सिराज केसर
फाल्गुन आते ही फाल्गुनी हवा मौसम के बदलने का अहसास करा देती है। कंपकपाती ठंड से राहत लेकर आने वाला फाल्गुन मास लोगों के बीच एक नया सुख का अहसास कराता है। फाल्गुन मास से शुरू होने वाली बसंत ऋतु किसानों के खेतों में नई फसलों की सौगात देता है। पतझड़ के बाद धरती के चारों तरफ हरियाली की एक नई चुनरी ओढ़ा देता है बसंत, हर छोटे–बड़े पौधों में फूल खिला देता है बसंत, ऐसा लगता है एक नये सृजन की तैयारी लेकर आता है बसंत। ऐसे में हर कोई बसंत में अपनी जिंदगी में भी हँसी, खुशी और नयापन भर लेना चाहता हैं। इसी माहौल को भारतीय चित्त ने एक त्योहार का नाम दिया होली। जैसे बसंत प्रकृति के हर रूप में रंग बिखेर देता है। ऐसे ही होली मानव के तन-मन में रंग बिखेर देती है। जीवन को नये उल्लास से भर देती है।

होली नई फसलों का त्योहार है, प्रकृति के रंगो में सराबोर होने का त्योहार है। मूलतः होली का त्योहार प्रकृति का पर्व है। इस पर्व को भक्ति और भावना से इसीलिए जोड़ा जाता है कि ताकि प्रकृति के इस रूप से आदमी जुड़े और उसके अमूल्य धरोहरों को समझे जिनसे ही आदमी का जीवन है।

होली के इस अवसर पर, होली के दिन दिल पर पत्थर रखकर हमें दुखी मन से पानी बचाने की अपील करनी पड़ रही है। पानी की कमी से रंगो की होली की जगह खून की होली होना आये दिन सुनने और पढ़ने को मिल रही है पिछले एक साल के अंदर मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दर्जनों लोगों की मौत पानी के कारण हुए झगड़ों में हुई। संभ्रात शहरियों ने अपने झील, तालाब को निगल डाले हैं। तालाबों को लील चुकीं ये बड़ी इमारतें बेहिसाब धरती की कोख का पानी खाली कर रही हैं। अंधाधुंध दोहन से पीने के पानी में आर्सेनिक, युरेनियम, फ्लोराइड तमाम तरह के जहर पानी जैसे अमृत तत्व में घुल चुके हैं। भावी भविष्य के समाज के जीवन में पानी का हम कौन सा रंग भरना चाहते हैं। क्या हमको यह हिसाब लगाने की जरूरत नहीं है। होली के नाम पर जल स्रोतों में सैंकड़ो टन जहरीले केमिकल हम डाल देंगें। क्या यह उन लोगों के साथ जो खरीद कर पानी नहीं पी सकते अत्याचार नहीं है। बेहिसाब पानी की बर्बादी प्रकृति के अमूल्य धरोहरों की बर्बादी हैं। सत्य यही है कि पंच तत्वों से बनी मानव जाति यदि पानी खो देगी तो अपना अस्तित्व भी खो देगी।

प्रतिदिन हम बगैर सोचे-समझे पानी का उपयोग और उपभोग करते जाते हैं। यह एक अवसर है कि हम अपने भीतर झाँकें और अपना अन्तर्मन टटोलें कि रंगों के इस शानदार त्योहार पर हम पानी की बर्बादी न करें…

बिना पानी के एक दिन गुज़ारने की कल्पना करें तो हम काँप उठेंगे। इस होली पर अपने जीवन में रंगों को उतारें जरूर, लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हमारे आसपास की दुनिया में जलसंकट तेजी से पैर पसार रहा है। इसलिये त्योहार की मौजमस्ती में हम कुछ बातें याद रखें ताकि प्रकृति की इस अनमोल देन को अधिक से अधिक बचा सकें…

होली पर पानी बचाने हेतु कुछ नुस्खे…
• होली खेलने के लिये आवश्यकतानुसार पानी की एक निश्चित मात्रा तय कर लें, उतना पानी स्टोर कर लें फ़िर सिर्फ़ और सिर्फ़ उतने ही पानी से होली खेलें, अधिक पानी खर्च करने के लालच में न पड़ें…

• सूखे रंगों का अधिकाधिक प्रयोग करें।
• सम्भव हो तो प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें, क्योंकि वे आसानी से साफ़ भी हो जाते हैं।
• गुब्बारों में पानी भरकर होली खेलने से बचें।
• जब होली खेलना पूरा हो जाये तभी नहाने जायें, बार-बार नहाने अथवा हाथ-मुँह धोने से पानी का अपव्यय होता है।

होली खेलने के दौरान पानी की बचत के टिप्स
• किसी अलग जगह अथवा किसी बगीचे में होली खेलें, पूरे घर में होली खेलने से घर गन्दा होगा तथा उसे धोने में अतिरिक्त पानी खर्च होगा।
• पुराने और गहरे रंगों वाले कपड़े पहनें ताकि बाद इन्हें आसानी से धोया जा सकता है।
• होली खेलने से पहले अपने बालों में तेल लगा लें, यह एक तरह से बचाव परत के रूप में काम करता है। इसकी वजह से चाहे जितना भी रंग बालों में लगा हो एक ही बार धोने पर निकल जाता है।
• इसी तरह अपनी त्वचा पर भी कोई क्रीम या लोशन लगाकर बाहर निकलें, इससे आपकी त्वचा रूखेपन और अत्यधिक बुरे रासायनिक रंगों के इस्तेमाल की वजह से खराब नहीं होगी।
• अपने नाखूनों पर भी नेलपॉलिश अवश्य कर लें ताकि रंगों और पानी से वे खराब होने से बचें और होली खेलने के बाद भी अपने पहले जैसे स्वरूप में रहें।
• मान लें कि आप बालों में तेल और त्वचा पर क्रीम लगाना भूल भी गये हों तो होली खेलने के तुरन्त बाद शावर अथवा पानी से नहाना न शुरु करें, बल्कि रंग लगी त्वचा और बालों पर थोड़ा नारियल तेल हल्के-हल्के मलें, रंग निकलना शुरु हो जायेंगे और फ़िर कम से कम पानी में ही आपका काम हो जायेगा।
• यदि आप घर के अन्दर अथवा छत पर होली खेल रहे हों, तो कोशिश करें कि फ़र्श पर एक तारपोलीन की शीट बिछा लें, जब होली के रंग का काम समाप्त हो जाये तो वह तारपोलीन आसानी से कम पानी में धोया जा सकता है, जबकि फ़र्श अथवा छत के रंग छुड़ाने में अधिक पानी और डिटर्जेण्ट लगेगा।

पानी के कम से कम उपयोग द्वारा घर की सफ़ाई हेतु टिप्स -
दिन भर होली खेलने के बाद घर-आँगन और छत की धुलाई एक बड़ा काम होता है, लेकिन हमें इस काम में कम से कम पानी का उपयोग करना चाहिये। इस हेतु निम्न सुझाव हैं -

1. दो बाल्टी पानी भर लें, एक बाल्टी में साबुन / डिटर्जेण्ट का पानी लें और दूसरी में सादा-साफ़ पानी लें।
2. दो स्पंज़ के बड़े-बड़े टुकड़े लें।
3. फ़र्श अथवा घर के जिस हिस्से में सबसे अधिक रंग लगे हों वहाँ साबुन के पानी वाले स्पंज से धीरे-धीरे साफ़ करें।
4. इसके बाद साफ़ पानी वाले स्पंज से उस जगह को साफ़ कर लें।
5. सबसे अन्त में एक बार साफ़ पानी से उस जगह को धो लें।
6. सबसे अन्त में सूखे कपड़े अथवा वाइपर से जगह को सुखा लें।

इस विधि से पानी की काफ़ी बचत होगी ही साथ ही रंग साफ़ करने में मेहनत भी कम लगेगी। अधिक गहरे रंगों को साफ़ करने के लिये वॉशिंग सोडा भी उपयोग करें यह अधिक प्रभावशाली होता है, लेकिन इसका उपयोग बहुत कम मात्रा में होना चाहिये वरना अधिक झाग की वजह से पानी अधिक भी लग सकता है। यह करते समय दस्ताने अथवा प्लास्टिक या रबर हाथों में पहनना न भूलें, क्योंकि सोडा अथवा साबुन के लिक्विड आदि हाथों की त्वचा के लिये खतरनाक हो सकते हैं।

पर्यावरण बचाने में सहयोग करें -
यह संयोग ही है कि मार्च के महीने में ही होली और विश्व जल दिवस एक साथ आ रहे हैं। समूचे विश्व और भारत के बढ़ते जलसंकट के मद्देनज़र हमें पानी बचाने के लिये एक साथ मिलकर काम करना चाहिये और होली जैसे अवसर पर पानी की बर्बादी रोकना चाहिये। इस धरती पर लगभग 6 अरब की आबादी में से एक अरब लोगों के पास पीने को भी पानी नहीं है। जब मनुष्य इतनी बड़ी आपदा से जूझ रहा हो ऐसे में हमें अपने त्योहारों को मनाते वक्त संवेदनशीलता दिखानी चाहिये। इस होली पर जितना सम्भव हो अधिक से अधिक पानी बचाने का संकल्प लें…

होली तो अब सामने खेलेंगे सब रंग।
महंगाई ऐसी बढ़ी फीका हुआ उमंग।।

पैसा निकले हाथ से ज्यों मुट्ठी से रेत।
रंग दिखे ना आस की सूखे हैं सब खेत।।

एक रंग आतंक का दूजा भ्रष्टाचार।
सभी सुरक्षा संग ले चलती है सरकार।।

मौसम और इंसान का बदला खूब स्वभाव।
है वसंत पतझड़ भरा आदम हृदय न भाव।।

बना मीडिया आजकल बहुत बड़ा व्यापार।
खबरों के कम रंग हैं विज्ञापन भरमार।।

रंग सुमन का उड़ गया देख देश का हाल।
जनता सब कंगाल है नेता मालामाल।।
-श्यामल सुमन

चांदनी

नई दिल्ली. भांग की वजह से दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है जिससे मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है. साथ ही गर्भवती महिलाओं में भ्रूण पर असर हो सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक भांग से मनोवैज्ञानिक ओर कॉग्नीशन व सर्कुलेशन पर असर होता है। यूफोरिया, एंजाइटी से होने वाले बदलावों के चलते याददाश्त और साइकोमोटर परफार्मेंस पर भांग लेने के बाद सामान्य असर से तीन गुना ज्यादा बढ़ जाता है।

भांग का सेवन करने से हृदय गति, ब्लड प्रेशर में बदलाव के हृदय संबंधी बीमारी के गंभीर परिणाम सामने आते हैं। इसका क्रोनिक प्रभाव दिमाग पर पड़ने के साथ ही ड्रग की तरह लत भी लग सकती है। भांग से यूटेरो में उल्टा असर हो सकता है और इसकी वजह से मस्तिष्क के विकास में गड़बड़ी संभव है और बाद में बोधन क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। भांग के परिणाम धूम्रपान की तरह ही होते हैं जो तंबाकू को धूम्रपान के तौर पर लेते हैं, इसलिए इससे परहेज करना चाहिए। कम उम्र के लोगों में इसका असर वयस्कों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है।

कुछ तथ्य
* बहुत ज्यादा भांग लेने वालों में इसके उल्टे परिणाम के तौर पर दिमागी हालत गड़बड़ाना और क्रोनिक सिजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं होती हैं भले ही कुछ लोग इसे लेना बंद कर दें।
* भांग लेने वाले कुछ लोगों की दिमागी स्थिति अतिसंवेदनशील हो सकती है और इससे खतरे में पलटाव उन लोगों में बढ़ जाता है जो पहले से ही इस तरह की समस्या के षिकार हों और यह उन लोगों में कहीं ज्यादा होने की संभावना होती है जो सिजोफ्रेनिया से ग्रसित होते हैं।
* भांग दिमागी हालत की समस्या वालों में और इसकी गिरफ्त में आने यानी दोनों के लिए ही घातक है।
* दिमाग से जुड़े सिजोफ्रेनिया के मामले में लखनऊ में ऐसे चार मामले दर्ज हो चुके हैं जिन्होंने लम्बे समय तक भांग का सेवन किया और जिसकी वजह से वे समस्या के शिकार बने। सोच में गड़बड़ी और स्पष्ट एकाग्रता न हो तो इससे याददाश्त पर असर पड़ता है।
* भांग लेने से शराब जैसी स्थिति होती है इसलिए इसे लेने के बाद गाड़ी न चलाएं।
* शराब, धूम्रपान और भांग को लोग अकसर एक साथ लेते हैं।

चांदनी
होली का पर्व प्रेम और ख़ुशी का प्रतीक है और इसको समाज व मन में फैली गंदगी को साफ करने के तौर पर मनाया जाना चाहिए। होली पर लड़ाई-झगड़े, हिंसा और अभद्रता से दूर रहें और इसे प्रेम पूर्वक मनाएं. होली पर स्वास्थ्य संबंधी ध्यान भी रखें.

असुरक्षित होली
  • हरा और नीलापन लिए हुए रसायनयुक्त हरे रंग में मैलासाइट ग्रीन होता है जो आंख के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऑरामाइन, मीथाइल वायलेट, रोडामाइन और ऑरेंज टू सभी फोटोटॉक्सि रंग हैं और इनसे त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है।
  • रंग में सीसे का इस्तेमाल भी त्वचा के लिए नुकसानदायक होता है।
  • रसायनिक डाई की जगह प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। फूल जैसे मैरीगोल्ड, चाइनीज रोज़, बटरफ्लाई पी, फ्लेम ऑफ द फारेस्ट आदि से तैयार रंगों को प्रयोग करें।
  • भांग लेने से मानसिक संतुलन गड़बड़ा सकता है जिससे आपके व्यवहार में असर संभव है साथ ही दिमागी हालत में भी उल्टा असर होता है। भांग से दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है जिसके लिए आषंकित व्यक्ति बीटा ब्लॉकर प्री-ट्रीटमेंट ले सकते है और भांग के पड़ने वाले बुरे प्रभावों से बच सकते हैं।
  • शराब पीने के बाद आप फैसला लेने के काबिल नहीं रह जाते साथ ही सड़क दुर्घटना का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • गुब्बारों के प्रयोग से आंखों को नुकसान होने के साथ ही सिर में भी जख्म हो सकता है।
  • होली के दौरान डेट रेप ड्रग्स से भी सावधान रहें और अजनबियों के साथ होली न खेलें।
  • संवेदनशील अंगों में रंग न डालें जैसे कि आंख। अगर आंख में रंग पड़ ही जाए तो तुरंत नल से बहते हुए पानी से उसे धो लें, अगर फिर भी आराम न मिले तो जल्द चिकित्सा सुविधा लें।
कुछ उपाय
  • दांतों के बचाव के लिए डेंटल कैप्स का इस्तेमाल करें।
  • नुकसानदायक रसायन वाले रंगों से बचाव के लिए धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें।
  • पुराने या चलताऊ किस्म के कपड़े पहनें।
  • फुल बांह की टी-शर्ट या शर्ट पहनें जिससे पूरी भुजा ढकी रहे।
  • मोजे पहनें।
  • चमकदार और गहरे रंग के कपड़ों को प्राथमिकता दें।
  • जब आप पर कोई जबरदस्ती रंग लगाए तो आंखें और होंठ जोर से बंद रखें।
  • अपने शरीर और बालों में नारियल का या कोई अन्य तेल लगाएं, ताकि रंगों का उस पर असर न हो। इसके बाद में रंगों को साफ करने में भी आसानी होती है।
  • जब रंग को साफ करें तो गुनगुने पानी का प्रयोग करें और आंखों व मुंह को जोर से बंद रखें।
  • सफर के दौरान कार के शीशे पूरी तरह बंद रखें।
  • बालों को बचाने के लिए हैट या कैप का इस्तेमाल करें।
  • दोस्तों के एक समूहों को जो हुड़दंग कर रहे हों, उनके साथ शामिल न हों।
  • बेहतर यही है कि आप इनसे किनारा कर लें या फिर ऐसी जगह पर रुक जाएं जहां आप अपने आपको सुरक्षित महसूस करें।
  • बच्चों को अंडे, मिट्टी या गटर के पानी से होली खेलने से मना करें।
  • अबीर के इस्तेमाल से परहेज करें, क्योंकि इसमें सीसा मिला होता है।
  • बच्चों को अपने पड़ोसियों के साथ जबरन होली खेलने से रोकें।
  • होली के दिन अकेले गली में न टहलें।
  • पाउडर कलर और पानी का इस्तेमाल करें।
  • अपने बच्चों के लिए बड़ी बाल्टी में पानी भरकर रखें, ताकि वे गटर के पानी या अन्य गंदे पानी का इस्तेमाल न करें।

चांदनी
नई दिल्ली. होली के दौरान बच्चों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले गुब्बारे खतरनाक साबित हो सकते हैं और इससे आंखों या सिर तक को गंभीर नुकसान हो सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक अधिकतर सिंथेटिक रंग आंखों या त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। घर में तैयार किए जाने वाले रंग हमेशा बेहतर होते हैं। रसायनिक रंगों में भारी धातु जैसे सीसा हो सकती हैं और ये आंख और त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या जो भारी धातु की वजह से होते हैं उनमें स्किन एलर्जी, डर्माटाइटिस, त्वचा का सूखना या चैपिगं, स्किन कैंसर, राइनाइटिस, अस्थमा और न्यूमोनिया शामिल हैं।

कैसे खुद बनाएं रंग

  • आटे में हल्दी मिलाकर पीला रंग बनाएं।

  • 'टेसू'' के फूल की पत्ती से केसरिया रंग तैयार करें।

  • 'चुकन्दर' के टुकड़ों को पानी में भिगोकर मैजेंटा रंग बना सकते हैं।
क्या करें :
अगर रंग में रसायनिक तत्व होंगे तो इससे आंखों में हल्की एलर्जी होगी या फिर बहुत तेज जलन होने लगेगी। मरीज में एलर्जी की समस्या, कैमिकल बर्न, कॉर्नियल एब्रेशन और आंखों में जख्म की समस्या हो सकती हैं।होली के दौरान आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर रंग हल्के लाल रंग के होते हैं और इसका असर 48 घंटे तक रहता है। अगर आंख की दृष्टि स्पष्ट न हो तो तुरंत इमरजेंसी में दाखिल कराया जाना चाहिए।
रंग में मिलाए जाने वाले तत्व (गुलाल में मिलाया जाने वाला चमकदार अभ्रक) से कॉर्निया को नुकसान हो सकता है। कॉर्नियल अब्रेशन एक इमरजेंसी की स्थिति होती है और इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
फस्ट एड : अगर कोई भी रंग आंख में चला जाता है तो इसे बहते हुए नल से धोएं। अगर दृष्टि में कमी हो तो कॉर्नियल अब्रेशन से बचाव के लिए आंख के डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी ने रंगों के त्यौहार होली के शुभ अवसर पर देश के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि होली के रंग लोगों को प्रफुल्लित करने समाज के ढांचे को मजबूत करने और त्यौहार को मनाने के लिए लोगों में एकता लाने में सहायक हैं।

उन्होंने अपने संदेश में कहा कि रंगों के त्यौहार होली के शुभ अवसर पर अपने देश के लोगों को मेरी बधाई और शुभकामनाएं। होली विभिन्नता में एकता कि हमारी परंपरा की याद दिलाती है और बसंत ऋतु के आगमन की जिज्ञासा के साथ पूरे देश में मनाई जाती है। होली के रंग लोगों को प्रफुल्लित करने समाज के ढाचे को मजबूत करने और त्यौहार को मनाने के लिए लोगों में एकता लाने में सहायक हैं। यह त्यौहार हमारे जीवन को खुशियों और शान्ति से भर दे।

चांदनी
होली के अवसर पर प्राकृतिक हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करें अन्यथा आप इनसे गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दावत दे सकते हैं। एक अन्य तरीका चंदन का टीका इस्तेमाल करने का है। पर्व का गहराई से मतलब अपने अंदर की गंद को हटाना है और लोगों के बीच प्यार फैलाना है। रासायनिक रंग, भांग और शराब का अंधाधुंध सेवन इन सब से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

एम्स की एक रिपोर्ट में दिखाया जा चुका है कि हरा/नीले से जुड़े हरे रंगों का संबंध ऑक्युलर टॉक्सिसिटी से है। अधिकतर 'प्लेजिंग टू आई' रंग बाजार में मौजूद हैं जो टॉक्सिक होते हैं ओर इनकी वजह से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। मैलाशाइट ग्रीन का इस्तेमाल होली में बहुत होता है और इसकी वजह से आंखों में गंभीर खुजलाहट की समस्या के साथ ही एपिथीलियल को नुकसान होता है, इसलिए इसे कॉर्नियाल के आसपास नहीं लगाना चाहिए।

इनके अलावा सस्ते रसायन जैसे सीसा, एसिड, एल्कलीज, कांच के टुकड़े से न सिर्फ त्वचा संबंधी समस्या होती है, बल्कि एब्रेषन, खुजलाहट या झुंझलाहट के साथ ही दृष्टि असंतुलित हो जाती है और सांस संबंधी समस्या व कैंसर का भी खतरा रहता है। एल्कलीन वाले रंगों से जो जख्म होने की समस्या होते हैं वे किस तरह और कैसे संपर्क में आते हैं, उसके हिसाब से ही गंभीरता को तय करते हैं।

व्यापक तौर पर बाजार में रंगों की तीन श्रेणियां हैं- पेस्ट, ड्राई पाउडर और पानी वाले रंग। समस्या तब बढ़ती जाती है जब इनको तेल के साथ मिलाकर त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर इनऑर्गेनिक ड्राई कलर या गुलाल में दो तत्व होते हैं- एक कलरेंट जो टॉक्सिक हो सकता है और दूसरा एस्बेसटस या सिलिका होता है. दोनों से ही स्वास्थ्य संबंधी खतरे होते हैं। सिलिका से त्वचा पर असर होता है, जबकि एस्बेसटस को मानव कार्सिनोजेन के तौर पर जाना जाता है जिससे कैंसर हो सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल भी लोगों को प्राकृतिक हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. ईद मिलाद-उन-नबी पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, "पैगम्बर मोहम्मद के मानवता, शांति और सद्भाव के संदेश हमें प्रेरित करें और विश्व बंधुत्व की राह पर ले जाने का रास्ता दिखाएं। इस अवसर पर मैं अपने सभी नागरिकों को शुभकामनाएं देती हूं।"

उपराष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, "पैगम्बर मोहम्मद साहब ने मानवता को करूणा, सहिष्णुता, प्रेम, भाईचारे और सदाचार की राह दिखाई। उनके संदेश में मानव को अज्ञान हिंसा और नैतिक पतन से उठकर शांति, नैतिकता और आध्यात्मिकता की ओर ले जाने की शक्ति है। उनके संदेश की रोशनी हम सब को एकता के सूत्र में बांधने और शांति तथा समन्वय के पथ पर चलने में हमारा मार्गदर्शन करेगी।"
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा, "पैगम्बर साहब के उपदेश हमें वैश्विक शांति और भाईचारे के लिए काम करने की प्रेरणा देते हैं।"

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए पेट्रोल और डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 1-1 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल की कीमतों में होने वाली अनियमित घट-बढ़ के चलते सरकार ने जून, 2008 में कच्चे पेट्रोलियम को बुनियादी सीमा शुल्कों से पूरी छूट दी और परिष्कृत उत्पादों पर बुनियादी शुल्क में आनुपातिक कटौती की थी।

उन्होंने कहा कि राजकोषीय समेकन के पथ पर फिर से अग्रसर होने की जबर्दस्त जरूरत को देखते हुए कच्चे पेट्रोलियम पर 5 प्रतिशत, डीजल और पेट्रोल पर 7.5 प्रतिशत तथा अन्य परिष्कृत उत्पादों पर 10 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क को बहाल करने का प्रस्ताव करता हूं।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. लोक सभा में आज वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने केन्द्रीय उत्पाद शुल्कों में कटौती दर आंशिक रूप से वापस लेने तथा गैर पेट्रोलियम उत्पादों पर मानक दर बढ़ाकर यथामूल्य 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत करने की घोषणा की है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत अब और अधिक व्यापक और स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए लगातार तीन राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेजों से सुधार की प्रक्रिया को काफी मदद मिली है। मुखर्जी ने कहा कि आर्थिक निष्पादन में हुई बेहतरी तब भी राजकोषीय सुधार को प्रोत्साहित करती है, जब वैश्विक स्थिति सावधानी बरतने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि पोर्टलैंड सीमेंट और क्लिंकर सीमेंट पर प्रयोज्य शुल्क की विशिष्ट दरें भी आनुपातिक रूप से समायोजित की जा रही हैं और अधिक रखी जा रही हैं। इसी तरह बड़ी कारों, बहु-उपयोगी वाहनों तथा खेल में प्रयुक्त वाहनों पर उत्पाद शुल्क का यथामूल्य घटक, जो प्रथम प्रोत्साहन पैकेज के भाग के रूप में घटाया गया था, में 2 प्रतिशतांक की बढोतरी करके 22 प्रतिशत किया जा रहा है।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. लोक सभा में आज वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण के लिए 1900 करोड़ रुपए का आबंटन किया। उन्होंने कहा कि पिछले बजट के दौरान भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण के गठन और इसके व्यापक कार्यकरण सिध्दान्तों एवं पहली अनन्य पहचान संख्याओं के प्रदाय समय-सीमा की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्री ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्राधिकरण का गठन कर लिया गया है और यह आगामी वर्ष में पहली अनन्य पहचान संख्याएं जारी करने की अपनी वचनबध्दताएं पूरी करने में समर्थ होगा। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय समावेशन और लक्षित सब्सिडी भुगतानों के लिए प्रभावी मंच भी प्रदान करेगा।

वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि आईटी परियोजनाओं जैसे कर सूचना नेटवर्क, नई पेंशन योजना, राष्ट्रीय राजकोष प्रबंधन एजेंसी, व्यय सूचना नेटवर्क, वस्तु एवं सेवाकर विभिन्न चरणों में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावी कर प्रशासन और वित्तीय अभिशासन प्रणाली के लिए ऐसी आईटी परियोजनाओं के सृजन की आवश्यकता है, जो विश्वसनीय, सुरक्षित और सक्षम हो। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रौद्योगिकीय और प्रणाली विषयक मामलों की जांच के लिए नन्दन निलेकानी की अध्यक्षता में एक अनन्य परियोजना प्रौद्योगिकी सलाहकार समूह की स्थापना की जाएगी।

फ़िरदौस ख़ान
नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में आम बजट 2010-11 पेश कर दिया. इस बजट में सरकार के समक्ष आने वाली चुनौतियां, प्रमुख क्षेत्रों को किए गए आंवटन और मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

  • यथाशीघ्र विकासपथ पर वापस आकर सकल घरेलू उत्पाद को 9 प्रतिशत करना और तब दहाई अंक विकास बाधा को पार करने के लिए साधनों का पता लगाना।

  • अधिकाधिक समावेशी विकास के लिए हालिया उपलब्धियों को समेकित करने के लिए आर्थिक विकास बढ़ाना।

  • अभिशासन के विभिन्न स्तरों पर सरकारी तंत्रों, ढांचाओं और संस्थाओं में कमजोरियों का समाधान करना।

  • भारत विश्व के प्रथम देशों में एक है जो वैश्विक अवमंदन के नकरात्मक निक्षेप का सामना करने के लिए व्यापक आधारित प्रति चक्रीय नीतिगत पैकेज का क्रियान्वयन कर रहा है।

  • दिसंबर, 2009 में विनिर्माण क्षेत्र में वृध्दिदर 18.5 प्रतिशत, यह विगत दो वर्षों में सबसे अधिक है।

  • 2009-10 की दूसरी छमाही के दौरान मुख्य चिंता दो-अंकीय मुद्रास्फीति का प्रादुर्भाव रहा है। सरकार ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मंत्रणा करके आदेशात्मक कदम उठाए हैं जिससे आगामी कुछ महीनों में मुद्रास्फीति कम होनी चाहिए और साथ ही देश में खाद्य सुरक्षा का बेहतर प्रबंधन भी सुनिश्चित होना चाहिए।

  • तेरहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर राजकोषीय नीति बनाई गई है जिसने विगत दो वर्षों की विस्तारकारी राजकोषीय स्थिति से अंशांकित निकास कार्यनीति की सिफारिश की है।

  • यह पहली बार होगा कि सरकार अपनी घरेलू सकरारी ऋण स.घ.उ अनुपात में सुस्पष्ट कटौती का लक्ष्य रखेगी।

  • सरकार एक अप्रैल, 2011 से प्रत्यक्ष कर संहिता को लागू करने की स्थित में होंगी और वस्तु एवं सेवा कर अप्रैल, 2011 में लागू करने का प्रयास किया जाएगा।

  • आयल इंडिया लिमिटेड, एनएचपीसी, एनटीपीसी, और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम में स्वामित्व को व्यापक आधार प्रदान किया गया है, जबकि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम और सतलुज जल विद्युत निगम में यह प्रक्रिया चल रही है। यह मौजूदा वर्ष में 25000 करोड़ रुपये जुटाएगी, जबकि 2010-11 के दौरान इससे अधिक राशि जुटाने का प्रस्ताव है।

  • सरकार द्वारा उर्वरक क्षेत्र के लिए एक पोषण आधारित सब्सिडी नीति मंजूर की है और यह 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी होगी।

  • पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य निर्धारण की व्यवहार्यपरक एवं टिकाऊ प्रणाली के लिए विशेषज्ञ समूह द्वारा की गई सिफारिशों को यथा समय लागू किया जाएगा।

  • एफडीआई व्यवस्था को सरल बनाने के लिए भारतीय कंपनियों में अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आकलन की पध्दति स्पष्ट तौर पर परिभाषित की गयी है तथा मूल्य निर्धारण और प्रौद्योगिकी अंतरण शुल्क तथा ट्रेडमार्क, ब्रांड नेम का भुगतान एवं रॉयल्टी भुगतानों को पूर्णत: उदार बनाया गया है।

  • सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को 165,000 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध कराई जा रही है ताकि वे 31 मार्च, 2011 तक न्यूनतम 8 प्रतिशत टियर- कैपिटल प्राप्त कर सकें।

  • निर्यात पर 2 प्रतिशत की मौजूदा ब्याज आर्थिक सहायता को एक वर्ष और बढाया जा रहा है जिसमें हस्तशिल्प, कालीन, हथकरघा और लघु एवं मध्यम उद्यम शामिल हैं।

  • देश के पूर्वी क्षेत्रों, जिसमें बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा शामिल हैं, में हरित क्रांति के लिए 400 करोड़ रूपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

  • बैंकों से किसानों के लिए ऋण वर्ष 2010-11 के लिए 3,75,000 करोड़ रूपए निर्धारित किया गया है।

  • किसानों द्वारा लिए गए ऋण की अदायगी राज्यों में हाल के सूखे एवं भयंकर बाढ़ के मद्देनजर किसानों के लिए ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना 31दिसंबर, 2009 से 30 जून, 2010 तक छह माह के लिए बढ़ाई गई है।

  • आधारभूत संरचना के विकास के लिए 1,73,552 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए, जो कुल आयोजना आबंटनों का 46 प्रतिशत से अधिक है।

  • सड़क परिवहन के लिए आबंटन 13 प्रतिशत बढ़ाकर 17,520 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 19,894 करोड़ रूपए कर दिया गया है।

  • रेलवे के लिए 16,752 करोड़ रुपये की व्यवस्था, यह पिछले वर्ष की तुलना में 950 करोड़ रुपये अधिक है।

  • राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के सिवाय, विद्युत क्षेत्र के लिए आयोजना आबंटन 2009-10 में किए गए 2230 करोड़ रुपये से दोगुणा करके 2010-11में 5,310 करोड़ रुपये किया गया है।

  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के लिए आयोजना परिव्यव 2009-10 में किए गए 620 करोड़ रुपये से 61 प्रतिशत बढ़ाकर 2010-11 में 1,000 करोड़ रुपये किया गया है।

  • स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और नवोन्मेष परियोजनाओं के निधि पोषण हेतु राष्ट्रीय स्वच्छता ऊर्जा निधि की स्थापना।

  • राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण के लिए आबंटन 2010-11 में दोगुणा कर 500 करोड़ रुपये करना।

  • सामाजिक क्षेत्र पर खर्च कुल आयोजना व्यय क्रमिक रूप से बढ़ाकर 1,37,674 करोड़ रूपए करना, जो 2010-11 में कुल आयोजना परिव्यव का 37 प्रतिशत है।

  • स्कूली शिक्षा के लिए आयोजना आवंटन 2009-10 में 26,800 करोड़ रुपये से 16 प्रतिशत बढ़ाकर 2010-11 में 31,036 करोड़ रुपये करना।

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय हेतु आयोजना आवंटन 2009-10 में 19,534 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2010-11 में 22,300 करोड़ रुपये करना।

  • 2000 से अधिक की जनसंख्या वाली बस्तियों में मार्च, 2012 तक समुचित बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना।

  • ग्रामीण विकास के लिए 66,100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।

  • महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का आवंटन बढ़ाकर 2010-11 में 40,100 करोड़ रुपये करना।

  • भारत निर्माण के तहत ग्रामीण अवसंरचना कार्यक्रम के लिए 48,000 करोड़ रुपये आबंटित।

  • पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि का आवंटन 2009-10 के 5,800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2010-11 में बढाक़र 7,300 करोड़ रुपये करना।

  • बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे से निपटने के लिए 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मुहैया कराना।

  • शहरी विकास के लिए आवंटन 75 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी करके इसे 2009-10 के 3060 करोड़ रुपये से 2010-11 में 5400 करोड़ रूपए करना।

  • आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन के लिए आवंटन 850 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2010-11 में 1000 करोड़ रुपये करना।

  • राजीव आवास योजना के लिए पिछले वर्ष के 150 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,270 करोड़ रुपये करना।

  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए 1,794 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2010-11 के लिए इसे 2400 करोड़ करना।

  • 1000 करोड़ रुपये के आरंभिक आवंटन के साथ बुनकरों, ताड़ी बनाने वालों, रिक्शाचालकों, बीड़ी बनाने वाले जैसे असंगठित क्षेत्रों के कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि स्थापित की जाएगी।

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मनरेगा के श्रमिकों को भी मिलेगा।

  • राष्ट्रीय दक्षता विकास निगम ने एक लाख प्रति वर्ष की दर से 10 लाख कुशल जनशक्ति के निर्माण के लिए 45 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन परियोजनाएं मंजूर की हैं।

  • महिला एवं बाल विकास के लिए आयोजना परिव्यय में लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी।

  • महिला साक्षरता दर में और सुधार के लिए 'साक्षर भारत' नामक कार्यक्रम आरंभ किया गया है।

  • अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का आयोजना आवंटन वर्ष 2010-11 के लिए 50 प्रतिशत बढ़ाकर 1,740 करोड़ रुपये करना।

  • भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण को 2010-11 के लिए 1900 करोड़ रुपये आवंटित।

  • रक्षा हेतु आंवटन बढ़ाकर 1,74,344 करोड़ रुपये करना जिसमें पूंजी व्यय के लिए 60,000 करोड़ रुपये भी शामिल है।

  • योजना आयोग द्वारा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में एक एकीकृत कार्य योजना तैयार करना।

  • सकल कर प्राप्तियां 7,44,651 करोड़ रुपये अनुमानित है।

  • कर राजस्व-भिन्न प्राप्तियां 1,48,118 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

  • 2010-11 में केंद्र को प्राप्त निवल कर राजस्व के साथ साथ व्यय के प्रावधान को तेरहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर अनुमान लगाया गया है।

  • आयोजना तथा आयोजना भिन्न व्यव 2010-11 में क्रमश: 3,73,092 करोड़ रुपये और 7,35,657 करोड़ रुपये अनुमानित है। पिछले वर्ष के बजट अनुमान की तुलना में आयोजना व्यय में 15 प्रतिशत, जबकि आयोजना भिन्न व्यय में केवल 6 प्रतिशत की वृध्दि हुई है।

  • 2010-11 के लिए राजकोषीय घाटा स.घ.उ का 5.5 प्रतिशत है जो 3,81,408 करोड़ रुपये बैठता है।

  • राजकोषीय घाटे के लिए विभिन्न अन्य वित्तपोषण की मदों को देखते हुए 2010-11 में सरकार का वास्तविक निवल बाजार 3,45,010 करोड़ रूपए होगा। इससे निजी क्षेत्र को ऋण संबंधित जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त गुंजाइश होगी।

  • राजकोषीय घाटे के लिए भावी लक्ष्य 2010-11 और 2012-13 हेतु क्रमश: 4.8 प्रतिशत और 4.1 प्रतिशत हैं।

  • 2008-09 में 7.8 प्रतिशत राजकोषीय घाटा जिसमें तेल और उर्वरक शामिल हैं, के मुकाबले 2009-10 के संशोधित अनुमानों के अनुसार 6.9 प्रतिशत है।

  • तेल और उर्वरक कंपनियों को बांड जारी करने से बचने के लिए सचेत प्रयास किया गया है। सरकार सब्सिडी नकद में देने की यह परिपाटी जारी रखना चाहेगी जिससे सब्सिडी से संबंधित देनदारियां सरकार के वित्तीय लेखांकन के तहत आ जाएंगी।

  • घरेलू कंपनियों पर मौजूदा अधिभार 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करना।

  • न्यूनतम वैकल्पिक कर बही लाभों के लिए 15 प्रतिशत की वर्तमान दर से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करना।

  • प्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्तावों से इस वर्ष 26,000 करोड़ रुपये की राजस्व हानि होने का अनुमान है।

  • केंद्रीय उत्पाद शुल्कों में कटौती दर आंशिक रूप से वापस ली जा रही है तथा सभी गैर पेट्रोलियम उत्पादों पर मानक दर बढ़ाकर यथामूल्य 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की जा रही है।

  • रेफ्रीजेरेटिड वैन या ट्रकों के विनिर्माण के लिए अपेक्षित रेफरीजेरैशन यूनिटों को सीमा शुल्क से पूर्ण छूट देना।

  • भारत में निर्मित न किए गए निर्दिष्ट कृषि मशीनरी के लिए 5 प्रतिशत रियायती सीमा शुल्क प्रदान करना।

  • कृषि बीजों के परीक्षण एवं प्रमाणन को सेवा कर से छूट देना।

फ़िरदौस ख़ान
नयी दिल्ली. लोकसभा में आज पेश किए गए वर्ष 2010-11 के आम बजट में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अर्थव्यवस्था की रफ़्तार तेज करने और आम आदमी को न्याय दिलाने के उद्देश्य से कई उपायों का प्रस्ताव किया। हर चुनौती से वाकिफ वित्त मंत्री ने बताया कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था एक वर्ष पहले की स्थिति के मुकाबले बहुत बेहतर स्थिति में है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आज चुनौतियां, नौ महीने पहले जब सोनिया गांधी के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार वापस सत्ता में आई थी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने दूसरी बार सरकार का गठन किया था, के मुकाबले कम हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि हमारे सामने पहली चुनौती 9 प्रतिशत के उच्च सकल घरेलू उत्पाद के वृध्दि के रास्ते पर तेजी से लौटने और फिर दोहरे अंक के वृध्दि अवरोध को पार करने हेतु साधनों को पाने की है। इसके लिए विगत कुछ महीनों में देखी गई वृध्दि में प्रभावशाली सुधार को नई गति प्रदान करने की आवश्यकता है। दूसरी चुनौती विकास को अधिक समावेशी बनाने में हालिया उपलब्धियों के समेकन हेतु आर्थिक वृध्दि को सही ढंग से काम में लाने की है। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को और बढ़ाना होगा जिससे एक निश्चित समय सीमा में वांछित उद्देश्यों को हासिल किया जा सके। तीसरी चुनौती प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर सरकारी प्रणलियों, संरचनाओं और संस्थाओं में कमजोरियों से संबंधित है। वास्तव, में आने वाले वर्षों में, यदि कोई कारक हमें एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में हमारी क्षमता को साकार करने में बाधक हो सकता है तो वह हमारी सार्वजनिक वितरण प्रणालियों की अड़चन है। इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर अनेक पहल की गई हैं, लेकिन इस मोर्चे पर कामयाबी की संतुष्टि होने से पूर्व हमें बहुत कुछ करना बाकी है।

अपने बजट भाषण को जारी रखते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि एक जटिल अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कठिन कार्य है, विशेषकर तब जब यह वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में एक विकासशील अर्थव्यवस्था है। वैश्विक मंदी के प्रभावों से सफलता पूर्वक उबरने के बाद, हमें विकास में पुन: आई तेजी को आगे बढ़ाने और मध्यावधि में इसे बनाये रखने हेतु देश के वृहत आर्थिक वातावरण को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि घरेलू मांग को बढ़ाने में वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज की सफलता का पता इसकी संरचना से लगाया जा सकता है। सरकार का दृष्टिकोण प्रत्यक्ष करों में कटौतियां करके और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम तथा ग्रामीण अवसंरचना जैसे कार्यक्रमों पर सरकारी व्यय बढाक़र लोगों के हाथों में खर्च योग्य आमदनी बढ़ाने का था। अब, जबकि स्थिति में सुधार होने लगा है, सरकारी खर्चों की समीक्षा करने, संसाधन जुटाने और उन्हें अर्थव्यवस्था की उत्पादकता बढ़ाने में लगाने की आवश्यकता है। इसी तरह राजकोषीय समेकन प्रक्रिया के भाग के रूप में यह पहली बार होगा कि सरकार घरेलू सरकारी ऋण-स.घ.उ. अनुपात में एक सुस्पष्ट कटौती का लक्ष्य तय करेगी।

कर सुधार के बारे में उन्होंने बताया कि प्रत्यक्ष कर संहिता के संबंध में हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया जा चुका है। सरकार पहली अप्रैल 2011 से प्रत्यक्ष कर संहिता को लागू करने की स्थिति में होगी। वस्तु एवं सेवा कर के संबंध में उन्होंने कहा कि हम इसकी संरचना पर एक व्यापक सहमति बनाने में ध्यान केन्द्रित करते रहे हैं। नवंबर, 2009 में राज्यों के वित्त मंत्रियों की सशक्त समिति ने वस्तु एवं सेवा कर संबंधी पहला परिचर्चा पत्र आम जनता की जानकारी के लिए प्रस्तुत किया। 13वें वित्त आयोग ने वस्तु एवं सेवा कर के संबंध में अनेक महत्त्वपूर्ण सिफारिशें की हैं, जिनसे इस बारे में चल रहे विचार-विमर्शों में सहायता मिलेगी।

उर्वरक सब्सिडी के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने 2009 के अपने बजट भाषण में उर्वरक सेक्टर के लिए सब्सिडी देने की घोषणा की थी। सरकार द्वारा तदन्तर, उर्वरक सेक्टर के लिए एक पोषण आधारित सब्सिडी नीति मंजूर की गई है और यह पहली अप्रैल 2010 से प्रभावी होगी। उन्होंने आशा जताई कि इस नीति से नए पुष्ट उत्पादों के जरिए संतुलित उर्वरक प्रयोग को प्रोत्साहन मिलेगा और इस नीति का फोकस उर्वरक उद्योग द्वारा विस्तार सेवाओं पर होगा।

उन्होंने बताया कि हमने पिछले वर्ष बजट दस्तावेजों के भाग के रूप में न केवल राजकोषीय रोड मैप का पालन किया बल्कि इसमें सुधार भी किए। वर्ष 2008-09 की देयताओं की पूर्ति करने के सिवाय हमने तेल अथवा उर्वरक बांड जारी नहीं किये।

उन्होंने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के बारे में बताया कि इस वर्ष विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) अर्न्तप्रवाह वैश्विक पूंजी प्रवाहों में गिरावट के बावजूद सतत बना रहा। भारत में अप्रैल-दिसंबर, 2009 के दौरान 20.9 बिलियन अमरीकी डॉलर का एफडीआई इक्विटी अन्तर्प्रवाह प्राप्त हुआ, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 21.1 बिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त हुआ था।

वर्ष 2008-09 के वित्तीय संकट से संपूर्ण विश्व में बैंकिंग तथा वित्तीय बाजारों की संरचना में मूलभूत अन्तर आया। वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के तंत्र को सुदृढ़ बनाने तथा सांस्थानिक रूप देने की दृष्टि से सरकार ने एक शीर्ष स्तरीय वित्तीय स्थायित्व और विकास परिषद स्थापना करने का निर्णय लिया है। बैंकिंग लाइसेंस के बारे में बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक निजी क्षेत्र के भागीदारों को कुछ अतिरिक्त बैंकिंग लाइसेंस देने पर विचार कर रहा है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर भी विचार किया जा सकता है, बशर्ते वे भारतीय रिजर्व बैंक के पात्रता मानदंडों की पूर्ति करें।
वित्त मंत्री ने बताया कि देश में कारपोरेट गवर्नेंस तथा विनियम में सुधार, समग्र निवेश माहौल बनाने का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार ने संसद में कंपनी विधेयक 2009 प्रस्तुत किया है। यह मौजूदा कंपनी अधिनियम, 1956 का स्थान लेगा। यह प्रस्तावित नया विधेयक बदलते कारोबारी माहौल के परिप्रेक्ष्य में कारपोरेट क्षेत्र में विनियम से संबध्द मुद्दों का समाधान करेगा।

कृषि क्षेत्र हमारे संकल्प का केन्द्र बिन्दु है। इस क्षेत्र में विकास की गति बढ़ने के लिए सरकार का इरादा चतुर्थ स्तरीय कार्य योजना का अनुसरण करने का है जिसमें (क) कृषि उत्पादन (ख) उत्पाद की बर्बादी की कमी (ग) किसानों को त्रऽण सहायता और (घ) खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर जोर देना शामिल हैं।

उन्होंने आर्थिक विकास को बनाए रखने हेतु सड़कों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों तथा रेलवे जैसे उच्च गुणवत्ता वाले वास्तविक आधारभूत संरचना के त्वरित विकास पर बल दिया। इसके लिए वर्ष 2010-11 के बजट में आधारभूत संरचना के विकास हेतु 1,73,552 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है जो कुल आयोजना आबंटन का 46 प्रतिशत से अधिक है।

विद्युत क्षेत्र में क्षमता वर्धन की उच्च प्राथमिकता को देखते हुए विद्युत क्षेत्र हेतु आयोजना आबंटन को 2009-10 में किए गए 22330 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2010-11 में 5130 करोड़ रुपये करते हुए दुगुने से अधिक कर दिया गया है। इसी प्रकार जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन में भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित करने हेतु इस मिशन के तहत वर्ष 2022 तक 20000 मेगावाट के ऊर्जा उत्पादन का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय हेतु योजना परिव्यय को 61 प्रतिशत बढ़ाकर 2009-10 में किए गए 620 करोड़ रुपये से 2010-11 में 1000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।

नकारात्मक पर्यावरणीय परिणामों तथा औद्योगिकरण और शहरीकरण से संबध्द वर्धित प्रदूषण स्तरों में सुधार करने के लिए उन्होंने बजट 2010-11 में अनेक सकारात्मक उपाय करने का प्रस्ताव भी रखा है जिसके तहत तिरूपुर, तमिलनाडु में स्थित टेक्सटाइल निटवेयर क्लस्टर उद्योग को बनाए रखने हेतु जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्रणाली के स्थापन की लागत हेतु एकबारगी 200 करोड़ रुपये का अनुदान, राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण के लिए वर्ष 2010-11 में 500 करोड़ रुपये का अनुदान प्रस्ताव शामिल है।

समावेशी विकास

उन्होंने बताया कि विगम पांच वर्षों में, हमारी सरकार ने व्यक्ति के सूचना के अधिकार और अपने कार्य के अधिकार के लिए विधिक गारंटियों द्वारा समर्थित हकदारियों का सृजन किया है। इन वचनबध्दताओं को पूरा करने के लिए, सामाजिक क्षेत्र पर होने वाला व्यय क्रमिक रूप से बढाक़र 1,37,674 करोड़ रुपये किया गया है। यह 2010-11 में कुल आयोजना परिव्यय का 37 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा के लिए वर्ष 2009-10 के 26,800 करोड़ रुपये के आयोजन आबंटन को बढ़ाकर वर्ष 2010-11 में 31,036 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्यों को वर्ष 2010-11 के लिए 13वें वित्त आयोग द्वारा अनुसंशित अनुदानों के तहत प्रारंभिक शिक्षा के लिए 3,675 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इसी तरह परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए आयोजना आबंटन को 19,534 करोड़ रुपये से बढाक़र 2010-11 में 22,300 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार के लिए ग्रामीण अवसरंचरा का विकास एक उच्च प्राथमिकता का क्षेत्र रहा है। अत: वर्ष 2010-11 के लिए उन्होंने ग्रामीण विकास हेतु 66,100 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव किया है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2010-11 के लिए शहरी विकास हेतु पिछले वर्ष के 3,060 करोड़ रुपये के आबंटन में 75 प्रतिशत से अधिक की वृध्दि कर 5,400 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। इसी प्रकार राजीव आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2010-11 के लिए विगत वर्ष के 150 करोड़ रुपये की तुलना में 1,270 करोड़ रुपये के आबंटन का प्रस्ताव इस बजट में रखा गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए 2010-11 में 2400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकताओं को देखते हुए असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 1000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक आबंटन के साथ एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा निधि की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार महिला और बाल विकास के लिए आयोजना परिव्यय में लगभग 50 प्रतिशत का बढ़ोतरी का प्रस्ताव इस बजट में है तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का आयोजना परिव्यय बढ़ाकर 4500 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव भी इस बजट में रखा गया है।

वित्त मंत्री ने 2010-11 का बजट पेश करते हुए आय करदाताओं के वर्तमान स्लैबों में राहत का प्रस्ताव किया है। सदन में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी सभी करदाताओं की छूट सीमा बढाक़र और व्यक्तिगत आयकर पर अधिभार हटाकर व्यष्टि करदाताओं को राहत दी थी। उन्होंने कहा कि करदाताओं ने उचित कर देकर इन रियायतों के प्रति अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दी है।

वित्त मंत्री ने वर्तमान कर स्लैबों को व्यापक करके और राहत देते हुए वर्ष 2010-11 के बजट में 1.6 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए शून्य आयकर का प्रस्ताव किया है। 1.6 लाख रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर की दर 10 प्रतिशत रखी गई है। 5 लाख रुपये से अधिक और 8 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को 20 प्रतिशत और 8 लाख रुपये से अधिक की आय वाले लोगों के लिए 30 प्रतिशत आयकर का प्रस्ताव किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और सरकारी जवाबदेहिता के सुदृढीक़रण हेतु सरकारी संस्थाओं के कार्यकरण में पारदर्शिता और जवाबदेहिता को सुसाध्य बनाने वाले माहौल के सृजन हेतु गंभीर प्रयास किया गया है। इस संबंध में अनेक विधायी और प्रशासनिक उपाय किए गए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट आम आदमी का है। यह किसानों, कृषकों, उद्यमियों और निवेशकों का है। कुल मिलाकर यह बजट राष्ट्र के सामूहिक विवेक पर भरोसा करके तैयार किया गया है और इसमें प्रगतिशील गठबंधन सरकार की नीतियां और प्राथमिकताएं स्पष्ट दिखाई देती हैं।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा मे वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग की स्थापना का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र को विनियमित करने वाले हमारे अधिकांश विधान बहुत पुराने हैं।

उन्होंने कहा कि विभिन्न समय पर इन अधिनियमों में बड़ी संख्या में किए गए संशोधनों ने भी अस्पष्टता और जटिलता बढ़ाई है। सरकार इस क्षेत्र की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए वित्तीय क्षेत्र के कानूनों को दुबारा लिखने और स्पष्ट करने के लिए इस आयोग की स्थापना करेगी।

उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन यूपीए सरकार द्वारा अपने पहले कार्यकाल में किया गया था। इस आयोग ने 15 रिपोर्टें प्रस्तुत की है, जिनमें से 10 रिपोर्टों की जांच सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि अब तक कार्यान्वयन के लिए अभिज्ञात 800 सिफारिशों में से 350 का क्रियान्वयन किया जा चुका है और 450 कार्यान्वित की जा रही हैं।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि देश के आर्थिक विकास को बनाए रखने हेतु सड़कों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों तथा रेल जैसे उच्च गुणवत्ता वाली वास्तविक आधारभूत संरचना का तेजी से विकास बेहद जरूरी है। आधारभूत संरचना के विकास के लिए वित्त मंत्री ने 2010-11 के बजट में 1,73,552 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कुल आयोजना आवंटन के 46 प्रतिशत से अधिक है। सड़क क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने प्रतिदिन 20 किलोमीटर की गति से राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य रखा है। सड़क परिवहन हेतु 17,520 करोड़ रुपये के आवंटन को 13 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर वर्ष 2010-11 में 19,894 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।

वित्त मंत्री ने बजट में रेल की सहायता हेतु 16,752 करोड़ रुपये के ऋण का प्रावधान किया है ताकि रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण एवं विस्तार की अपेक्षा को पूरा करने के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष रेल को मिलने वाली बजटीय सहायता में 950 करोड़ रुपये की वृध्दि की गई है। समर्पित माल गाड़ी गलियारे हेतु दिल्ली मुम्बई औद्योगिक मार्ग परियोजना एकीकृत क्षेत्रीय विकास के लिए शुरू की गई है। पारिस्थितिकी अनुकूल विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना वाले 6 औद्योगिक निवेश केन्द्रों के सृजन का प्रारंभिक कार्य पूरा कर लिया गया है ।

सरकार ने आधारभूत संरचना परियोजनाओं को दीर्घकालिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए भारतीय आधारभूत संरचना वित्त कंपनी लिमिटेड की स्थापना की है। इसका समवितरण मार्च, 2010 की समाप्ति तक 9,000 करोड़ रुपये तक और मार्च, 2011 तक लगभग 20,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। मौजूदा वर्ष के लिए आधारभूत क्षेत्र की परियोजनाओं को बैंक त्रऽण उपलब्ध कराने हेतु इस कंपनी ने 3,000 करोड़ रुपये का पुनर्वित्त पोषण किया, जो 2010-11 में दुगनी से अधिक होने की उम्मीद है। इस मद में आगामी तीन वर्षों में लगभग 25,000 करोड़ रुपये के वित्त पोषण की व्यवस्था होगी।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. सरकार ने विद्युत क्षेत्र में आयोजना आवंटन को दुगने से अधिक बढाक़र 5130 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। वर्ष 2009-10 की तुलना में आयोजना आवंटन में 2230 करोड़ रुपये की वृध्दि की गई है।

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार विद्युत क्षेत्र में क्षमता वर्ध्दन को उच्च प्राथमिकता देती है। इसके लिए मेगापावर पॉलिसी को संशोधित किया गया है और उसे राष्ट्रीय विद्युत नीति 2005 तथा टेरिफ नीति 2006 के अनुरूप बनाया गया है। इससे वितरण इकाइयों के जरिये उत्पादन लागत तथा खरीदी गई विद्युत की लागत कम करने में मदद मिलेगी। फिलहाल देश की 75 प्रतिशत बिजली कोयला आधारित है। कैप्टिव माइनिंग हेतु कोयला ब्लॉकों का आवंटन करने के लिए प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव है, जिससे इन ब्लॉकों में उत्पादन में पारदर्शिता और वर्ध्दित भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कोयला क्षेत्र में एकसमान व्यवस्था बनाने के लिए 'कोयला विनियामक प्राधिकरण' की स्थापना के लिए कदम उठाना चाहती है, जिससे कोयले के किफायती मूल्य निर्धारण और निष्पादन मानक की बैंचमाकिर्गं जैसे मसलों का समाधान करने में आसानी होगी।

जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन में भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस मिशन के तहत वर्ष 2022 तक 20,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। वित्त मंत्री ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय हेतु योजना परिव्यय में 61 प्रतिशत वृध्दि का प्रस्ताव किया है। वर्ष 2009-10 में 620 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2010-11 में 1,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।

जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में ऊर्जा की कमी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यहां की जलवायु बहुत अधिक प्रतिकूल है। इस समस्या के समाधान के लिए वित्त मंत्री ने 500 करोड़ रुपये की लागत से सौर, लघु जल एवं अति लघु विद्युत परियोजनाओं की स्थापना करने का प्रस्ताव किया है।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए देश की रक्षा के लिए आबंटन सीमा बढ़ाकर 1,47,344 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया। इनमें पूंजी व्यय के लिए 60,000 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी अतिरिक्त आवश्यकता के लिए व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने सदन को बताया कि वर्ष 2009 के दौरान जम्मू-कश्मीर में हिंसा में कमी आई है और सरकार ने अनेक विश्वास निर्माण संबंधी उपाय भी किए हैं। उन्होंने कहा कि एक ऐसे ही उपाय के रूप में सरकार वर्ष 2010 में पांच केन्द्रीय अर्ध्द-सैनिक बलों में लगभग दो हजार युवा कॉस्टेबलों की नियुक्ति का प्रस्ताव करती है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सदन को बताया कि वर्ष 2009-10 में देश में समग्र आन्तरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति आम तौर पर नियंत्रण में रही है। देश के सुरक्षा तंत्र को सुदृढ करने के लिए बहुत से नए उपाय किए गए। उन्होंने बताया कि सुरक्षा उपायों के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी को कार्यशील बनाना, चार एनएसजी केन्द्रों की स्थापना, आसूचना ब्यूरो और इसके बहु-विषयक एजेंसी केन्द्र का विस्तार किया गया।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के तंत्र को सुदृढ बनाने तथा सांस्थानिक रूप देने की दृष्टि से सरकार का एक शीर्ष स्तरीय वित्तीय स्थायित्व और विकास परिषद की स्थापना करने का प्रस्ताव है। विनियामकों की स्वायत्तता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, यह परिषद बड़े पैमाने पर वित्तीय एकीकरण की कार्यप्रणाली सहित अर्थव्यवस्था के वृहद विवेक सम्मत परीक्षण की निगरानी करेगी और अंतरविनियामक समन्वय संबंधी मसलों का समाधान करेगी। सरकार वित्तीय बोधगम्यता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान केन्द्रित करेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 के दौरान सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 4 बैंकों में पूंजी से जोखिम भारित आस्ति अनुपात का वहनीय स्तर बनाए रखने के लिए टीयर वन कैपिटल के बतौर 1900 करोड़ रुपये दिए थे। इसमें अब 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी जा रही है। प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2010-11 के लिए 16,500 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है, ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 31 मार्च, 2011 तक न्यूनतम 8 प्रतिशत टीयर-1 पूंजी हासिल कर सकें।

वर्ष 2006-07 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का अंतिम पूंजीकरण किया गया था। अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मजबूत बनाने हेतु वित्त मंत्री ने और पूंजी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है ताकि इन बैंकों के पास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को वर्ध्दित ऋण प्रदान करने हेतु पर्याप्त पूंजी आधार हो।

वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक निजी क्षेत्र के भागीदारों को कुछ अतिरिक्त बैंकिंग लाइसेंस देने पर विचार कर रहा है। इसके अतिरिक्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर भी विचार किया जा सकता है, बशर्ते वे भारतीय रिजर्व बैंक के पात्रता मानदंडों की पूर्ति करें।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए आय करदाताओं के वर्तमान स्लैबों में राहत का प्रस्ताव किया है। सदन में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी सभी करदाताओं की छूट सीमा बढ़ाकर और व्यक्तिगत आयकर पर अधिभार हटाकर व्यष्टि करदाताओं को राहत दी थी। उन्होंने कहा कि करदाताओं ने उचित कर देकर इन रियायतों के प्रति अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दी है।

वित्त मंत्री ने वर्तमान कर स्लैबों को व्यापक करके और राहत देते हुए वर्ष 2010-11 के बजट में 1.6 लाख रुपए तक की आय वाले लोगों के लिए शून्य आयकर का प्रस्ताव किया है। 1.6 लाख रुपए से अधिक और 5 लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर की दर 10 प्रतिशत रखी गई है। 5 लाख रुपए से अधिक और 8 लाख तक की आय वाले लोगों को 20 प्रतिशत और 8 लाख रुपए से अधिक की आय वाले लोगों के लिए 30 प्रतिशत आयकर का प्रस्ताव किया गया है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए कहा कि जुलाहों, ताड़ी बनाने वालों, रिक्शा चालकों, बीड़ी बनाने वाले जैसे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक हजार करोड़ रुपए के प्रारंभिक आबंटन के साथ एक राष्ट्रीय समाजिक सुरक्षा निधि की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे के कामगारों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के लिए 2007 में शुरू की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लाभार्थियों को भी शामिल किया गया है।

इस बढ़ोतरी के साथ मंत्रालय ने अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति स्कीमों के तहत छात्रवृत्ति की दरों मे संशोधन भी किया जा सकेगा।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने ऑयल इंडिया लिमिटेड, एनएचपीसी, एनटीपीसी और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लोक स्वामित्व को व्यापक आधार प्रदान किया है। राष्ट्रीय खनिज विकास निगम और सतलुज जल विद्युत निगम में यह प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में लगभग 25,000 करोड़ रुपये जुटाएगी तथा वर्ष 2010-11 के दौरान इससे अधिक राशि जुटाने का प्रस्ताव है। इन प्राप्तियों का उपयोग नई आस्तियां सृजित करने हेतु सामाजिक क्षेत्र की पूंजीगत व्यय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

उन्होंने सदन को बताया कि अक्तूबर, 2004 के बाद से सूचीबध्द 5 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण, अंकित मूल्य, 78,841 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.8 गुणा बढक़र 2,98,929 करोड़ रुपये हो गया है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि कीमती धातुओं की कीमतें निरंतर बढ़ती जा रही है। चूंकि इन पर विशिष्ट दरों पर सीमा-शुल्क उदग्रहित किया जाता है, मैं इन दरों को निम्नानुसार सूचीबध्द करने का प्रस्ताव करता हूं।
  • सोने और प्लैटिनम पर 200 रुपये प्रति 10 ग्राम से 300 रुपये प्रति 10 ग्राम,
  • चांदी पर 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम से 1,500 रुपये प्रति किलोग्राम।
 रत्न और जवाहरात हमारे निर्यात समूह में एक परंपरागत मद है। रोडियम-जवाहरात पर पालिश करने में प्रयुक्त होने वाली एक कीमती धातु पर 10 प्रतिशत का बुनियादी सीमा-शुल्क लगता है। इसे घटाकर 2 प्रतिशत किया जा रहा है।
 
सोने की घरेलू परिशोधन क्षमता बढ़ाने के लिए, मैं स्वर्ण अयस्क और सांद्रो पर विशेष अतिरिक्त शुल्क से पूर्ण छूट के साथ बुनियादी सीमा शुल्क यथा मूल्य 2 प्रतिशत से घटाकर स्वर्ण तत्त्व के प्रति 10 ग्राम 140 रुपये का विशिष्ट शुल्क लगाने का प्रस्ताव करता है। इसके अतिरिक्त ऐसे अयस्क अथवा सांद्र से बनाए गए परिशोधित स्वर्ण पर उत्पाद शुल्क 8 प्रतिशत से घटाकर 280 रुपये प्रति 10 ग्राम का विशिष्ट शुल्क लगाया जा रहा है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय और अघिकारिता मंत्रालय का आयोजना परिव्यय बढ़ाकर 4,500 करोड़ रुपए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह राशि वर्ष 2009-10 की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक होगी। इसके तहत अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों और अल्कोहल एवं नशीले पदार्थों के दुरुपयोग से पीड़ित लोगों को इसमें शामिल किया गया है। इस राशि से लक्षित जनसंख्या वर्गों के लिए कार्यान्वित कार्यक्रमों में मदद मिलेगी।

इस बढ़ोतरी के साथ मंत्रालय ने अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति स्कीमों के तहत छात्रवृत्ति की दरों मे संशोधन भी किया जा सकेगा।

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नई दिल्ली. वर्ष 2010-11 के बजट में पर्यावरण संबंधी नकारात्मक परिणामों को कम करने के लिए औद्योगीकरण और शहरीकरण संबंधी बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए अनेक उपायों का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए यह जानकारी दी। इन उपायों में शामिल हैं -
  • राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा निधि - देश में कई क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर बहुत बढ़ गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदूषक के कीमत चुकाने का सिध्दांत। प्रदूषण प्रबंधन का मूल दिशा-निर्देश मानदंड बना रहे तथा इसके साथ स्वच्छ ऊर्जा के विकास पर भी सकारात्मक जोर देना होगा। इसके लिए बजट में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान तथा अभिनव परियोजनाओं के निधि पोषण हेतु राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा नीति की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए भारत में कोयला उत्पादन पर 50 रुपये प्रति टन की मामूली दर का स्वच्छ ऊर्जा उपकर लगाने का प्रस्ताव है।
  • बहिस्राव शोधन संयंत्र, त्रिपुर - तमिलनाडु सरकार को त्रिपुर में टेक्सटाइल निटवेयर क्लस्टर उद्योग को बनाए रखने हेतु जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्रणाली की स्थापना की लागत के लिए एक मुश्त 200 करोड़ रुपये का अनुदान देने का प्रस्ताव।
  • गोवा के लिए विशेष स्वर्ण जयंती पैकेज - सरकार का गोवा को विशेष स्वर्ण जयंती पैकेज के रूप में 200 करोड़ रुपये की राशि देने का प्रस्ताव है। यह राज्य के कटाव की आशंका वाले प्राकृतिक संसाधनों के पुनरुध्दार और सतत वानिकी के जरिये इसका हरित क्षेत्र बढाक़र प्राकृतिक संसाधनों को परिरक्षित करेगा।
  • राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण - वर्ष 2010-11 में राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण के लिए आवंटन को दुगना करके 500 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है। इस प्राधिकरण के तहत मिशन स्वच्छ गंगा 2020 का उद्देश्य यह है कि नगर निगम का अशोधित कोई भी मल जल अथवा औद्योगिक बहिस्राव राष्ट्रीय नदी में नहीं बहाया जाएगा।
 वित्त मंत्री ने पश्चिमी बंगाल में पूर्व और पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में पालिया घई-कपालेश्वरी बघई थाले की जल निकासी योजना तथा मुर्शिदाबाद में कांदी उप-मंडल की मास्टर प्लान हेतु बजटीय सहायता उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव किया है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए कहा कि महिला और बाल विकास के लिए आयोजना परिव्यय में लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए एक मिशन तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि महिला साक्षरता दर में सुधार लाने के लिए पहले बनाए गए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन को साक्षर भारत नामक नए कार्यक्रम के रूप मे पुन: बनाया गया है। इसे सात करोड़ निरक्षर वयस्कों के लक्ष्य के साथ सितम्बर 2009 में प्रारंभ किया गया था। इसमें छह करोड़ महिलाएं शामिल हैं।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का लदान-पूर्व निर्यात ऋण पर कुछ क्षेत्रों में निर्यात हेतु दी जा रही दो प्रतिशत की ब्याज आर्थिक सहायता को एक वर्ष बढ़ाने का प्रस्ताव है। सरकार ने कतिपय क्षेत्रों में निर्यात हेतु दो प्रतिशत की यह ब्याज सहायता 31 मार्च, 2010 तक उपलब्ध कराई। हस्तशिल्प, कालीन, हथकरघा तथा लघु और मध्यम उद्यम जैसे क्षेत्रों में निर्यात के लिए दी जा रही यह सहायता अब एक वर्ष और जारी रहेगी।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल वाहनों के पारिस्थितिकी अनुकूल विकल्प बिजली की कारों और वाहनों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से पूरी छूट दी गई। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलेक्शा नामक उत्पाद को 4 प्रतिशत का रियायती उत्पाद शुल्क प्रदान करने का भी प्रस्ताव है।

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नई दिल्ली. वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए बताया कि भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण के लिए 1900 करोड़ रुपये का प्रवाधान किया गया है और विधि एवं न्याय क्षेत्र के लिए 280 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जिसमें से 120 करोड़ रुपये देश की जिला एवं अधीनस्थ अदालतों के कंप्यूटरीकरण के लिए और 110 करोड़ रुपये न्यायापलिका के अवसंरचनात्मक सुविधा विकास के लिए हैं। न्यायिक सुधार एवं मूल्यांकन प्रास्थिति अध्ययन के लिए 2.43 करोड़ रुपये, न्याय तक सुव्यवस्थित पहुंच के लिए 7.57 करोड़ रुपये और ग्राम न्यायालयों की स्थापना और संचालन के लिए राज्य सरकारों को सहायता नामक एक नई परियोजना के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए चिकित्सा उपस्करों पर विशेष अतिरिक्त शुल्क से पूर्ण छूट सहित एक समान 5 प्रतिशत रियायती बुनियादी शुल्क और 4 प्रतिशत का सीबीडी प्रदान करने का प्रस्ताव किया है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपस्कर और उपकरण एवं यंत्र बहुत जटिल आयात शुल्क प्रणाली के अध्यधीन आते हैं। ऐसे उपस्करों के विनिर्माण हेतु उनके यंत्रों और हिस्से-पुर्जों पर 5 प्रतिशत का रियायती बुनियादी शुल्क निर्धारित किया जा रहा है, जबकि वे सीबीडी और विशेष अतिरिक्त शुल्क से मुक्त होंगे। सरकारी अस्पतालों अथवा किसी कानून के अधीन स्थापित अस्पतालों को उपलब्ध रियायत भी कायम रखी जाएगी।

उन्होंने कहा कि अस्थि विकलांग संबंधी यंत्रों के विनिर्माताओं के अभ्यावेदन के आधार पर ऐसे यंत्रों के विनिर्माण में आयात शुल्क से छूट दी जाएगी।

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नई दिल्ली. वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए बताया कि बजट में ग्रामीण आवासों के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रावधान किया गया है और इंदिरा आवास योजना को संपूर्ण स्वच्छता अभियान, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, पेय जलापूर्ति, आम आदमी बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा, स्वर्णजंयती ग्राम स्वरोजगार योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के साथ अभिसारित कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि शहरी विकास के लिए भी 7,605.75 का प्रावधान किया गया है। इसमें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत शहर की विकास परियोजना बनाने और तकनीकी सेमिनार, संगोष्ठियां और परामर्श सेवाओं के लिए भी प्रावधान शामिल किया गया है।

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नई दिल्ली. लोक सभा में आज आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2010-11 में राजकोषीय घाटे को 5.5 प्रतिशत तक सीमित रहने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008-09 में वित्तीय घाटा 7.8 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2009-10 में यह 6.9 प्रतिशत था।

उन्होंने कहा कि मध्यावधिक राजकीय कोष नीति विवरण में शीघ्रातिशीघ्र 2011-12 और 2012-13 के लिए राजकोषीय घाटे के निमित्त चालू लक्ष्य क्रमश: 4.8 प्रतिशत और 4.1 प्रतिशत रखे गए हैं। वर्ष 2010-11 के बजट अनुमानों में कुल 11,08,749 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है। यह वर्ष 2009-10 में कुल व्यय की तुलना में 8.6 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2010-11 में आयोजना और आयोजना - भिन्न व्यय क्रमश: 3,73,092 करोड़ रुपए और 7,35,657 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए बताया कि बजट में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के लिए 40,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा डीआरडीए के प्रशासन के लिए 405 करोड़ रुपये, एनआईआरडी के लिए 105 करोड़ रुपये, कापार्ट के लिए 100 करोड़ रुपये, ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं के प्रावधान (पूरा) के लिए 124 करोड़ रुपये और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों तथा जिला नियोजन प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए 120 करोड़ रुपये शामिल हैं। प्रणब मुखर्जी ने बताया कि भूमि सुधार के लिए भी 201 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए आगामी वर्ष में भारतीय रुपए के लिए एक प्रतीक को औपचारिक रूप देना चाहते हैं, जो भारतीय लोकाचारों और संस्कृति को प्रतिबिम्बित और समाहित करे।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय रुपया भी अमरीकी डॉलर, ब्रिटिश पौंड स्टर्लिंग और यूरो एवं जापानी येन जैसे चुनिंदा मुद्रा क्लब में शामिल हो जाएगा। इन देशों की मुद्राओं की अपनी स्पष्ट और विशिष्ट पहचान है।

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नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बताया कि विगम पांच वर्षों में, हमारी सरकार ने व्यक्ति के सूचना के अधिकार और अपने कार्य के अधिकार के लिए विधिक गारंटियों द्वारा समर्थित हकदारियों का सृजन किया है। इन वचनबध्दताओं को पूरा करने के लिए, सामाजिक क्षेत्र पर होने वाला व्यय क्रमिक रूप से बढ़ाकर 1,37,674 करोड़ रुपये किया गया है। यह 2010-11 में कुल आयोजना परिव्यय का 37 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा के लिए वर्ष 2009-10 के 26,800 करोड़ रुपये के आयोजन आबंटन को बढ़ाकर वर्ष 2010-11 में 31,036 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्यों को वर्ष 2010-11 के लिए 13वें वित्त आयोग द्वारा अनुसंशित अनुदानों के तहत प्रारंभिक शिक्षा के लिए 3,675 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इसी तरह परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए आयोजना आबंटन को 19,534 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2010-11 में 22,300 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार के लिए ग्रामीण अवसरंचरा का विकास एक उच्च प्राथमिकता का क्षेत्र रहा है। अत: वर्ष 2010-11 के लिए उन्होंने ग्रामीण विकास हेतु 66,100 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव किया है।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोक सभा मे वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए आंतरिक अनुसंधान और विकास पर उपगत व्यय पर भारित कटौती 150 प्रतिशत से बढ़ाकर 200 प्रतिशत करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने जून 2009 में संसद में अपने अभिभाषण में इस दशक को नवोन्मेष दशक के रूप में घोषित किया था। इसी के तहत एक छोटी नकारात्मक सूची को छोड़कर सभी विनिर्माण व्यवसायों के लिए आंतरिक अनुसंधान और विकास पर उपगत व्यय पर दी जाने वाली भारित कटौती का कार्य क्षेत्र बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, अनुसंधान संघों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थानों को किए गए भुगतानों पर भारित कटौती को 125 से बढ़ाकर 175 प्रतिशत तक किए जाने का प्रस्ताव है।

प्रणब मुखर्जी ने सदन को बताया कि समाज विज्ञानों में अनुसंधान और सांख्यिकीय अनुसंधान में लगे अनुमोदित संघों को किए गए भुगतानों को 125 प्रतिशत की भारित कटौती की अनुमति देने का भी प्रस्ताव है।

सरफ़राज़ ख़ान
हिसार (हरियाणा). चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ. सुचेता खोखर ने जिले में सरसों की फसल पर चेपा कीट के प्रकोप को देखते हुए किसानों से इस कीट पर नियंत्रण पाने हेतु तुरंत कदम उठाने की अपील की है। उनके अनुसार कीट विज्ञान विभाग की टीम ने हाल ही में जिले में सरसों तथा चना की फसलों का सर्वेक्षण किया है, जिसमें सरसों की फसल पर चेपा का व्यापक प्रकोप पाया गया है।

डॉ. खोखर ने बताया कि क्षेत्र में सरसों के लगभग प्रत्येक खेत को चेपा नुकसान पहुंचा रहा है, जबकि करीब 20 प्रतिशत खेतों में इसका भारी प्रकोप है। उन्होंने बताया कि चेपा कीट फूलों, टहनियों व हरी फलियों से अत्यधिक रस चूसता है जिससे वह मुरझाकर सूख जाते हैं तथा पुरानी हरी फलियों में भी बन रहे दाने सिकुड़ जाते हैं। इससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि आगामी पखवाड़े में जहां फसल पकने के करीब है वहां चेपे द्वारा नुकसान कम होगा, जबकि पछेती पकने वाली फसल जिसमें अभी भी काफी संख्या में फूल मौजूद हैं, में काफी नुकसान होने की संभावना है। उन्होंने इस कीट की रोकथाम के लिए किसानों को फसल पर सिफारिश किए गए कीटनाशियों का छिड़काव करने की सलाह दी है । किसान प्रति एकड़ 300 मि.ली. मैटासिस्टाक्स 25 ई.सी. अथवा रोगोर 30 ई.सी. को 300 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।

डॉ. खोखर के अनुसार क्षेत्र में चने की फसल पर फिलहाल इस पर लगने वाली सुण्डी (हैलीकोवरपा) का प्रकोप बहुत कम यानि आर्थिक कगार से नीचे है, लेकिन आगामी पखवाड़े में इस कीट की अगली पीढ़ी आरंभ हो जाएगी जो चने को हानि पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि अगेती पकने वाली फसल में कोई विशेष नुकसान होने की संभावना नहीं है परंतु अधिक पछेती फसल में यह काफी नुकसान कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस कीट की संख्या आर्थिक कगार अर्थात एक सुण्डी प्रति दो मीटर फसल पंक्ति पर पहुंच जाने पर कीटनाशी का छिड़काव अवश्य किया जाना चाहिए।

उधर, अनुसंधान निदेशक डॉ. आर.पी. नरवाल ने किसानों से अपनी फसल का समय-समय पर निरीक्षण करते रहने को कहा है। उन्होंने कहा इससे पहले कि कीट फसल को नुकसान पहुंचाएं इनकी उचित तरीकों से रोकथाम अवश्य की जानी चाहिए।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. आर्थिक समीक्षा 2009-10 के अनुसार अल्पसंख्यक वर्गों के विकास के लिए वर्ष 2008-09 में 1000 करोड़ रुपये के आयोजना परिव्यय को बढ़ाकर 2009-10 में 1740 करोड़ रुपये कर दिया था। पूर्णतया अल्पसंख्यक वर्गों के लिए तीन छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू की गई हैं जिनके लिए वर्ष 2008-09 में कुल 305 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया था, जबकि 2009-10 में यह 450 करोड़ रुपये है। विशेष रूप से कौशल विकास, रोजगार, स्वच्छता, आवास, पेय जल आदि के क्षेत्र में विकास की कमियों को दूर करने के लिए अल्पसंख्यकों की बहुलता वाले 90 जिलों में एक बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम 2008-09 से शुरू किया गया है जिसके लिए 990 करोड़ रूपए का प्रावधान 2009-10 में किया गया है।

शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े अल्पसंख्यक वर्गों में शिक्षा योजनाएं कार्यान्वित करने के लिए मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन के कार्यकलापों में विस्तार करने के लिए इनकी मूल निधि को जो वर्ष 2005-06 में 100 करोड़ रुपये थी. वर्ष 2009-10 में बढ़ाकर 425 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अल्पसंख्यक समुदायों के पिछड़े वर्गों में स्वरोजगार और अन्य आर्थिक उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के ऋण और लघु वित्त संचालनों का विस्तार करने के लिए इसकी प्राधिकृत शेयर पूंजी वर्ष 2006-07 में 650 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2009-10 में 1000 करोड़ रुपये कर दी गई है। वर्ष 2009-10 के दौरान तीन नई योजनागत स्कीमें, नामत: 1. अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति, 2. राज्य वक्फ बोर्डों के रिकार्डों का कम्प्यूटरीकरण और 3. अल्पसंख्यक महिलाओं का नेतृत्व विकास, चलाई गई हैं।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. सिंचाई राज्य का विषय है तथा सिंचाई परियोजनाओं की आयोजना निष्पादन एवं वित्त पोषण संबध्द राज्य सरकारों के कार्यक्षेत्र में आता है। केन्द्र सरकार राज्यों को चालू सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

जल संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री वीसेंट एच पाला ने आज राज्यसभा में बताया कि 11वीं योजना के प्रस्ताव के अनुसार 12285 करोड़ रुपये की अनुमानित अनुदान आवश्यकता के साथ वर्ष 2009-10 हेतु लक्षित सिंचाई क्षमता 10.50 लाख हेक्टेयर है। संभावित सृजन हेतु राज्यवार अनुमानित लक्ष्य अनुबंध-1 में दिए गए हैं। एआईबीपी के तहत राज्यवार आबंटन नहीं किए गए हैं। प्रचलित एआईबीपी दिशा-निर्देशों के अनुरूप समय-समय पर राज्य सरकारों से प्राप्त एआईबीपी द्वारा जारी प्रस्तावों के आधार पर एआईबीपी के तहत अनुदान जारी किया जाता है।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. देश में भूमि जल प्रबंधन और विकास के विनियमन के प्रयोजन से पर्यावरण (संरक्षण)अधिनियम 1986 के अधीन गठित केन्द्रीय भूमि जल प्राधिकरण ने 'अति-दोहित' क्षेत्रों से युक्त राज्यों को भूमि जल वर्षा जल संचयन के लिए कृत्रिम पुनर्भरण को प्रोत्साहित करने व अपनाने के लिए आवश्यक उपाय करने के निदेश जारी किए हैं।

जल संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री वीसेंट एच पाला ने आज राज्यसभा में बताया कि विविध केन्द्रीयराज्य सरकार संगठनों को उनके नियंत्रणाधीन भवनों/स्थापनाओं में भूमि जल पुनर्भरण की स्कीम का कार्यान्वयन करने के लिए निदेश जारी किए गए हैं। देश के अति दोहित और गंभीर क्षेत्रों में आने वाली सभी आवासीय ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों संस्थाओं विद्यालयों होटलों औद्योगिक स्थापनाओं को भी उनके परिसरों में छाजन जल संचयन को अपनाने के लिए निदेश जारी किए गए हैं।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. केन्द्रीय जल आयोग देश में 81 जलाशयों की भंडारण स्थिति का प्रबोधन कर रहा है। 31 दिसम्बर 2009 की स्थिति के अनुसार इन 81 जलाशयों की कुल सक्रिय भंडारण क्षमता 79.19 बिलियन क्यूबिक मीटर तथा 31 दिसम्बर 2008 को 82.17 बीसीएम थी। हालांकि पिछले 10 वर्षों के दौरान 31 दिसम्बर को इन जलाशयों की औसत कुल सक्रिय भंडारण क्षमता 76.33 बीसीएम है।
जल संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री वीसेंट एच पाला ने आज राज्यसभा में बताया कि प्रबोधन किए गए जलाशयों की भंडारण स्थिति पर 31 दिसम्बर 2009 की सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसम्बर, 2009 की स्थिति के अनुसार पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रबोधन किए गए जलाशयों की कुल सक्रिय भंडारण क्षमता 5.67 बीसीएम थी जो कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 31 दिसम्बर की स्थिति के अनुसार इन जलाशयों की औसतन सक्रिय भंडारण का 68 प्रतिशत है।
जल राज्य का विषय होने के कारण बांधोंजलाशयों के जल का प्रचालन तथा विनिमय संबध्द परियोजना प्राधिकरणराज्य सरकारों की आवश्यकतानुसार किया जाता है। हालांकि देश में अपर्याप्त वर्षा को देखते हुए जल संसाधन मंत्रालय द्वारा 30 जून, 09 को समस्त राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों को परामर्श जारी किया गया जिसमें निम्न परामर्श दिए गए -

  • उपलब्ध सतही जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना तथा किसी संभव कमी की समस्या से निपटने के लिए संभव भूजल संसाधनों का उपयोग करना।

  • राष्ट्रीय जल नीति के अनुसार पेय जलापूर्ति तथा कृषि को प्राथमिकता देते हुए जलाश्यों से उपलब्ध जल का विवेकपूर्ण उपयोग करना।

  • पेय जल, कृषि तथा अन्य उपयोगों एवं वाष्पीकरण हानियों को शामिल करते हुए प्रत्येक जलाशयों हेतु जल बजट तैयार करना।

  • जल उपलब्धता को बढ़ाने के लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड द्वारा खोदे गए सफल अन्वेषणात्मक कुंओं को अपने अधिकार में लेना।

  • सीजीडब्ल्यू के क्षेत्रीय कार्यालयों के संपर्क में रहना तथा भूजल के संभावित स्रोतों का शीघ्र उपयोग करने हेतु उनका pataa लगाने के लिए तकनीकी सहायता प्राप्त करना।

स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. रेल मंत्री कुमारी ममता बनर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का रेल बजट पेश करते हुए कहा कि ऐसे 10 और स्टेशनों की पहचान की गई है, जिन्हें विश्व स्तरीय बनाया जएगा। ये स्टेशन - अंबाला कैंट, बोलपुर, एर्णाकुलम, गोरखपुर, जम्मू, झांसी, खड़गपुर, कोटा, सूरत और ठाणे हैं।

उन्होंने बताया कि यात्रियों के आराम, सुविधाओं, आसपास के परिवेश के सौन्दर्य में वृध्दि करने लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी को देखते हुए 94 और स्टेशनों को आदर्श स्टेशन के रूप में घोषित किया गया है, जो इस प्रकार हैं-

अलप्पुझा,अलुआबारी रोड, अंबलापुझा, अंडाल, अंगुल, अशुग्राम, बदरपुर जंक्शन, बंगलाकोट, बाली, बैलिघाट, बस्ती, बेलपहाड़, बेथुहादहाड़ी, भद्रेश्वर,भातर, बिरशिवपुर, बोबिली, चकदा, चंदौली, चन्द्रकोन रोड, चंगनाचेरी, चंग्रबंधा, चास रोड, चेरथला, छपरा जंक्शन, छटना, चिकबल्लापुर, राधामोहनपुर (डाबरा), दाहोद, दंतान, देबग्राम, देवनाहाली, धनुवाचकपुरम, दिनाहाटा, दोदबल्लापुर, दोइकल्लु, दोमोहनी, फुलेश्वर, गालसी, गारबेटा, गौरीबिदनौर, घटेरा, गोकक रोड, गौरीनाथधाम, गुडुर, हल्दीबाड़ी, हरीपद, हिजली, हिम्मतनगर, जगदीशपुर, जखोपुरा, जमालपुर, जामनगर, जमुरिया, झारसुगुडा, कलइकुंडा, कुरुवाता, काशीनगर, कायनकुलम जंक्शन, कोचुवेली, कोटद्वार, कुलगचिया, लांजीगढ राेड, लापंगा, लिंगमपल्ली, मवेलिकारा, मायनागुरी, मेरामंडली, मिरज, नरसाराओपेट, नासिक रोड, ओछिरा, परभनी, पूर्णा, रघुनाथपुर, रामनगर, रतलाम, रेंगाली, सांगली, शंकरापल्ली, सिध्दार्थनगर, सोलापुर, सोनमुखी, सुल्तानपुर, तालदी, तंदूर, थिरुवरूर, थिरुविजहा, टिकियापाड़ा, टिटलागढ जंक्शन, वायालार, विकाराबाद, विश्रामबाग तथा येलहंका जंक्शन।

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नई दिल्ली. लोक सभा में आज वर्ष 2010-11 का रेल बजट पेश करते हुए रेल मंत्री कुमारी ममता बनर्जी ने कहा कि रेलवे की महिला कर्मचारियों के शिशुओं के लिए 50 शिशु सदनों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने सदन को बताया कि रेलवे अपनी 80 हजार महिला कर्मचारियों की देखभाल के लिए हर संभव उपाय करेगी। इसके लिए उन्होंने 20 महिला होस्टल स्थापित करने की भी घोषणा की। इसके अलावा रेलवे अभी और अधिक संख्या में सामुदायिक केन्द्र और स्टेडियम भी उपलब्ध कराएगी।


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