जगदीश्वर चतुर्वेदी
सन् 1994 मे नेटस्केप नामक मल्टीमीडिया कंपनी द्वारा वर्ल्ड वाइड वेब शुरू करने के साथ ही पोर्न ने विश्वव्यापी उद्योग की शक्ल लेली। कुछ तथ्य हैं जिनको ध्यान में रखा जाना चाहिए। कम्प्यूटर तकनीक खरीदने वाले पांच खरीददारों में एक खरीदार सेक्स उद्योग भी है। सेक्स उद्योग ने व्यापार में पहले खर्चीली ‘टी 3 ‘ फोन लाइन खरीदी। हाई रिजोल्युशन इमेजों के प्रसारण के लिए उसका इस्तेमाल किया।
इंटरनेट की सबसे बड़ी अमेरिकी कंपनी डिगेस्ट का सबसे बड़ा ग्राहक माइक्रोसॉफ्ट है, उसकी सेक्ससाइट दूसरी सबसे बड़ी ग्राहक साइट है। सन् 1998 में अकेले ऑनलाइन वयस्क पोर्न सामग्री की अमेरिका में एक विलियन डालर की बिक्री दर्ज की गयी।
यानी इंटरनेट की कुल बिक्री का 69 फीसदी हिस्सा। इंटरनेट ने अपने जन्म से ही पोर्न को बढावा दिया।सेक्स उद्योग को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया। प्रथम वेब आधारित वेश्यावृत्ति की शुरूआत सिएटल स्थित ‘पर्सनल टच सर्विसेज’ ने की। यह कार्य सितम्बर 1994 में शुरू किया गया। जबकि कुछ माह पहिले ही वेब का जन्म हुआ था। इसके बाद ब्राण्डीज का बेबी,फोनिक्स और एजेड ने वेश्यावृत्ति के विज्ञापन देने शुरू कर दिए। उस समय ‘दि इंटरनेट बिजनेस जरनल’ ने लिखा कि यह इंटरनेट मार्केटिंग का सबसे ज्यादा कल्पनाशील वेबसाइट है।
सन् 1995 में वर्ल्ड वाइड बेवसाइट पर 200 कामुक सेवा और माल देने वाली वेबसाइट थीं। 1995 में ‘स्ट्रीप क्लब’ ने अपनी विज्ञापन वेबसाइट बनायी। इस वेब पर फोटो,पोर्न फिल्म, औरतों आदि की बिक्री होती थीं उन क्लबों के विज्ञापन थे जिनमें वेश्यावृत्ति होती है।
सन् 1995 में ही ‘याहू’ कंपनी ने ”बिजनेस एंड इकोनॉमी : कम्पनीज सेक्स” नाम से 391 कंपनियों की सूची जारी की। इसमें फोन सेक्स नम्बर्स, एडल्ट सी रोम्स, एक्सरेटेड फिल्म्स, एडल्ट कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, लाइव वीडियो काँफ्रेंसिंग, वेश्या पर्यटन, आनंद सेवाओं, सेक्स संदेश, लड़कियों की सप्लाई करने वाली कंपनियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी थी। एक साल बाद इस तालिका में 1676 कंपनियों के नाम थे। यानी एक ही वर्ष में चार गुना वृद्धि।
इसी प्रकार मुख्यधारा का पोर्न प्रकाशन व्यवसाय वेब में तेजी से उभरकर सामने आया। वेब पर सन् 1994 में ‘प्लेबॉय’ आ गया। सन् 1996 में ‘प्लेबॉय’ वेबसाइट उन 11 वेबसाइट में से एक थी जिस पर सबसे ज्यादा लोग जा रहे थे। सन् 1997 में इस वेबसाइट ने सिर्फ विज्ञापन से ही 2 मिलियन डालर की आमदनी की। सन् 1996 में ‘पेण्टहाउस’ ने वेबसाइट स्थापित की। पोर्न प्रकाशनों में सबसे ज्यादा यूजर इस पर जाते हैं। संगठित वेश्यावृत्ति पर्यटन अमेरिका में वेब पर 1995 में शुरू हुआ।
उल्लेखनीय है भूमंलीकरण का पर्यटन और यात्रा प्रमुख क्षेत्र है। इसमें उत्तर अमेरिका, यूरोप,एशिया, में पर्यटन करते हुए सेक्स उद्योग के जरिए औरत या बच्चा खरीदा जा सकता है या भाड़े पर लिया जा सकता है। यह ऐसा पर्यटन है जो पूरी तरह मर्द के लिए है।यह मूलत: वेश्या पर्यटन है। यह ऐसा पर्यटन है जिसमें पर्यटक को जहां चाहे जैसी चाहे औरत या मर्द या बच्चा सप्लाई किया जाता है।
नेट के जरिए वेश्यावृत्ति का एक अन्य रूप है नेट पर खुली हुई शादी कराने वालों की दुकानें। मार्च 1999 में अमेरिकी प्रशासन के जरिए बताया गया कि अमेरिका में ऐसी संस्थाओं की संख्या 200 है।ये कंपनियां सालाना 4000-6000 औरतों की सप्लाई कर रही हैं। इन लडकियों में फिलीपींस और भू.पू. सोवियत संघ के राज्यों की लड़कियों की संख्या सबसे ज्यादा है।
सन् 1995 से ही इंटरनेट के जरिए वीडियो काँफ्रेंसिंग शुरू हुई। इसके जरिए वीडियो और ऑडियो का प्रसारण संभव हुआ।इसी साल के अंत से वीडियो तकनीक के माध्यम से लाइव नग्न शो, संभोग शो आदि की शुरूआत हुई। यही वह बिन्दु है जहां पोर्न और वेश्यावृत्ति का एक-दूसरे में समावेश होता है।
सेक्स उद्योग की पहली वीडियो काँफ्रेसिंग साइट थी ‘वर्चुअल ड्रीम्स’ ,इसे सानदियागो की ‘सीटीएसएनइटी’ कंपनी संचालित करती थी। इसमें उच्चतम संचार तकनीक का प्रयोग किया गया।सेक्स उद्योग वेबसाइट के लाइव सेक्स शो ने अपना दायरा बढाते हुए इंटरनेट के जरिए फोन सेक्स का धंधा शुरू कर दिया। इंटरनेट इंटरटेनमेंट ग्रुप की इस धंधे में इजारेदारी है। उसी कंपनी ने यह धंधा शुरू किया। इस कंपनी ने 3 मिलियन डालर कम्प्यूटर और कम्युनिकेशन उपकरणों पर खर्च किए।
लाइव सेक्स शो के दौरान यह पाया गया कि पुरूष इंटरनेट के माध्यम से जिन औरतों के साथ लाइव सेक्स शो में लिप्त हैं वे औरत की खरीदारी की बातें कर रहे हैं। यह इंटरनेट के जरिए औरत की संगठित बिक्री की शुरुआत थी।
इसके अलावा ऑडियो वेश्यावृत्ति की शुरूआत फोन सेक्स लाइव के जरिए शुरू हुई। यह ‘ डिस्टेंस इण्टरक्टिविटी ऑडियो वेश्यावृत्ति’ है। सेक्स उद्योग जानता था कि दूर से या वर्चुअल वेश्यावृत्ति कैसे की जाती है। बाजार कैसे बनाया जाता है। उनका कहना है कि जो खरीदार दूसरे छोर पर था उसे कम्प्यूटर बहुत जरूरी तत्व सप्लाई कर रहा था। वह था स्खलन।
इंटरनेट इंटरटेनमेंट ग्रुप के अनुसार सन् 1997में नग्न चित्र मांगने वाले 90 फीसदी मर्द थे। इनमें 70 फीसदी अमेरिका में रहते थे। 70 फीसदी की उम्र 18-40 साल के बीच थी।
अब तक का अनुभव बताता है कि सेक्स उद्योग अत्याधुनिक और समाज का अग्रगामी उद्योग है। इस उद्योग ने व्यापार के जो तजुर्बे किए हैं कालान्तर में उन्हीं का विश्व व्यापार के क्षेत्र में व्यापक तौर पर इस्तेमाल होता रहा है।
नयी मीडिया और संचार तकनीक के पहले प्रयोग सेना के अलावा सबसे पहले सेक्स उद्योग में किए गए। बाद में अन्य क्षेत्रों में उनको लागू किया गया। इस अर्थ में सेना और सेक्स उद्योग का चोली-दामन का संबंध है।
सेना जहां- गयी है वहां सेक्स उद्योग फला-फूला है। सन् 1996 में उच्च गुणवत्तायुक्त मल्टीमीडिया प्रणाली आने के बाद इसका तुरंत इंटरनेट पर वीडियो काँफ्रेसिंग और वीडियो प्रसारण के लिए इस्तेमाल किया गया। नयी वीडियो प्रसारण प्रणाली को ‘पुश वीडियो’ कहा गया। इस तकनीक के इस्तेमाल के कारण नए सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किए बगैर वीडियो देखा जा सकता था।
सन् 1997 तक आते-आते इस उद्योग में तेजी से निवेश बढा। कम्प्यूटर उद्योग के मालिकों का कहना है कि नयी तकनीक से कैसे मुनाफा कमाया जा सकता है यह सीखना है तो सेक्स उद्योग से सीखो।
मसलन् सेक्स उद्योग ने कल्पनाशील ढंग से सबसे पहले ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड से भुगतान की व्यवस्था शुरू की।मल्टीमीडिया अंतर्वस्तु को कैसे इंटरनेट पर संरक्षित किया जा सकता है इसके तकनीकी उपाय निकाले। इन दो चीजों ने सारी दुनिया को व्यापार का नया मॉडल दिया। प्राइवेसी,सुरक्षा, तुरंत भुगतान स्थानान्तरण आदि को जन्म दिया। व्यक्ति अपनी प्राइवेसी रखते हुए घर बैठे या दफ्तर में अथवा कहीं से ऑनलाइन वेश्यावृत्ति कर सकता था। सिर्फ इसके लिए जरूरी था तुरत भुगतान। उसे क्रेडिट कार्ड भुगतान स्थानान्तरण ने संभव बना दिया।
क्रेडिट कार्ड से भुगतान की शुरुआत 1995 से होती है। आरंभ में चंद वेबसाइट ही थीं जो क्रेडिट कार्ड से भुगतान लेती थीं। बाद में सन् 1996 इंटरनेट इंटरटेनमेंट ग्रुप ने ‘ ई कॉमर्स सॉफ्टवेयर’ का इस्तेमाल शुरू किया।इसके कारण खरीदार को सुरक्षित ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड स्थानान्तरण में सहूलियत हुई।
इसी तरह वेब पर डाटा सुरक्षित रखने में सेक्स उद्योग के अनुभवों से लाभ उठाया गया। चूंकि आरंभ में इंटरनेट को लेकर कोई कानून नहीं था तो अनेक अनैतिक कार्य भी हुए। तकनीक इतिहासकार बताते हैं कि सेक्स उद्योग ने नयी तकनीक को तेजी से आत्मसात किया और तकनीकी तरक्की के नए रास्ते खोले। बाद में उसे मुख्यधारा के व्यवसाय ने अपनाया।
(लेखक वामपंथी चिंतक और कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर हैं)