स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. वर्ष 2010-11 के बजट में पर्यावरण संबंधी नकारात्मक परिणामों को कम करने के लिए औद्योगीकरण और शहरीकरण संबंधी बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए अनेक उपायों का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए यह जानकारी दी। इन उपायों में शामिल हैं -
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राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा निधि - देश में कई क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर बहुत बढ़ गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदूषक के कीमत चुकाने का सिध्दांत। प्रदूषण प्रबंधन का मूल दिशा-निर्देश मानदंड बना रहे तथा इसके साथ स्वच्छ ऊर्जा के विकास पर भी सकारात्मक जोर देना होगा। इसके लिए बजट में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान तथा अभिनव परियोजनाओं के निधि पोषण हेतु राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा नीति की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए भारत में कोयला उत्पादन पर 50 रुपये प्रति टन की मामूली दर का स्वच्छ ऊर्जा उपकर लगाने का प्रस्ताव है।
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बहिस्राव शोधन संयंत्र, त्रिपुर - तमिलनाडु सरकार को त्रिपुर में टेक्सटाइल निटवेयर क्लस्टर उद्योग को बनाए रखने हेतु जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्रणाली की स्थापना की लागत के लिए एक मुश्त 200 करोड़ रुपये का अनुदान देने का प्रस्ताव।
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गोवा के लिए विशेष स्वर्ण जयंती पैकेज - सरकार का गोवा को विशेष स्वर्ण जयंती पैकेज के रूप में 200 करोड़ रुपये की राशि देने का प्रस्ताव है। यह राज्य के कटाव की आशंका वाले प्राकृतिक संसाधनों के पुनरुध्दार और सतत वानिकी के जरिये इसका हरित क्षेत्र बढाक़र प्राकृतिक संसाधनों को परिरक्षित करेगा।
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राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण - वर्ष 2010-11 में राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण के लिए आवंटन को दुगना करके 500 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है। इस प्राधिकरण के तहत मिशन स्वच्छ गंगा 2020 का उद्देश्य यह है कि नगर निगम का अशोधित कोई भी मल जल अथवा औद्योगिक बहिस्राव राष्ट्रीय नदी में नहीं बहाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने पश्चिमी बंगाल में पूर्व और पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में पालिया घई-कपालेश्वरी बघई थाले की जल निकासी योजना तथा मुर्शिदाबाद में कांदी उप-मंडल की मास्टर प्लान हेतु बजटीय सहायता उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव किया है।
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