहीं, लेकिन केंद्र सरकार इनकी अपनी है. हम बुनकरों की मदद करेंगे. हमने बुनकरों का क़र्ज़ माफ़ कराया. उन्हें बैंक से दो लाख रुपये तक का लोन, बुनकर क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था की. इसके तुरंत बाद ही बुनकरों ने प्रधानमंत्री जी से कहा कि अगर आप हमारी मदद करना चाहते हैं तो हमें दिया जाने वाला पैसा सीधा हमारे खातों में जमा करवाइये. इसे उत्तर प्रदेश सरकार के हाथों में नहीं दीजिए, नहीं तो लखनऊ में यह सारा पैसा चोरी हो जाएगा.
राहुल गांधी ने कहा कि अब हम भोजन के अधिकार की बात कर रहे है, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा प्रोग्राम है. इसके तहत हर ग़रीब परीवार को 35 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा, लेकिन विपक्ष में बैठे भाजपा, बसपा और सपा के लोग पूछते है कि पैसा कहां से आएगा? उन्होंने लोगों को बताया कि देश में जो प्रगति हुई है, उससे सरकार के पास पैसा आता है और वो प्रगति आप लाए हो, बुनकर लाए हैं, मज़दूर लाए हैं, किसान लाए हैं. प्रगति अमीर आदमी नहीं, आम आदमी लाया है. उन्होंने कहा कि जब हम लोगों के हक़ की बात करते हैं तो पूछा जाता है कि पैसा कहां से आएगा?
किसानों की दुर्दशा के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने बताया कि भट्टा-पारसौल में किसानों के साथ जो कुछ भी हुआ, वो सबको पता है. वहां किसानों से जबरन उनकी ज़मीन छीनी गई. विपक्ष के लोग वहां नहीं गए, लेकिन मैं गया और वहां जाकर मैने लोगों का हाल देखा और उनसे बात की. किसान कभी भी विकास के ख़िलाफ़ नहीं रहे. अगर कहीं विकास की बात होती है तो किसान ख़ुद आगे बढ़ कर आते हैं, लेकिन किसान की ज़मीन को इमारतें बनाने के लिए भू-माफ़िया को दिया जाता है और किसान अपनी ज़मीन का बाज़ार भाव के हिसाब से सही मूल्य मांगता है, तो बदले मे उसे गोली मिलती है.
राहुल गांधी ने बताया कि भट्टा-पारसौल में एक महिला ने मुझे बताया कि एक दिन वह अपने खेतों में काम करने के लिए गई, उस वक़्त वहां एक बिल्डर के कुछ लोग खड़े थे, जिन्होंने उस महिला से कहा कि यह ज़मीन उसकी नहीं है, जब उस महिला ने पुलिस से मदद मांगी तो उसे कहा गया कि उसकी ज़मीन अधिगृहित कर ली गई है और उन बिल्डरों को दे दी गई है. किसानों से उनकी ज़मीन ले ली गई और उन्हें इस बारे में पता भी नहीं चला. इस सबके बावजूद जब उस महिला ने कहा कि उसे उसकी ज़मीन से फ़सल काटने दी जाए तो उसे ऐसा नहीं करने दिया गया, बल्कि उसकी फ़सल में आग लगा दी गई. उस महिला ने मुझसे कहा कि सारी बातें एक तरफ़ हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने उनकी बात भी नहीं सुनी और न ही उनकी मेहनत की, उनके काम की इज्ज़त नहीं की गई.
राहुल गांधी ने कहा कि जिसकी नीयत साफ़ होती है, उसे वादों की ज़रूरत नहीं होती. मैं इस सभा में पिछले 20 मिनट से बोल रहा हूं, लेकिन मैने आपसे एक भी वादा नहीं किया, क्योंकि मै यहां आप लोगों से वादे करने नहीं आया हूं, मै यहां काम करने के लिए आया हूं. कांग्रेस पार्टी का काम है लोगों के पास जाना, उनसे बात करना, उनकी समस्याओं को सुनना और लोगों की आवाज़ को लखनऊ और दिल्ली तक पहुंचाना.
दूसरे लोग बड़े-बड़े वादे करते है. आप मुलायम सिंह जी के पास जाइए, कई वादे सुनने को मिलेंगे. जैसे 24 घंटे बिजली दे देंगे, बुंदेलखंड को इजराइल बना देंगे. जब काम की बात होती है तो कोई दिखाई नहीं देता और न ही देंगे, लेकिन राहुल गांधी आगे भी दिखाई देगा और हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा.