अतुल मिश्र
" नेताजी ने अपने भाषण के दौरान जो कुछ भी कहा, वह पूरी तौर पर सही था! " चुनावी जनसभा से लौट रहे युवक ने कहा!
" क्या कहा था ? " साथ लौट रहे बुजुर्ग ने, जो भाषण सुनने कम और टाइम पास करने ज्यादा गया था, पूछ लिया!
" यही कि मज़बूत और निर्णायक सरकार सिर्फ वही दे सकते हैं और वर्तमान सरकार तो कुत्ते के गोबर कि तरह किसी काम की नहीं है! "युवक ने कुत्ते के गोबर पर अधिक बल दिया!
"वो तो ठीक है बेटा, लेकिन वो जो बुड्ढे से नेता ' हम सत्ता में आये तो आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे,' जैसी बातें कहते वक़्त कांप रहे थे, वो कौन थे ? " बुजुर्ग ने अपनी जानकारी में इजाफा करने के लिहाज़ से पूछा!
"वो ही तो हैं, जो अपनी सरकार आने पर प्रधानमन्त्री बनेंगे! " युवक ने अपना अब तक अर्जित पूरा ज्ञान बिखेरा!
"क्या उम्र होगी उनकी ? " बुजुर्ग ने जिज्ञासा ज़ाहिर की!
"अस्सी से ऊपर ही चल रहे हैं! " युवक की आवाज़ में गर्व था.
" हम यहाँ सत्तर कि उम्र में हिले पड़े हैं और यह जनाब अस्सी के बाद भी प्रधानमंत्री बनने के लिए अभी तक मौजूद हैं? " बुजुर्ग कि बात तो सही थी, मगर इस समय युवक को सिर्फ इसलिए अच्छी नहीं लग रही थी कि उसे इस साल ही इस पार्टी का सदस्य बनाया गया था और भविष्य में कोई ऊंचा पद दिए जाने की भी पूरी संभावना दिखाई गई थी.
" बादाम, पिश्ते और अन्य तमाम तरह की ताकत वाली चीजें खाते हैं वो! वर्ना आप की तरह चाय से डबल रोटियाँ निगल रहे होते तो आपकी उम्र से पहले ही खिसक लिए होते! " युवक ने बुजुर्ग की ओ़र हिकारत की नज़र से देखते हुए कहा!
" बेटा, यह बुद्धन मजबूत किस तरह से हैं, जो मज़बूत सरकार देने की बात कहते वक़्त भी कांप रहे थे? " बुजुर्ग ने फिर वही सवाल किया, जो इस वक़्त उस युवक को नाजायज लग रहा था!
" मज़बूत आदमी दिल से होता है, शरीर से नहीं! शरीर तो इस उम्र में सभी का हिलता है, मगर हौंसले देखे हैं कभी इनके? माइक तक कांप जाता है कि यार, किसी और को बुलाओ, वर्ना मैं फट जाऊंगा! " युवक की झल्लाहट अपने चरमोत्कर्ष पर थी!
बुजुर्ग के सारे सवाल फ़ेल हो चुके थे, लेकिन एक सवाल उसके ज़हन में भी कौंध रहा था कि जो नेता खुद ही मौत कि दहलीज़ पर खड़ा हो, वह देश को अपने साथ आखिर ले किस दिशा में जाएगा?



सामग्री : 500 ग्राम पनीर, 1 कटोरी बेसन, 1 बारीक कटा प्याज, 2-3 हरी मिर्च बारीक कटी, पाव चम्मच लाल मिर्च पावडर, पाव चम्मच अजवायन, थोड़ा-सा हरा धनिया, स्वादानुसार नमक, तलने के लिए तेल.

बनाने की विधि : हरा धनिया, हरी मिर्च बारीक काट लें. दूध को फाड़कर छान लें. इस फटे दूध मे नमक, कटा प्याज हरा धनिया व हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, अजवायन, नमक और मिलाकर मलमल के कपड़े में लपेटकर किसी भारी चीज से दबा दें. 2 घंटे बाद इसकी एक-डेढ़ इंच लम्बी व आधा इंच चौड़े टुकड़े काट लें. मनचाहा आकार भी दे सकते हैं. बेसन का गाढ़ा घोल बना लें. फिर कड़ाही में 2 बड़े चम्मच तेल गर्म करें. गर्म तेल में मसाला मिले पनीर के टुकड़ों को बेसन के घोल में लपेटकर हल्का सुनहरी होने तक तलें.

अब तैयार है पनीर के ज़ायकेदार कटलेट. इन्हें हरे धनिये ही पत्तियों और टमाटर के टुकड़ों से गार्निश कर मनपसंद चटनी के साथ सर्व करें.   

स्टार न्यूज़ एजेंसी
पेरिस (फ्रांस). देश में एक बार फिर बुर्क़े को लेकर बहस का दौर शुरू हो गया है. आव्रजन मंत्री एरिक बेसन ने कहा है कि वे फ्रांस की सड़कों पर बुर्का नहीं देखना चाहते. साथ ही उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रीय पहचान का ज़िक्र करते हुए बुर्क़े पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस कराने की पेशकश की है कि इसमें बुर्के को शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
एक टीवी को दिए साक्षात्कार में एरिक बेसन ने कहा बुर्का फ्रांस के राष्ट्रीय मूल्यों के विपरीत है. उन्होंने कहा कि इस तरह के बुर्के महिलाओं के अधिकारों और समानता के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता के खिलाफ़ हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को भी दूसरी महिलाओं की तरह जीने का हक़ है.
क़ाबिले-गौर है कि साल 2004 में फ़्रांस ने सरकारी स्कूलों और दफ़्तरों में हिजाब और अन्य धार्मिक चिन्हों के पहनने पर पाबंदी लगा दी थी. इस पर काफ़ी बवाल भी मचा था. फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने कहा था कि फ्रांस में बुर्क़ा पहनना स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि बुर्क़ा पहनने वाली महिलाएं क़ैदी के समान हैं, जो आम सामाजिक जीवन जीने से महरूम रहती हैं और अपनी पहचान की मोहताज होती हैं. इसके कुछ वक़्त बाद ही फ़्रांस की महिला मुस्लिम मंत्री फ़देला अमारा ने फ्रांस में बुर्क़े पर पाबंदी का समर्थन करते हुए कहा था कि बुर्क़ा महिलाओं को क़ैदी की तरह बना देता है और फ़्रांस के मौलिक सिद्धांतों में से एक महिला-पुरुष के बीच समानता की अवहेलना करता है. बुर्क़ा एक पहनावा ही नहीं बल्कि एक धर्म के राजनीतिक दुरुपयोग का प्रतीक है. उनका कहना था कि बुर्क़े पर पाबंदी से महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा.

फ्रांस में मुस्लिम आबादी अन्य सभी यूरोपीय देशों के मुक़ाबले ज़्यादा है और कुछ अरसा पहले बुर्क़े पर प्रतिबंध के मुद्दे पर यहां की संसद ने एक 32 सदस्यीय आयोग का गठन किया है.
गौरतलब यह भी है कि इसी माह मिस्र की राजधानी काहिरा स्थित अल अज़हर विश्वविद्यालय के इमाम शेख़ मोहम्मद सैयद तांतवई ने कक्षा में छात्राओं और शिक्षिकाओं के बुर्क़ा पहनने पर रोक लगाकर एक नया विवाद पैदा कर दिया था. इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ कई इस्लामी सांसदों ने शेख़ तांतवई के इस्तीफ़े की मांग करते हुए इसे इस्लाम पर हमला क़रार दिया था. इमाम शेख़ मोहम्मद सैयद तांतवई ने क़ुरान का हवाला देते हुए कहा है कि नक़ाब इस्लाम में लाज़िमी (अनिवार्य) नहीं है, बल्कि यह एक रिवाज है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
कुल सीटें : 288
कांग्रेस : 82
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी : 62
भारतीय जनता पार्टी : 46
शिवसेना : 44
समाजवादी पार्टी : 4
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी : 1
अन्य : 49

अरुणाचल विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
कुल सीटें : 60
कांग्रेस : 42
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी : 5
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस : 5
भारतीय जनता पार्टी : 3
अन्य : 5


سٹار نیوز ایجنسی
واشنگٹن (امریکہ). امریکہ اور متحدہ عرب امارات کے درمیان ایٹمی معاہدہ آخری مرحلے میں پہنچ گیا ہے اور امریکی کانگریس سے اس کی جلد منظوری متوقع ہے۔ امریکی وزرات خارجہ کے ترجمان آئن کیلی نے کہاکہ امریکی صدر براک حسین اوباما اس منصوبے کی منطوری دے چکے ہیں۔ انہونے کہاکہ اب یہ منصوبہ کانگریس کے پاس موجود ہے ۔ متحدہ عرب امارات مستقبل میں چالیس ہزارمیگاواٹ بجلی کی ضروریات پوری کرنے کےلئے نیوکلیئر ری ایکٹر تعمیرکرناچاہتاہے ۔ متحدہ عرب امارات نے امریکا کویقین دہانی کرائی ہے کہ جوہری ری ایکٹروں کو یورنیم کی افزدوگی کےلئے استعمال نہیں کیا جائیگا۔


स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. हरियाणा, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना आज होगी. मतगणना विभिन्न केंद्रों पर कड़ी निगरानी के बीच कल सुबह आठ बजे से शुरू होगी. तीनों राज्यों में गत 13 अक्टूबर को चुनाव हुआ था. लोकसभा चुनाव के बाद बड़े राजनीतिक दलों के लिए यह पहला महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण है, जो उनका क़द तय करेगा.

चुनाव आयोग ने तीनों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मतगणना के चरणबद्ध परिणाम मत गणना केंद्रों के भीतर तत्काल प्रदर्शित किए जाने चाहिए और जन संबोधन प्रणाली के जरिए इसकी घोषणा की जानी चाहिए. चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि पूर्व के चरण का परिणाम प्रदर्शित किए जाने के बाद अगले चरण की मतगणना शुरू की जानी चाहिए. मतगणना केन्द्रों के भीतर और इसके आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

सियासी दलों के नेता और कार्यकर्ता मतगणना केन्द्रों के पास अभी से पहुंचने शुरू हो गए हैं. रातभर सियासी दलों ने चुनावी नतीजों के बाद की स्थिति पर विचार-विमर्श करने और प्रेस में दिए जाने वाले बयानों की रिहर्सल में गुज़ारी. फ़िलहाल सभी की सांसें थमी हुई हैं.



सरफ़राज़ ख़ान
आजादी के बाद नदी घाटी परियोजनाओं और जल संसाधनों की तकनीक विकसित करने वालों में फतेहाबाद के डॉ. कंवर सेन का नाम अग्रणी रहा है। भाखड़ा बांध का निर्माण डॉ. कंवर सेन की ही देखरेख में हुआ। राजस्थान की विश्व विख्यात इंदिरा गांधी नहर परियोजना की परिकल्पना का श्रेय डॉ. सेन को ही है। इतना ही नहीं दामोदर घाटी, कोसी नदी, नर्मदा, हीरा कुंड और राजस्थान नहर जैसी देश की न जाने कितनी ही महत्वपूर्ण परियोजनाओं को साकार करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई, लेकिन विलक्षण मेधा के धनी इस आधुनिक भगीरथ को अपने ही प्रदेश में भुला दिया गया। हरियाणा और राजस्थान की हजारों एकड़ बंजर जमीन में आज जो खेत लहलहा रहे हैं, वो सब डॉ. सेन की ही कोशिशों का नतीजा हैं।

उनकी असाधारण जल संसाधन तकनीकी मेधा के कारण ही संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें नौ साल तक विशेषज्ञ के तौर पर रखकर उनकी सेवाओं से लाभ उठाया। डॉ. कंवर सेन ने अंतर्राष्ट्रीय परियोजना मेकोंग को साकार करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। राष्ट्र के प्रति उनकी विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवाओं के लिए 1956 में डॉ. सेन को राष्ट्रपति ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। उनका जन्म तत्कालीन संयुक्त पंजाब के कस्बे सुनाम में उनके नाना के घर हुआ, लेकिन उनकी शुरुआती शिक्षा उनके पैतृक कस्बे टोहाना फतेहाबद में हुई। कुछ वक्त उन्होंने हिसार के सीएवी स्कूल में भी शिक्षा ग्रहण की। लाहौर से उन्होंने दसवीं की परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया। इसके बाद रुड़की कॉलेज से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

भारत सरकार की ओर से अप्रैल 1947 में उन्हें जल व विद्युत आयोग के मुख्य अभियंता का पदभार संभालने के लिए आमंत्रित किया गया। इस पद पर काम करते हुए डॉ. सेन को अमेरिका के ब्यूरो ऑफ रिक्लेमेशन के सहयोग से कोसी नदी पर बनाए जाने वाले बांध और भाखड़ा बांध का डिजाइन तैयार करने के लिए अमेरिका भेजा गया। वर्ष 1953 में वह केंद्रीय जल व विद्युत आयोग के अध्यक्ष भी बने। इसके साथ ही अमेरिका में उन्हें विशिष्ट परामर्श के लिए सात बार बुलाया गया। अमेरिका के अलावा डॉ. सेन को फ्रांस, जर्मनी, जापान, सोवियत संघ, फिलीपींस, युगोस्लाविया, थाईलैंड व ताइवान आदि अनेक देशों में आमंत्रित किया गया। आजादी से पहले ही भाखड़ा बांध के पानी के बंटवारे को लेकर मतभेद होने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। डॉ. सेन की विलक्षण प्रतिभा को देखते हुए बीकानेर के महाराजा ने उन्हें अपनी रियासत में बुलवा लिया। इस पर उन्होंने बीकानेर के चीफ इंजीनियर के पद पर काम करना स्वीकार कर लिया। बीकानेर रहते हुए उन्होंने रियासत को पाकिस्तान न जाने देने में अहम भूमिका निभाई।

उस वक्त भारत सरकार के शुष्क इलाकों में सिंचाई के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि पाकिस्तान ने बीकानेर को नहरी पानी देने का वादा किया था। डॉ. सेन की कोशिशों से ही बीकानेर पाकिस्तान से जुडने से रह गया। यह भी उनके तर्कों का ही नतीजा था कि भाखड़ा बांध पाकिस्तान की बजाय भारत में रह गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद 71 साल की उम्र में वे दिल्ली में बस गए और बतौर सलाहकार जीवन के अंतिम क्षणों में भी जल परियोजनाओं के संबंध में अपने सुझाव देते रहे। हरियाणा में उनकी जल उत्थान योजनाओं और राजस्थान में सिंचाई संबंधी समस्याओं के बारे में दिए गए सुझावों से जनता को बहुत फायदा पहुंचा। देश की जल परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ. सेन 24 दिसंबर 1988 को इस दुनिया से विदा हो गए।

जल संसाधनों से संबंधित तकनीकी ज्ञान विकसित करने समेत डॉ. सेन ने इस विषय के पाठयक्रमों के लिए अनेक पुस्तकें भी लिखीं। अगर डॉ. सेन को भारत में नदी घाटी परियोजनाओं का जनक कहा जाए तो कतई गलत न होगा। इंदिरा गांधी नहर राजस्थान की मरु भूमि के प्रति डॉ. सेन के बेहद लगाव का ही प्रतिफल है। यह नहर यहां के किसानों की जिन्दगी में खुशहाली का पैगाम लेकर आई। इसी तरह हरियाणा में भाखड़ा नहर के कारण कृषि क्षेत्र में आई क्रांति का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।


سٹار نیوز ایجنسی
تہران (ایران): پاکستانی ناظم الامور نے ایرانی حکام کو یقین دلایاہے کہ پاکستانی سرزمین کو ایران کیخلاف استعمال نہیں ہونے دیاجائے گا۔انہوں نے کہا کہ پاکستان دہشتگردی کیخلاف کارروائی کررہاہے اور خود بھی دہشتگردی کا شکار ہے۔
اس سے پہلے ایرانی دفتر خارجہ نے تہران میں پاکستانی ناظم الامورکو طلب کرکے احتجاج درج کرایا۔ ایرانی دفترخارجہ نے کہاہے کہ دہشتگرد ایران میں حملوں کے لیے پاکستانی سرمین استعمال کررہے ہیں۔ ایران نے پاکستان پر زور دیا ہے کہ دہشتگردوں کے خلاف موثرکارروائی کی جائے۔ قبیلے غور ہے کہ گزشتہ کافی عرصے سے پاکستان دہشتگردی کا شکار ہے اور وہاں حملے ہو رہے ہیں۔

स्टार न्यूज़ एजेंसी
पणजी (गोवा). मडगांव कस्बे में शुक्रवार रात हुए विस्फोट के सिलसिले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. बताया जा रहा है कि विस्फोट में मारे गए दोनों लोग दक्षिणपंथी हिंदू संस्था के कार्यकर्ता हैं, जिसका मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा से संबंध रहा है.

पुलिस के मुताबिक़ योगेश नाइक और मालगोंदी पाटिल स्कूटर पर बम ले जा रहे थे, जो रास्ते में ही फट गए. विस्फोट के बाद मेलगुंड पाटिल की देर रात ही गोवा चिकित्सा कालेज अस्पताल में मौत हो गई थी, जबकि नाइक ने शनिवार सुबह क़रीब साढ़े नौ बजे दम तोड़ दिया. यह विस्फोट कस्बे के बीचों-बीच स्थित एक व्यस्त मार्ग पर गत शुक्रवार की रात करीब साढ़े नौ बजे एक स्कूटर में हुआ. पुलिस का कहना है कि सड़क पर जाम में फंस जाने के कारण देर हो गई और बम फट गया.

डीआईजी आर.एस.यादव ने बताया कि पुलिस ने आतंक फैलाने की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है. उन्होंने कहा कि चार बम रखे गए थे, जिनमें से एक फट गया और दो को मडगांव में निष्क्रिय कर दिया गया. एक बम मडगांव से 20 किलोमीटर दूर वास्को के सानकोले इलाके में एक मंदिर में रखा गया था. पुलिस ने यहां से भी विस्फोटकों से भरे बैग को बरामद कर विस्फोट की साजिश को नकाम कर दिया.

पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि दोनों हिन्दू संगठन 'सनातन संस्था' से संबंध रखते हैं. जिसका मालेगांव विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा सिंह से कथित तौर पर जुड़ाव है। उन्होंने बताया कि मडगांव से क़रीब 20 किलोमीटर दूर पोंडा के रामनथी में इस संस्था का मुख्यालय है, जहां विस्फोट के बाद शुक्रवार रात छापा मारा गया.

राज्य के गृहमंत्री रवि नायक का कहना है कि विस्फोट के लिए हिन्दू संगठन 'सनातन संस्था' ज़िम्मेदार है. उन्होंने कहा है कि विस्फोटक को जिस स्कूटर से लाया गया था वह दक्षिणपंथी हिंदू संस्था के शिष्य निशाद बाकले का है.

धमाकों की जांच के लिए महाराष्ट्र से एटीएस की एक टीम भी यहां पहुंच चुकी है. सूत्रों के मुताबिक़ इस मामले में योगेश नाइक के भाई सुरेश और पुणे के संदीप शिंदे समेत 5 लोगों से पूछताछ जारी है.

उधर, सनातन संस्था ने इन आरोपों को गलत बताया है.


سٹار نیوز ایجنسی
اسلام آباد: پاکستان کی قانون ساز اسمبلی میں ایک پرجوش تقریر کرتے ہوئے پاکستانی وزیر خارجہ شاہ محمود قریشی نے کہا ہے کہ امریکی امداد کے کیری لوگر بل میں پاکستان پر کوئی پابندیاں عائد نہیں ہوتیں اور پاکستان ہرگز کسی کو ملک کے اندرونی معاملات میں مداخلت کی اجازت نہیں دے گا۔

انہوں نے اپنی انتہائی پرجوش تقریر میں کیری لوگر بل پر کیے گئے اعتراضات کا جواب دیتے ہوئے کہا کہ اس بل پر کیے گئے تمام اعتراضات بلا جواز رہے ہیں اور بل میں ایسی کوئی بات نہیں جو پاکستان کو کسی چیز پر پابند کرتا ہو۔ انہوں نے کہا کہ بل کے بارے میں یہ تاثر غلط ہے کہ اس کو قبول کر کے پاکستانی افواج میں مداخلت کا راستہ کھولا گیا ہے۔ انہوں نے واضح لفظوں میں کہا کہ پاکستان اپنی ایٹمی صلاحیت پر کسی قسم کی کوئی پابندی برداشت نہیں کرے گا۔


سٹار نیوز ایجنسی
واشنگٹن: پاکستان کی امداد کے لیے پیش کیے جانے والے متنازعہ کیری۔لوگر بل پر امریکی صدر براک اباما نے دستخط کر دیے ہیں اور اس طرح اب یہ 7.5 ارب ڈالر کا بل قانون بن گیا ہے۔

اس بل پر دستخط امریکی سینیٹ اور ایوان نمائندگان کی خارجی امور کی کمیٹیوں کے چیئرمن سینیٹر جان کیری اور کانگریس مین ہاورڈ برمن کی پاکستان کے وزیرِ خارجہ شاہ محمود قریشی کے درمیان ملاقاتوں کے بعد کیے گئے۔ یہ دونوں اشخاص یہ بل پیش کرنے والوں میں شامل ہیں۔ امریکی کانگریس کے ان دونوں اراکین نے ایک بیان میں کہا ہے کہ بل میں ایسی کوئی شرائط نہیں ہیں جس سے پاکستان کی سالمیت کو خطرہ ہو۔ اس بل سے پاکستان کو دی جانے والی غیر فوجی امداد میں تین گنا اضافہ ہو گا اور پاکستان کو اگلے پانچ سال تک ہر سال 1.5 ارب ڈالر ملیں گے۔

اس بل کی امریکی کانگریس سے منظوری کے بعد، پاکستان میں اس پر شدید تنازعہ پیدا ہوا اور پاکستان کی فوج سمیت متعدد سیاسی جماعتوں نے اس پر اپنے تحفظات کا اظہار کیا۔ بعض مذہبی جماعتوں نے اس کو پاکستان کے اقتدار اعلیٰ میں مداخلت اور قومی سلامتی کے خلاف قرار دیا۔ پاکستان میں فوج اور سیاستدانوں کی طرف سے بل کی مخالفت کے بعد وزیرِ خارجہ شاہ محمود قریشی واشنگٹن چلے گئے تھے جہاں انہوں نے امریکی اہلکاروں سے بل کے متعلق مزید مذاکرات کیے۔

وائٹ ہاؤس کے ترجمان رابرٹ گبز نے کہا کہ بل پاکستان کے جمہوری اداروں اور پاکستانی عوام کے لیے حمایت ظاہر کرتا ہے۔ بل پر پیدا ہونے والے خدشات اور پاکستان کی قومی اسمبلی میں سامنے آنے والے تحفظات پر وزیر خارجہ شاہ محمود قریشی نے امریکی اہلکاروں سے مذاکرات کیے جس کے بعد بدھ کے روز امریکی حکام نے کیری۔لوگر بل پر وضاحتی دستاویز جاری کر دی- دستاویز میں یقین دہانی کرائی گئی ہے کہ امریکہ پاکستان کی سلامتی اور اقتدار اعلیٰ میں مداخلت کا کوئی ارادہ نہیں رکھتا۔

پاکستان کے وزیر خارجہ شاہ محمود قریشی نے اس دستاویز کو ایک تاریخی دستاویز قرار دیا ہے اور کہا ہے کہ اس سے فوج سمیت تمام قوم کے خدشات دور ہوجائیں گے۔ سینیٹر جان کیری اور کانگریس مین ہاورڈ برمن نے پاکستانی وزیر خارجہ شاہ محمود قریشی کے ساتھ ایک مشترکہ پریس کانفرنس سے خطاب کرتے ہوئے اس وضاحتی دستاویز کا اجرا کیا- دستاویز میں یہ بھی واضع کیا گیا ہے کہ کیری۔لوگر بل پاکستان کی سالمیت اور اقتدار اعلیٰ میں مداخلت نہیں کرتا اور نہ ہی پاکستان کی قومی سلامتی کے امور کے حوالے سے پاکستان کے سویلین یا فوجی معاملات میں مداخلت چاہتا ہے۔ اس میں لکھا ہے کہ امریکہ پاکستانی فوجی افسران کی تقرری، تبادلوں یا ترقیوں میں ہرگز اثر انداز نہیں ہونا چاہتا ہے اور نہ ہی پاکستان پر کوئی شرط عائد ہوتی ہیں کہ وہ اپنے اندرونی معاملات کے بارے میں امریکہ کو کوئی ثبوت یا وضاحتیں پیش کرے۔

کیری۔لوگر بل میں پاکستان کی فوجی امداد سے متعلق امریکی انتظامیہ پر بعض شرائط عائد کی گئی ہیں جن کے مطابق امریکی وزیر خارجہ ہیلری کلنٹن کو ہر چھ ماہ بعد امریکی کانگریس کے سامنے یہ تصدیق کرنا ہے کہ پاکستان اپنی بیانیہ پالیسی کے تحت القاعدہ اور دیگر شدت پسندوں کے خلاف بھرپور کارروائی کر رہا ہے، جوہری عدم پھیلاؤ کے اقدامات کو جاری رکھے ہوئے ہے اور جیش محمد اور لشکر طیبہ جیسی تنظیموں کو حملوں کے لیے نہ اپنی سر زمین استعمال کرنے دے رہا ہے اور نہ ہی ان تنظیموں کو کسی طرح کی سرکاری مدد اور حمایت حاصل ہے۔

پاکستان کو دی جانے والی امداد کے درست استعمال کے حوالے سے امریکی کانگریس نے امریکی انتظامیہ کو پابند کیا ہے کہ وہ کانگریس کو اس بارے میں رپورٹیں پیش کرتی رہے۔ اطلاعات ہیں کہ یہ تمام امدادی رقم پاکستانی حکومت کو نہیں دی جائے گی بلکہ اس رقم کا کچھ حصہ اسلام آباد میں قائم امریکی سفارتخانے کے ذریعے پاکستان میں مختلف منصوبوں کے لیے مختص کیا جائے گا-امریکی حکام نے بتایا ہے کہ صدر آصف زرداری کی حکومت کو گزشتہ ایک برس میں تین ارب ڈالر کی امداد دی جا چکی ہے۔امریکی وضاحتی بیان کے باوجود اصل بل میں کسی تبدیلی کے نہ ہونے کی وجہ سے امکان یہی ہے کہ پاکستان میں اس پر تنازعہ جاری رہے گا۔

स्टार न्यूज़ एजेंसी
मुंबई (महाराष्ट्र). दूसरे बैंकों के एटीएम के इस्तेमाल पर आगामी 15 अक्टूबर से पाबंदी लग जाएगी. इसके तहत कोई भी व्यक्ति दूसरे बैंक के एटीएम से एक बार में 10 हज़ार रुपए से ज़्यादा नहीं निकाल पाएगा और न ही दूसरे बैंक के एटीएम का महीने में 5 बार से ज़्यादा निशुल्क इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. अब 5 बार से ज़्यादा इस्तेमाल करने पर दूसरे बैंक को ट्रांजैक्शन चार्ज अदा करना होगा. यह शुल्क 20 रुपये प्रति निकासी होगा.

गौरतलब है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 अप्रैल से इंटरबैंक एटीएम नकद निकासी को शुल्क मुक्त कर दिया था. इससे पिछले 6 महीने में एटीएम पर लेन-देन में 400 फ़ीसदी इज़ाफ़ा हुआ. गत अगस्त में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करने पर अक्टूबर के मध्य से पाबंदी लगाने का निर्देश दिया था. आरबीआई ने यह निर्देश इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) की सिफारिश पर दिया था. आईबीए ने तो एक बार में न्यूनतम निकासी की सीमा एक हज़ार रुपए करने की भी सिफ़ारिश की थी, लेकिन रिज़र्व बैंक ने छोटे ग्राहकों की सहूलियत के मद्देनज़र इसे नामंज़ूर कर दिया.

आईबीए का कहना था कि ग्राहकों द्वारा दूसरे बैंकों के एटीएम के निशुल्क इस्तेमाल से बैंकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

आगामी 13 अक्तूबर को हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होगा...इस चुनाव से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एक नज़र में...
  •  हरियाणा विधानसभा सीटों की संख्या जिन पर चुनाव होगा : 90
  • कुल मतदाता : 1,31,13,011
  • पुरुष : 71,47,100
  • महिला : 59,65,911
  • मतदान केन्द्र : 13,524
  • चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की संख्या : सीयू - 16,227 और बीयू - 18,897
  • चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवार : 1,222
  • महिला उम्मीदवारों की संख्या : 68
  • पार्टीवार उम्मीदवारों की सूची
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 90
  • भाजपा : 90
  • बसपा : 86
  • इनेलो : 88
  • हजकां : बीएल : 87
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी : 38
  • भाकपा : 8
  • माकपा - 11
  • राजद : 3
  • निर्दलीय और अन्य : 721
  • अधिकतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों की संख्या : 1
  • अधिकतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीट का नाम : सीट सं. 81 पुन्हाना जहां 25 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं
  • न्यूनतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों की संख्या : 2
  • न्यूनतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों के नाम : सीट सं. 30 खरखौदा (अजा) (7 उम्मीदवार) और 42 कलांवाली (अजा) (7 उम्मीदवार)
  • विधानसभा सीट जहां एक से अधिक महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं : 16
  • मतदाता संख्या के अनुसार सबसे बड़ी विधानसभा सीट : सीट सं. 77 गुड़गांव जहां 2,31,350 मतदाता हैं
  • निर्वाचक संख्या के अनुसार सबसे छोटी विधानसभा सीट : सीट सं. 70 नारनौल जहां 1,10,153 मतदाता हैं

आगामी 13 अक्तूबर को महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होगा...इस चुनाव से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एक नज़र में...
  • महाराष्ट्र विधान सभा सीटों की संख्या जिन पर चुनाव होगा : 288
  • कुल मतदाता : 7,58,11,245
  • पुरुष : 3,97,34,776
  • महिला : 3,60,76,469
  • मतदान केन्द्र : 84,136
  • चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की संख्या : सीयू - 96,753 और बीयू - 1,12,425
  • चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवार : 3559
  • महिला उम्मीदवारों की संख्या : 211
  • पार्टीवार उम्मीदवारों की सूची
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 169
  • भाजपा : 119
  • बसपा : 281
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी : 114
  • भाकपा : 21
  • माकपा : 19
  • शिवसेना : 160
  • राजद : 1
  • निर्दलीय और अन्य : 2675
  • अधिकतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों की संख्या : एक
  • अधिकतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीट का नाम : सीट सं. 109 औरंगाबाद पूर्व जहां से 28 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं
  • न्यूनतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों की संख्या : दो
  • न्यूनतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों के नाम : सीट सं. 128 दहानू (अजजा) (4 उम्मीदवार) और 283 इस्लामपुर (4 उम्मीदवार)
  • विधानसभा सीटों की संख्या जहां एक से अधिक महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं : 50
  • क्षेत्रवार सबसे बड़ी विधानसभा सीट : सीट सं. 69 अहेरी (अजजा)
  • निर्वाचक संख्या के अनुसार सबसे बड़ी विधानसभा सीट : सीट सं. 205 चिंचवाड़ जहां 3,91,644 मतदाता हैं
  • निर्वाचक संख्या के अनुसार सबसे छोटी विधानसभा सीट : सीट सं. 269 कुडल जहां 1,86,185 मतदाता हैं

आगामी 13 अक्तूबर को अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होगा...इस चुनाव से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एक नज़र में...
  •  अरुणाचल प्रदेश विधानसभा की 57 सीटों पर चुनाव होगा, जबकि 3 सीटों पर निर्विरोध चुनाव होगा.
  •  कुल मतदाता 7,50,160
  • पुरुष : 3,77,730
  • महिला : 3,72,430
  • मतदान केन्द्र : 2,063
  • चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की संख्या : 4,126
  • चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवार : 154
  • महिला उम्मीदवारों की संख्या : 8
  • पार्टीवार उम्मीदवारों की सूची
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 57
  • भाजपा : 18
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी : 36
  • एआईटीसी : 26
  • पीपीए : 11
  • जनता दल यू : 3
  • निर्दलीय : 3
  • अधिकतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों की संख्या : 5
  • अधिकतम उम्मीदवारों वाली मुख्य विधानसभा सीटों के नाम : विधानसभा सीट सं. 13- ईटानगर (अजजा), विधानसंभा सीट सं. 24-दापोरिजो (अजजा) और विधानसभा सीट सं. 48 - लेकांग (अजजा)
  •  न्यूनतम उम्मीदवारों वाली विधानसभा सीटों की संख्या : 32
  •  क्षेत्रवार सबसे बड़ी विधानसभा सीट : सीट सं. 45 हयुल्लांग (अजजा)
  • निर्वाचक संख्या के अनुसार सबसे बड़ी विधानसभा सीट : सीट सं. 13 ईटानगर (अजजा) जहां 57,971 मतदाता हैं
  • निर्वाचक संख्या के अनुसार सबसे छोटी विधानसभा सीट : सीट सं. 41 अनिनी (अजजा) जहां 3,738 मतदाता हैं
  •  विधानसभा सीटों की संख्या जहां सीधा मुकाबला है : 32

फ़िरदौस ख़ान
मिस्र की राजधानी काहिरा स्थित अल-अज़हर विश्वविद्यालय के इमाम शेख़ मोहम्मद सैयद तांतवई ने कक्षा में छात्राओं और शिक्षिकाओं के बुर्क़ा पहनने पर रोक लगाकर एक नया विवाद पैदा कर दिया है. इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ कई इस्लामी सांसदों ने शेख़ तांतवई के इस्तीफ़े की मांग करते हुए इसे इस्लाम पर हमला क़रार दिया है.

गौरतलब है कि बुर्क़े पर पाबंदी लगाने का ऐलान करने के बाद इमाम शेख़ मोहम्मद सैयद तांतवई ने क़ुरान का हवाला देते हुए कहा है कि नक़ाब इस्लाम में लाज़िमी (अनिवार्य) नहीं है, बल्कि यह एक रिवाज है.

उनका यह भी कहना है कि 1996 में संवैधानिक कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि कोई भी सरकारी मदद हासिल करने वाले शिक्षण संस्था का अधिकारी स्कूलों में इस्लामिक पहनावे पर अपना फ़ैसला दे सकता है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों एक स्कूल के निरीक्षण के दौरान शेख़ मोहम्मद सैयद तांतवई ने एक छात्र से अपने चेहरे से नक़ाब हटाने को भी कहा था. गौरतलब है कि मिस्र के दानिश्वरों का एक बड़ा तबका बुर्क़े या नक़ाब को गैर ज़रूरी मानता है. उनके मुताबिक़ नक़ाब की प्रथा सदियों पुरानी है, जिसकी शुरूआत इस्लाम के उदय के साथ हुई थी.

अल-अज़हर विश्वविद्यालय सरकार द्वारा इस्लामिक कार्यो के लिए स्थापित सुन्नी समुदाय की एक उदारवादी संस्था मानी जाती है, जो मुसलमानों की तरक्की को तरजीह देती है. इसलिए अल-अज़हर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों और शिक्षिकाओं के नक़ाब न पहनने को सरकार द्वारा सार्वजनिक संस्थानों में बुर्क़ा प्रथा पर रोक लगाने का एक हिस्सा माना जा रहा है. क़ाबिले-गौर है कि सऊदी अरब के दूसरे देशों के मुक़ाबले मिस्र काफ़ी उदारवादी देश है. अन्य मुस्लिम देशों की तरह यहां भी बुर्क़ा या नक़ाब पहनना एक आम बात है.

क़ाबिले-गौर है कि साल 2004 में फ़्रांस ने सरकारी स्कूलों और दफ़्तरों में हिजाब और अन्य धार्मिक चिन्हों के पहनने पर पाबंदी लगा दी थी. इस पर काफ़ी बवाल भी मचा था. फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने कहा था कि फ्रांस में बुर्क़ा पहनना स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि बुर्क़ा पहनने वाली महिलाएं क़ैदी के समान हैं, जो आम सामाजिक जीवन जीने से महरूम रहती हैं और अपनी पहचान की मोहताज होती हैं. इसके कुछ वक़्त बाद ही फ़्रांस की महिला मुस्लिम मंत्री फ़देला अमारा ने फ्रांस में बुर्क़े पर पाबंदी का समर्थन करते हुए कहा था कि बुर्क़ा महिलाओं को क़ैदी की तरह बना देता है और फ़्रांस के मौलिक सिद्धांतों में से एक महिला-पुरुष के बीच समानता की अवहेलना करता है. बुर्क़ा एक पहनावा ही नहीं बल्कि एक धर्म के राजनीतिक दुरुपयोग का प्रतीक है. उनका कहना था कि बुर्क़े पर पाबंदी से महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा.

फ्रांस में मुस्लिम आबादी अन्य सभी यूरोपीय देशों के मुक़ाबले ज़्यादा है और कुछ अरसा पहले बुर्क़े पर प्रतिबंध के मुद्दे पर यहां की संसद ने एक 32 सदस्यीय आयोग का गठन किया है.

जय गोपालरु
”सूर्य” अक्षय ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। ”सूर्य” हमारे लिए प्रकृति का एक अनुपम वरदान है। ”सूर्य” न केवल हमें रोशनी प्रदान करता है, अपितु हमारे जीवन में ऊर्जा का संचार भी करता है। ”सूर्य” में निहित असीमित सौर ऊर्जा प्रदूषण रहित है एवं नि:शुल्क रूप से हमें प्राप्त है।

सौर ऊर्जा के माध्यम से मेगावॉट स्तरीय विद्युत उत्पादन
सौर ऊर्जा के दोहन हेतु दो प्रकार की तकनीक प्रचलित है। प्रथम सौर थर्मल तकनीक, जिसमें सौर ऊर्जा के माध्यम से बॉयलर में पानी को गर्म किया जाता है व इस गर्म पानी से भाप उत्पन्न होती है। इस प्रकार उपलब्ध भाप से स्टीम टरबाईन के माध्यम से अलटरनेटर चलाकर विद्युत उत्पादित की जाती है।

द्वितीय तकनीक में सौर फोटोवोल्टीक प्रणाली से सौर पैनल्स के माध्यम से सीधे ही विद्युत उत्पादित की जाती है। सौर सेल्स में डी.सी. विद्युत का प्रवाह होता है, जिसे बैट्रियों में संगृहीत कर लिया जाता है व आवश्यकतानुसार संगृहीत डी.सी. विद्युत का उपयोग कर लिया जाता है। यदि डी.सी. विद्युत के स्थान पर ए.सी. विद्युत की आवश्यकता हो, तो सोलर सैल्स के द्वारा उत्पादित डी.सी. विद्युत को ”पॉवर कंडिशनिंग यूनिट” के माध्यम से ए.सी. विद्युत में परिवर्तित कर इसे प्रसारण तंत्र (ग्रिड) में प्रवाहित कर दिया जाता है।

सौर ऊर्जा की प्रतिस्पर्धात्मक लागत तथा वृहद स्तर पर विद्युत उत्पादन संभावना के कारण विश्व एक महत्वपूर्ण तकनीकी क्रांति की ओर अग्रसर हो रहा है। फॉसिल फ्यूल के 50 वर्ष के बाद समाप्त होने तथा पूर्णत: सीमित भंडार के दृष्टिगत परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से विद्युत उत्पादन की दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दूसरी तरफ तकनीकी अनुसंधान तथा विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में सौर ऊर्जा की प्रचुर उपलब्धता के कारण सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की दर में आमूलचूल परिवर्तन संभव है। ऐसा अनुमान है कि आगामी लगभग 10 से 15 वर्षो में सौर ऊर्जा उत्पादन लागत परम्परागत ऊर्जा उत्पादन लागत से कम हो जाएगी। जन सामान्य द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले प्रमुख अक्षय ऊर्जा उपकरण और घरेलू प्रकाश संयंत्र, सोलर कुकर, सोलर लालटेन, सोलर टॉर्च, सोलर जल तापीय संयंत्र (गीजर्स), सोलर पंप आदि होते हैं।

राजस्थान में न केवल देश की अपेक्षा सर्वाधिक सौर उष्मा उपलब्ध है, अपितु यहां अत्यधिक सस्ती भूमि की भी बहुलता है। प्रदेश में 1,00,000 मेगावॉट से भी अधिक संभावित सौर विद्युत क्षमता स्थापना के कारण राजस्थान देश के सर्वोत्तम ”सौर हब” के रूप में उभरकर सामने आ सकता है।

इसी कारण केन्द्र और राजस्थान सरकार राज्य में 3 से 5 हजार मेगावॉट तक का सौर ऊर्जा पॉवर प्लान्ट लगाने पर विचार कर रहे हैं। केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ0 फारूख अब्दुल्ला, ने जयपुर में 20 अगस्त, 2009 को राजीव गांधी अक्षय ऊर्जा दिवस के राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों के बारे में हिन्दुस्तान को एक नया रास्ता दिखा सकता है।

डॉ अब्दुल्ला ने कहा कि जर्मनी तथा कई अन्य यूरोपीय देशों में घरों की छतों पर फोटोवोल्टीक सैल के माध्यम से सौर ऊर्जा पैदा की जा रही है। घर की जरूरत को पूरा करने के बाद बची बिजली को ऊर्जा ग्रिड को बेच दिया जाता है, जिससे व्यक्तिगत एवं देश दोनों को फायदा होता है। उन्होंने कहा कि वे अपने 5 साल के केन्द्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान राजस्थान में हर गांव में अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से बिजली पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

इस अवसर पर राजस्थान के मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि जैसलमेर तथा बाड़मेर में पवन ऊर्जा से 735 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इस वर्ष इसमें 300 मेगावॉट की और वृध्दि की जाएगी। राज्य में 66 मेगावॉट सौर ऊर्जा के 11 प्लान्ट्स स्वीकृत किए गए हैं तथा सौर ऊर्जा में राज्य की सबसे आगे निकलने की संभावना है।

जयपुर शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की नगर निगम की परियोजना को केन्द्र सरकार ने हरी झण्डी दे दी है। इस परियोजना का पूरा खर्च केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय देगा। इस परियोजना का मूल ध्येय जयपुर शहर के पर्यावरण में सुधार के साथ ही विद्युत खर्च में कमी लाना है। योजना के प्रथम चरण में शहर के 700 पार्को में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के लिए सोलर लाइटें लगवाने व योजना के द्वितीय चरण में प्रमुख सड़कों व अन्य स्थानों पर लाइटें लगवाने का प्रस्ताव है, जिससे दो करोड़ रूपये प्रतिमाह बचेंगे।

ऐसे गांव, जहां पर्यावरणीय दृष्टिकोण से कभी भी विद्युत लाईन डालने की अनुमति प्रदान नहीं की जा सकती अथवा सूदूर स्थित इलाकों में छितरी बसावट में रहने वाले लोगों तक विद्युत लाईन डालकर बिजली पहुंचाया जाना राज्य सरकार के लिए ना-मुमकिन सा प्रतीत होता है। राजस्थान में ऐसे गांवों को सौर ऊर्जा की अनेक योजनाओं के अंतर्गत जगमग किया जा रहा है।

ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम
ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सौर घरेलू प्रकाश संयंत्र, सौर पथ प्रकाश संयंत्र एवं एस पी वी पम्प आदि उपकरणों की स्थापना की जाती है। इस योजना के तहत वर्तमान में सौर घरेलू प्रकाश संयंत्र की लागत का लगभग एक तिहाई हिस्सा अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना के तहत वर्ष 2009 तक प्रदेश के लगभग 1,00,000 ग्रामीण घरों में सौर घरेलू प्रकाश उपकरणों की स्थापना की जा चुकी है।

दूरस्थ ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम
दूरस्थ ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत दूर स्थित अविद्युतीकृत ग्रामों का गैर परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकरण किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत सोलर घरेलू विद्युत उपकरण (माडल-प्प्, 37 वॉट) लगाने हेतु उपकरण की बैंच मार्क कीमत की लगभग 90 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। वर्ष 2009 तक इस योजना के तहत लगभग 300 ग्रामों के 12,000 घरों को सौर घरेलू प्रकाश उपकरणों से विद्युतीकृत किया जा चुका है।

स्टैण्ड एलोन सोलर फोटोवोल्टीक पॉवर प्लांट/प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना (पीएम जी वाई)
सौर फोटोवोल्टीक पध्दति पर आधारित इस विद्युत गृह में एक बैट्री बैंक होता है जो इस विद्युत गृह के लिए लगाए गए सौर पैनल्स से चार्ज होता है, जिससे यह सौर किरणों के उपलब्ध न होने (जैसे रात्रि में) या आसमान में बादलों की अवस्था में भी विद्युत उपलब्ध करा सकता है। इस विद्युत गृह में एक खुले क्षेत्र में सौर पैनल्स दक्षिण दिशा को आमुख करके एक विशेष कोण पर लगाये जाते हैं। इनसे प्राप्त डी सी विद्युत को एक पॉवर कंडीशनिंग यूनिट (पी सी यू) द्वारा ए.सी. विद्युत में बदला जाता है, जिससे पारंपरिक विद्युत से चलने वाले उपकरण चलाये जा सकते हैं। इस प्रकार के विद्युत गृह पर लगभग 4 लाख रूपये प्रति किलोवॉट लागत आती है।

सभी सोलर फोटोवोल्टीक उपकरण निर्मात्री कम्पनियां ऐसे विद्युत गृह स्थापित कर सकती हैं। इस विद्युत गृह को गांवों में सर्वसाधारण के उपयोग के लिए लगाने पर भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इस विद्युत गृह पर लगने वाली लागत का आधा हिस्सा अनुदान में उपलब्ध करवाया जाता है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2001-02 में ” प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना ” का शुभारंभ किया गया था, जिसके अंतर्गत सौर ऊर्जा के माध्यम से ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ किया गया। इस योजना में सौर फोटोवोल्टीक पध्दति पर आधारित 10-10 किलोवॉट क्षमता के स्टैंड एलोन पॉवर प्लांट स्थापित किए जाते हैं एवं प्रत्येक गांव में इच्छुक लाभार्थी को विद्युत कनेक्शन देने हेतु एल टी लाइन बिछाई जाती है। इस योजना में प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम 100 वॉट का कनेक्शन प्रदान किया जाता है, जिससे वह अपने घर में लाईट, पंखा, टी.वी. आदि चला सकता है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2004 तक प्रदेश के 83 गांवों के लगभग 2500 घरों को सौर ऊर्जा से रोशन किया जा चुका है।

सौर फोटोवोल्टीक ग्रिड इंटर एक्टिव कार्यक्रम
सौर फोटोवोल्टीक ग्रिड इंटर एक्टिव कार्यक्रम के तहत किसी परिसर विशेष अथवा छत पर सोलर पैनल्स की स्थापना कर दी जाती है। सौर पैनल्स पर सूर्य का प्रकाश पड़ने पर इससे विद्युत का उत्पादन होता है। इस प्रकार इस पैनल्स से उत्पादित विद्युत को ग्रिड में डाल दिया जाता है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा 5 किलोवॉट क्षमता का एक सौर फोटोवोल्टीक ग्रिड इंटर एक्टिव विद्युत गृह स्वयं के कार्यालय भवन पर एवं 25-25 किलोवॉट क्षमता के दो ग्रिड इंटर एक्टिव सौर फोटोवोल्टीक विद्युत गृह नये विधान सभा भवन व राजकीय सचिवालय की छत पर स्थापित किए गए हैं, जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। 100 किलोवॉट क्षमता की एक ग्रिड इंटर एक्टिव परियोजना झुन्झुनू जिले के गोरीर गांव में स्थापित की गई है। इस परियोजना पर 235 लाख रूपये का व्यय हुआ है। भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इस परियोजना की लागत की दो तिहाई राशि केन्द्रीय सहायता के रूप में उपलब्ध कराई गई है।

फ़िरदौस ख़ान

हरियाणा में प्राकृतिक दृष्टि से पर्यटन स्थलों का अभाव रहा है, लेकिन इसके बावजूद यहां ऐसे पर्यटक स्थलों का विस्तार किया गया है, जिसके कारण यह राज्य देश के पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है। हरियाणा ने हाईवे टूरिज्म के बाद रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए फार्म हाउस टूरिज्म को विकसित करने की पहल की है, ताकि देशी और विदेशी पर्यटक राज्य की ग्रामीण जीवन शैली, रीति-रिवाजों और खेत-खलिहानों की झलक पाकर देश के एक अनूठे रंग से वाकिफ हो सकें। हरियाणा पर्यटन निगम ने वर्ष 2003 में विश्व पर्यटन दिवस यानी 27 सितंबर से 'फार्म हॉलिडे' और 'विलेज सफारी' पर्यटन की योजनाएं शुरू की थीं। इसके साथ ही एक और योजना 'म्हारा गांव' भी शुरू की गई है, जो लोगों को हरियाणा की लोक संस्कृति से जोड़ने की बेहतरीन कोशिश है। भारत में अतिथि सत्कार की एक विशेष परंपरा है। 'अतिथि देवो भव' इसी परंपरा को इंगित करता है। सुबह पौ फटते ही देहात में चहचहाते परिन्दें की मधुर आवाजें, खेतों में लहलहाती फसलें, सरसों के झूमते पीले फूल, जोहड़ों में तैरती बत्तखें, चौपालों की बैठकें और हवेलियों या महफिलों में सांग-आल्हा की पौराणिक कथाएं मन को मोह लेने के साथ ही मन-मस्तिष्क पर ग्रामीण अंचल की छाप छोड़ जाती हैं।

हरियाणा धार्मिक और ऐतिहासिक इमारतों की दृष्टि से समृध्द है। चाहे मामला कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का ज्ञान देने का हो, पानीपत की तीन महत्वपूर्ण लड़ाइयों का हो या फिर फिरोजशाह तुगलक द्वारा अपनी प्रेमिका गूजरी के लिए बीहड़ बयांबान जंगल में हिसारे-फिरोजां का निर्माण कर उसमें गूजरी महल बनवाने का हो। यहां के कण-कण में इतिहास बोलता है। राज्य में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा की एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी है। एक किवदंती के मुताबिक देवताओं ने पृथ्वी पर खेती की शुरुआत महाराज कुरु से करवाई थी। उन्होंने सरस्वती नदी द्वारा सिंचित कुरुक्षेत्र जिले के पेहवा कस्बे में स्थित बीड़ बरसवान में पहली बार सोने का हल चलाया था। भगवान विष्णु ने इस भूमि में धान का बीज बोया था। यहां उगी चावल की फसल को बीड़ के नाम पर बासमाती कहा जाने लगा। गौरतलब है कि बासमाती शब्द का अर्थ माटी की सुगंध है। हर साल हरियाणा में करीब 65 लाख पर्यटक आते हैं, जिनमें लगभग एक लाख विदेशी पर्यटक शामिल हैं।

संयुक्त परियोजना के तहत पर्यटन विभाग पुराने ऐतिहासिक व पौराणिक गाथाओं को समेटे भवनों के रख-रखाव में भी अहम भूमिका निभा रहा है, जिसमें महेंद्रगढ़ का माधोगढ़ किला और बल्लभगढ़ में राजा नाहर सिंह का किला भी शामिल है। राज्य का कोई भी राष्ट्रीय राजमार्ग या राजमार्ग ऐसा नहीं है, जहां 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर पर्यटन स्थल न हो। राज्य में सरकार ने 44 पर्यटन स्थलों का फैलाव किया गया है, जो हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा 28 पर्यटन स्थल निजी क्षेत्र चला रहे हैं। कलेसर राज्य का एकमात्र ऐसा पर्यटन स्थल है जो शिवालिक की पहाड़ियों के साथ-साथ हरे-भरे पेड़-पौधों की छटा से घिरा हुआ है। पिंजौर में मनोरंजक पार्क भी स्थापित किया गया। यह स्थल शिवालिक की पहाड़ियों के समीप है, जिसमें बने मुगल गार्डन, जल महल और मानव निर्मित झरने, लघु चिड़िया घर इसके सौंदर्य को और निखार रहे हैं। पंजौर एक ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल है। यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान एक साल का गुप्त समय बिताया था। कालांतर में वही स्थान पिंजौर गार्डन के नाम से जाना जाता है। 17वीं शताब्दी में यह मुगल गार्डन था, जिसकी वास्तुकला का निर्माण बादशाह औरंगजेब के भतीजे नवाब फिदई खान ने कराया था। यह वही नवाब था, जिसने लाहौर में शाही मस्जिद का डिजाइन तैयार किया था। 1775 में पटियाला में महाराज अमर सिंह ने पिंजौर गार्डन को खरीदकर अपनी जमीन में मिला लिया था। वे इसके सौंदर्य को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से इस मुगल गार्डन का दौरा किया करते थे। हरियाणा के गठन के वक्त 1966 में इस मुगल गार्डन को हरियाणा को सौंप दिया गया। मुगल गार्डन के शीश महल व रंग महल को भी पर्यटन केंद्र में तबदील कर दिया गया है।

फरीदाबाद में मेगपाई पर्यटन स्थल पर सिल्वर जुबली हॉल भी पर्यटन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। निजी उद्यमी बड़े स्तर के समारोहों के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। बड़खल पर्यटन स्थल पर तरनताल व झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। पेहवा के अंजन यात्रिका, फरीदाबाद के अरावली गोल्फ क्लब, समालखा के ब्लूजे, सोहना के बाखेट, हिसार के फ्लेमिंगो व ब्लू बर्ड, हांसी के ब्लैक बर्ड, जींद के बुलबुल, उचाना की चक्रवती लेन, सोनीपत के चकोर पर्यटन स्थल, बहादुरगढ़ के डबचीक, यमुनानगर के पेलिकन, नरवाना के हरियाल, पंचकुला के बटायु यात्रिका माता मनसा देवी व रेड विशाप, धारूहेड़ा के जंगल बाबलर, ज्योतिसर के ज्योतिसर कॉम्पलैक्स, पानीपत के काता अम्ब, सैरस दमदमा झील व स्काई लार्क, अम्बाला के किंग फिशर, कैथल के कोयल, रोहतक के मैना व तिलियार झील, महम के नोरंग, कुरुक्षेत्र के नीलकंठी कृष्णा धाम यात्री निवास, उचाना के ओसीस, पिपली के पैराकीट, फतेहाबाद के पपीहा, भिवानी के रेड रोबिन, रेवाड़ी के सैंड पाइपर, गुड़गांव के शमा, आसाखेड़ा के शिकारा, सिरसा के सुरखाव, सुल्तानपुर के बर्ड सैन्यरी, सूरजकुंड के सनबर्ड हर्मीटैज व होटल राजहंस, मोरनी हिल्स के माउंटैन वबैल और पिंजौर के यादविन्द्रा गार्डन में पर्यटन विभाग द्वारा काफी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।

खास बात यह है कि सभी पर्यटन स्थलों के नाम पक्षियों के नाम पर रखे गए हैं, जो स्वच्छ पर्यावरण को इंगित करते हैं। सरकार ने सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी ख़ासा ध्यान दे रही है, लेकिन कुरुक्षेत्र में पर्यटन का विस्तार सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में ही रखा है। राज्य में पर्यटन निगम की स्थापना की गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और राजस्थान से सटा होने की वजह से हरियाणा का महत्व और भी बढ़ जाता है। राज्य में से छह मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुंजरते हैं और राज्य का तेंजी से औद्योगिक विकास भी हुआ है, जिससे दूसरे देशों के उद्योगपति भी अकसर यहां आते रहते हैं। पर्यटन स्थलों पर वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए पेट्रोल पंप भी स्थापित किए गए हैं। इन स्थलों को और मनोरम बनाने के लिए लघु चिड़िया घर व झीलें में नौकायन की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। स्थलों के बाहर खुले हरी-भरी घास से सुसज्जित बड़े लॉन और फलदार पेड़ों व फूलदार पौधों से आकर्षण और ज्यादा बढ़ता है।

दरअसल, अब पर्यटन को स्वच्छ पर्यावरण और भू संरक्षण का एक सशक्त माध्यम मान लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2002 को इको टूरिज्म वर्ष घोषित किया था। हरियाणा पर्यटन निगम भी इस दिशा में काम कर रहा है। हरियाणवी संस्कृति के जरिये पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में मेलों का आयोजन किया जाता है। इनमें सूरजकुंड क्राफ्ट मेला बहुत प्रसिध्द है, जो 1986 में शुरू हुआ था। यह मेला हर साल एक से 15 फरवरी तक आयोजित किया जाता है। इस मेले में हरियाणा संस्कृति के अलावा अन्य राज्यों से आए कलाकार भी अपनी संस्कृति व कला के जलवे बिखेरते हैं। मेले में हस्तकला का कमाल देखने को भी मिलता है। दूर-दराज से आए कारीगर हस्तकला की वस्तुएं बेचते हैं। इतना ही नहीं श्रीलंका की स्टॉल भी यहां लगती है। स्पेशल टूरिज्म बोर्ड के चेयरमैन एसके मिश्रा के मुताबिक सूरजकुंड मेले का मुख्य उद्देश्य लोगों को देश की प्राचीन व गौरवशाली से संस्कृति से जोड़ना है। इसके अलावा हस्तकला निर्मित वस्तुओं की बिक्री के लिए कारीगरों को मंच प्रदान करने की भी कोशिश है। इस मेले में विदेशी पर्यटक व व्यापारी भी आते हैं। हस्तकला की वस्तुएं पसंद आने पर वे कारीगरों को ऑर्डर भी देते हैं, जिससे उन्हें रोजगार मिल जाता है। इससे विदेशों में भारतीय कला का प्रचार-प्रसार भी होता है।

हरियाणा की पर्यटन मंत्री किरण चौधरी का कहना है कि आज की महानगरों व शहरों की भाग-दौड़ की जिन्दगी से उकताए लोग अपना कुछ समय प्रकृति के समीप गुजारना चाहते हैं। उनकी यह ख्वाहिश व जरूरत रूरल टूरिज्म पूरी करता है। हरियाणा के रूरल टूरिज्म के महत्व को समझते हुए हिमाचल प्रदेश ने भी हरियाणा के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत दोनों राज्यों के पर्यटन विभाग मिलकर काम करेंगे।

गौरतलब है कि देश में 1987 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया था। भारत विदेशियों के लिए बेहतरीन पर्यटन स्थल रहा है। वैश्विक आर्थिक संकट और गत 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या घटन से पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है। काबिले-गौर है कि 2008 की पहली छमाही में बीते साल की इसी समयावधि के मुकाबले 11.5 फीसदी अधिक पर्यटक भारत आए थे और इस दौरान विदेशी मुद्रा में होने वाली आय में 22.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। मगर नवंबर-दिसंबर 2008 के दौरान बीते साल की इसी अवधि के मुकाबले 8 फीसदी कम विदेशी पर्यटक भारत आए और विदेशी मुद्रा से होने वाली आय में 13. फीसद की गिरावट दर्ज की गई। इसका असर हरियाणा के पर्यटन उद्योग पर भी पड़ा है।

हालांकि पर्यटन मंत्रालय ने दुनिया के कई देशों में नए सिरे से आक्रामक विज्ञापन अभियान छेड़ा है। मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि 'एड कैम्पेन' से प्रभावित होकर न सिर्फ ज्यादा विदेशी पर्यटक भारत आएंगे, बल्कि इससे भारतीय पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी। इस 'एड कैम्पेन' के तहत एम्सटर्डम की बसों में 'नमस्ते इंडिया एड कैम्पन' आकर्षक कलेवर में पेंट करवाया गया है। पेरिस, ब्यूनस आयर्स और जर्मनी की टैक्सियों पर भारत के पर्यटन स्थलों के चित्र पेंट किए गए हैं। यहां के टैक्सी चालक 'इंक्रेडिबल शर्ट' पहन रहे हैं। बीजिंग और शंघाई के सब-वे में प्रमोशनल पोस्टर लगाए गए हैं। कोरिया की सब-वे रेलों में भी भारत के चित्र लगाए गए हैं। इसके अलावा अमेरिका में कई जगहों पर होर्डिंग्स, केबल कारों और बसों में भी भारत के पर्यटन स्थलों के चित्र लगाकर पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश की गई है।

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फ़िरदौस ख़ान

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Star News Agency (with portal Star News Agency  & Star Web Media) is a reputed and authentic Delhi based news agency having correspondents in all the states, union territories of India and also has vast international news coverage with correspondents and reporters in many different countries.

Star News Agency is available in 60 Indian and foreign languages with the readership of more than 10 crore (100 million) Indian readers and about 125 crore (1,250 million) worldwide readers.

Star News Agency is window to expose yourself to politics, business, international affairs, technology, environment, tourism, art & culture and youth affairs.
You can better advertise your services and products or election campaigns as Star News Agency would be glad to serve its esteemed readers and prospective customers with its utmost efforts.

With Best Regards and Wishes
Group Editor
Firdaus Khan

Managing Editor
Sayed Javed

Cartoonist
Irfan Khan

News Desk Incharge (Central)
Aslam Khan


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इरफ़ान का कार्टून कोना

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