सरफ़राज़ ख़ान
नई दिल्ली. शाकाहारी खुराक लेने से सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर में 5 mmHg तक की कमी संभव है। ब्लड प्रेशर में 5 mmHg से हृदय संबंधी बीमारी में 21 फीसदी की खतरा कम हो जाता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक़ शाकाहारी खुराक से ब्लड प्रेशर में कमी की एक वजह भोजन में फाइबर की अधिक मात्रा है जिसे सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर में कमी आती है। कई अध्ययनों में दिखाया गया है कि ब्लड प्रेशर के मामले में खुराक में फाइबर बेहद फायदेमंद होता है।
एक उदाहरण जो 2005 में कई विश्लेषणों का निचोड़ था और इसमें 24 प्लेसबो कंट्रोल्ड शोधों को शामिल किया गया और ये 1966 व 2003 में प्रकाशित हुए, में पाया गया कि औसतन सप्लीमेंट के तौर पर 1.2/1.3 mmHg की कमी उन लोगों में पायी गई जिन्होंने औसतन फाइबर की मात्रा रोजाना 11.5 ग्राम ली। यह महत्वपूर्ण कमी अधिक उम्र के लोगों में जो 40 साल से अधिक वाले और हाइपरटेंसिव व्यक्तियों में ज्यादा पायी गई।
डॉ. के के अग्रवाल ने कहा कि जो बच्चे फलों का जूस लेते हैं, उनके दांतों को नुकसान हो सकता है। ऐसे लोगों को नियमित तौर पर दांतों की जांच करवानी चाहिए। अधिकतर जूस में चीनी और फल को मिलाकर दिया जाता है जिससे दांतों को नुकसान होता है। दांतों को नुकसान एसिडिक फ्रूट जूस और स्क्वैश के असर से होता है जो दांतों की सतह पर जम जाता है। रोजाना इसके सेवन से इनैमेल में कमी हो जाती है जो दांतों के बाहर का हिस्सा होता है और इससे दांत कमजोर हो जाते हैं और चबाने के दौरान इनमें दर्द होने लगता है।
हर व्यक्ति को चाहिए कि वे अपने बच्चों को रोजाना एक गिलास से अधिक जूस लेने से मना कर दें। इससे तब भी बचा जाना चाहिए जब बच्चा पेय की जगह फल लेने लगे। चीनी और एसिड मिला पेय लेने के कम से कम 30 मिनट बाद तक ब्रश नहीं करना चाहिए क्योंकि चीनी की वजह से दांत सॉफ्ट हो जाते हैं और इसका असर 30 मिनट तक रहता है। ऐसे पेय से बचना चाहिए और जरूरत हो तो इसे भोजन के साथ लिया जाना चाहिए।