
लंदन. कल्पना कीजिए कि एक इंसान को अपनी जिंदगी की सारी रातें अस्पताल में गुजारनी पड़े तो उसके लिए कितना कष्टकारी होगा। ब्रिटेन में 18 साल की एलिस हेलस्टीड उसी कष्ट से गुजर रही है।
वह मधुमेह [डायबिटीज] की एक ऐसी दुर्लभ अवस्था से पीड़ित है जिस कारण उसे अपनी जिंदगी की सारी रातें अस्पताल में ही गुजारनी होंगी। अगर वो ऐसा नहीं करती तो वह अपनी जान भी गंवा सकती है।
जिस उम्र में ब्रिटेन में लड़कियां यूनिवर्सिटी, बार और ब्वायफ्रेंड में व्यस्त रहती हैं, उस उम्र की एलिस ने अपनी जिंदगी में बार की शक्ल तक नहीं देखी। उसका कोई ब्वायफ्रेंड नहीं है। वह अपने हर दिन को आखिरी दिन की तरह जीती है। यह बीमारी 670 करोड़ में से किसी एक को होती है। 'टाइप वन डायबिटीज' से पीड़ित एलिस के खून में इंसुलिन की मात्रा जांचने के लिए उसका हर घंटे टेस्ट करना पड़ता है। टाइप वन डायबिटीज में शरीर का अधिकांश ग्लुकोज निकल जाता है। इसलिए उसको हर घंटे पर इंसुलिन का इंजेक्शन देना होता है। उसके शरीर में हमेशा इंसुलिन का पंप जुड़ा रहता है। खून में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दिए जाने वाले इंजेक्शन से हृदय में खून का थक्का भी जमा सकता है। जिससे हृदय गति रुक सकती है। इसलिए एलिस को रात में अधिक सावधानी की जरूरत होती है क्योंकि इस अवस्था में उसके डायबटिक कोमा में जाने की आशंका बढ़ जाती हैं। इसलिए उसका ध्यान रखने के लिए उसे हर रात अस्पताल में सुलाया जाता है।
एलिस ने बताया कि 16 साल की उम्र तक उसे किसी बीमारी के बारे में पता नहीं था। लेकिन एक दिन अचानक उसे काफी कमजोरी महसूस हुई। उस दौरान खून की जांच करने पर उसे इस खतरनाक बीमारी के बारे में पता लगा। एलिस ने कहा, 'मेरी जैसी दशा दुनिया में किसी की नहीं है। कोई नहीं जानता कि मैं कभी घर में चैन की नींद सो पाऊंगी कि नहीं। यह सोचकर मैं डर से कांप जाती हूं कि मुझे अपनी जिंदगी की हर रात यहां गुजारनी पड़ेगी।'
(साभार दैनिक जागरण)
संवेदनशील रचना। बधाई।