स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली.
केंद्र ने देशभर के 14 लाख हथकरघा बुनकरों और 15 हजार सहकारी समितियों के लिए 6,234 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कुछ ही दिन पहले ही केन्द्र को पत्र लिखकर कर्ज के बोझ तले दबे बुनकरों को राहत देने की अपील की थी. उन्होंने पत्र में लिखा था- ‘पिछले दिनों मिर्जापुर, वाराणसी और भदोही के बुनकरों से मैं मिला था. जुलाई में आज़मगढ़ के बुनकरों के साथ मैंने वक़्त गुज़ारा था. दोनों बार मैंने बुनकरों की बुरी हालत देखी थी. इनमें से ज़्यादा तर पिछड़ी जाति या अल्पसंख्यक समुदाय से हैं.  मैं अपील करता हूं कि बुनकरों के लिए फ़ौरन एक पैकेज का ऐलान किया जाए.’

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कुछ ही दिन बाद शनिवार को वाराणसी में इस पैकेज की घोषणा की. पैकेज से उत्तर प्रदेश के तीन लाख बुनकरों सहित देशभर के बुनकरों और इस काम से जुड़ी सहकारी समितियों को फ़ायदा पहुंचेगा. पैकेज जनवरी 2012 से अमल में आएगा. इसमें 3,884 करोड़ रुपये बुनकरों की क़र्ज़ माफ़ी और 2,350 करोड़ रुपये उनकी स्थिति में सुधार के लिए दिए जाएंगे. यह राशि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान ख़र्च की जाएगी. योजना के तहत बुनकरों को 50,000 रुपये तक का लाभ मिल सकता है. पैकेज के तहत अलग-अलग बुनकरों के अलावा बुनकरों की 15,000 सहकारी समितियों को भी मदद दी जाएगी.

उन्होंने बताया कि निजी स्तर पर लिए गए क़र्ज़ और सहकारी समितियों के माध्यम से लिए गए ऋण को अलग-अलग कर दिया गया है और बुनकरों को अधिकतम 50 हज़ार रुपये तक की क़र्ज़ माफ़ी दी गई है. बुनकर क्रेडिट कार्ड के तहत बुनकरों को तीन साल के लिए दो लाख रुपये तक का क़र्ज़ मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए 500 करोड रुपये का पैकेज रखा गया है. तीन वर्षों के लिए बुनकरों को तीन फ़ीसदी ब्याज़ सब्सिडी भी दी जाएगी. मार्जिन मनी के तौर पर हर बुनकर को 4,200 से लेकर 5,400 रुपये तक की सहायता का प्रस्ताव है. बैंकों द्वारा बढ़ाए गए क़र्ज़ पर उनकी बक़ाया राशि के 85 प्रतिशत तक के लिए मध्यम और लघु उद्यमों के क़र्ज़ गारंटी कोष ट्रस्ट द्वारा गारंटी दी जाएगी. धागे की उपलब्धता संबंधी समस्याओं से निपटने के क्रम में राज्य सरकारों के राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम और एजेंसियों द्वारा सूती धागे की आपूर्ति पर दाम में दस प्रतिशत तक छूट का प्रस्ताव है. इसके अलावा कपास, पटसन और रेशम धागे को विभिन्न केंद्रों पर पहुंचाने में ढाई से दस प्रतिशत के बीच बढ़ी हुई किराया दरें प्रदान की जाएंगी.

शर्मा ने इन घोषणाओं को चुनावी पैकेज मानने से इंकार करते हुए कहा कि बुनकरों की समस्याओं पर दिल्ली में उच्च स्तर पर चर्चाएं होती रही है. वर्ष 2011-12 के बजट में भी हथकरघा बुनकरों के लिए 3,000 करोड़ रुपये क़र्ज़ माफ़ी योजना की घोषणा की थी.

उन्होंने कहा ‘‘कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने भी पूर्वांचल के बुनकरों की समस्याओं से प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और मुझे अवगत कराया था. फिर अगस्त में दिल्ली में बुनकर प्रतिनिधियों से मुलाक़ात के बाद प्रक्रिया में और तेज़ी लाई गई. कल केंद्र सरकार के स्तर पर सारी औपचारिकतायें पूरी होने के बाद आज इसकी घोषणा कर दी गई.’’ इस मौक़े पर उन्होंने देववाणी इंटर काले परिसर में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के सहयोग से बुनकरों के लिये आयोजित स्वास्थ्य शिविर में चश्मा और चेक वितरित किए.

स्टार न्यूज़ एजेंसी 
कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी ने आज उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के फूलपुर संसदीय क्षेत्र के झूंसी क़स्बे में बड़ी जनसभा कर मिशन उत्तर प्रदेश 2012 का आग़ाज़ किया. जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के युवराज ने कहा कि- 'फूलपुर जवाहर लाल नेहरू की कर्मभूमि रही है. यहां से उन्होंने प्रदेश को प्रगति का रास्ता दिखाया था. एक समय उत्तर प्रदेश पूरे देश को रास्ता दिखा रहा था. अब सारा देश आगे है, यूपी पीछे है. यहां से कभी नेहरू जी सांसद हुआ करते थे. लेकिन अब यहां से माफिया और अपराधी एमपी हैंउत्तर प्रदेश में बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन विकास नहीं हुआ है. नेता जब तक गरीब के घर खाना नहीं खाएगा, तब तक वह नेता गरीबी की समस्या नहीं समझ पाएगा. जब तक एक नेता गरीबों के घर में कुएं का गंदा पानी नहीं पीएगा और जब तक वह बीमार नहीं होगातब तक उस नेता को उस गरीब का दर्द नहीं पता चलेगा. जब तक नेता गरीब की हालत नहीं समझता तब तक उसे गुस्सा नहीं आ सकता. गुस्सा किस बात का? गुस्सा इस बात का गरीब के साथ इस प्रदेश में अत्याचार हो रहा है. एक समय था जब मायावती और मुलायम में यह गुस्सा था, लेकिन आज वह मर गया है. ये लोग अब सत्ता की खोज कर रहे हैं. सत्ता की खोज से यूपी का भला नहीं होगा. इससे यहां के गरीबों की हालत बेहतर नहीं होगी. वह तभी बेहतर होगा, जब अच्छी सरकार होगी. देश आगे जा रहा है, यूपी पीछे जा रहा है. अपराधी यूपी से सांसद बन रहे हैं. मजदूरों से काम नहीं लिया जा रहा है. मशीनों से काम लिया जा रहा है. इससे बीएसपी के कार्यकर्ताओं को और ठेकेदारों को असली फायदा हुआ है.

बुंदेलखंड में सूखा पड़ा है. वहां लोगों को बडी़ मुश्किल हो रही है. आपकी सीएम वहां नहीं गईं. वहां के लोगों का दुख नहीं देखा. मैंने प्रधानमंत्री से बात की. प्रधानमंत्री ने पैकेज मंजूर किया, लेकिन पैकेज का पैसा कहीं नहीं दिखाई दिया. वहां गया तो एक किसान का कुआं देखा. मैंने पाया कि आधा कुआं ही बना है. उस किसान ने कहा कि मेरे सपने इसके अंदर हैं. इससे नुकसान अफसरों का नहीं, नुकसान बीएसपी के कार्यकर्ताओं का नहीं होता. नुकसान गरीब और पिछड़ों का होता है. लोग मुझसे कहते हैं कि मेरे पास कोई काम नहीं है. वे कहते हैं कि मैं कहां जाऊंगा? वे मुझसे सवाल पूछते हैं.

मैं भट्टा परसौल गया. पुलिस ने वहां महिलाओं को गोली मारी. अत्याचार किए. ऐसा क्यों किया गया? क्योंकि वहां के किसानों की ज़मीन छीनी जा रही है. किसको दी जा रही है? अमीरों को. किसान मर रहे थे, उन पर गोली चलाई जा रही थी. आपकी सरकार कुछ नहीं कर रही थी. कोई भट्टा परसौल नहीं गया. अगर किसान अपनी ज़मीन के लिए संघर्ष करता है, अपना हक मांगता है तो यूपी की सरकार कहती है कि ये लोग नक्सली हैं, इन्हें गोली मारो. मैं अलीगढ़ में बुनकरों के यहां गया. वहां बुनकरों ने कहा कि उनका काम धंधा बंद हो रहा है. वहां लोगों ने बताया कि पहले यहां लोग आते थे, काम होता था, लेकिन अब सब बंद हो गया. उन्होंने बताया कि हम लोग मजदूरी करते हैं. हमने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से बात की. प्रधानमंत्री ने राहत पैकेज का ऐलान किया, लेकिन बुनकर हमारे पास आए. उन्होंने कहा कि ये जो बुनकर समितियां हैं, उनमें हमारे लोग नहीं हैं. हमने सुनिश्चित किया कि ये पैसे बुनकरों की जेब में जाएं.

आज यूपी की हालत यह है कि एफआईआर दर्ज करानी है तो पैसा दो. यहां बनने से पहले पुल गिर जाता है. मैं एक पुल देखने गया था. अगले दिन पुल गिर गया. मंत्री की जेब में सीमेंट जाता है, अगले दिन पुल गिर जाता है. जननी सुरक्षा योजना में महिला को 1400 रुपये दिए जाते हैं. हमने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी. इस योजना की स्थिति यह है कि यूपी में ऐसी कई महिलाएं हैं जो हर हफ्ते बच्चों को जन्म दे रही हैं. वे साल भर में 52 बच्चों को जन्म दे रही हैं.

इससे पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में गुंडे थाने चलाते थे. हमारे लोग जब थाने जाते थे तो उलटे उन पर ही मुकदमा कायम हो जाता था, लेकिन हम बीते कल की बात नहीं करेंगे. हम भविष्य की बात करना चाहते हैं. आने वाले सत्र में खाद्य सुरक्षा कानून पास होगा. हर हिंदुस्तानी के लिए हम भोजन सुनिश्चित करना चाहते हैं. यूपी में आपका भोजन कौन खाएगा? आप खाएंगे? बीएसपी का कार्यकर्ता खाएगा? या अपराधी? यह आपको तय करना है.

अब मैं भ्रष्टाचार की बात करता हूं. मैं चाहता हूं कि ऐसा लोकपाल हो जो भ्रष्टाचार दूर करे, सख्त कार्रवाई करे. हम जल्द ही कानून पास करेंगे. दलितों के लिए सरकार ने 7 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया है. हम चाहते हैं कि उद्योग धंधों में दलितों को काम मिले. हम सच्चर कमीशन की रिपोर्ट लागू कर रहे हैंउत्तर प्रदेश को कोई नहीं बचा सकता. जब तक उत्तर प्रदेश की जनता जागेगी नहीं. जब तक जनता बदलाव नहीं लाएगी. तब तक एक जाति की सरकार, चुने हुए लोगों की सरकार ही बनती रहेगी. आम आदमी की, पिछड़ों की सरकार, यूपी की सरकार नहीं बनेगी. जिस दिन विकास, प्रगति की सरकार बनेगी, यूपी को कोई पीछे नहीं कर पाएगा.

आप जहां भी जाते हो, आप दिखा देते हो कि काम कैसे किया जाता है. दिल्ली में सड़कें या मेट्रो बनती है, आप बनाते हो. यूपी के लोग महाराष्ट्र की मदद कर रहे हैं. पंजाब के लोग कहते हैं कि हम लोग यूपी के लोगों जितना काम नहीं कर सकते. मुझे यह देखकर दुख होता है. मुझे गुस्सा आता है. गुस्सा क्यों आता है? इस देश की शक्ति गरीब जनता में है, लेकिन आपकी सरकार गरीब को भूल गई है. बिजली जितनी 20 साल पहले बनती थी, उतनी ही आज बनती है.

आज उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार है, मंत्री जेल में हैं, लेकिन विकास नहीं है. जब तक यहां का युवा खड़ा नहीं होगा, तब तक बदलाव नहीं होगा. मैं दिल्ली से आता हूं। आपका खाना खाता हूं. आपकी बात सुनता हूं. गुस्सा आता है. सोचता हूं क्यों नहीं लखनऊ जाऊं? क्यों नहीं आपकी लड़ाई लड़ूं? यहां जब तक सोच नहीं बदलेगी, तब तक कुछ नहीं बदलेगा. पांच साल लगेंगे. सारे प्रदेशों को पीछे छोड़ देंगे. लिख के ले लो. आप कब जागोगे? कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगोगे? कब तक पंजाब में मजदूरी करोगे? मैं आपसे जवाब चाहता हूं. आप बदलाव लाओ. हम एक साथ इस प्रदेश को बदलेंगे.'   


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