तेजपाल सिंह हंसपाल
कोलकाता (पश्चिम). कोलकाता की हुगली नदी पर वैसे तो कई पुल बने हैं, पर हावड़ा ब्रिज और दूसरा हावड़ा ब्रिज पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है. पहला रविन्द्र सेतु व दूसरा विद्यासागर सेतु के नाम पर है. आम तौर पर लोग दोनों को ही हावड़ा ब्रिज के नाम से पुकारते है. पुराना ब्रिज हावड़ा ब्रिज के नाम से तो दूसरा नया हावड़ा ब्रिज के नाम से जाना जाता है. दरअसल यह दो पीढ़ियों के बीच बदलती तकनीक का स्वरूप है. अपनी खूबसूरती और अनोखे डिजाईन के लिए यह पूरे विश्व में जाना जाता है. हावड़ा ब्रिज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह नदी के रास्ते आने वाले जहाज को रास्ता देने के लिए बीच में से खुल जाता है. जब यह बीच में से खुलता है तब वह दृश्य देखने लायक होता है। पर्यटकों को इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद करना बेहद रोमांचित करता है. संतुलित कैंटिलीवर सस्पेंशन पध्दित पर बना हावडा ब्रिज 1943 में शुरु हुआ था. इसकी ऊंचाई 82 मीटर और लंबाई 1500 फुट है. 1965 में इसका नांम बदल कर रवीन्द्र सेतु कर दिया गया था पर अभी भी लोगों की जुबान पर हावड़ा ब्रिज का नाम ही आता है. इस सेतु का नाम बंगला लेखक, कवि, समाज - सुधारक गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के नाम पर रखा गया था. हर दिन इस ब्रिज से लगभग 1 लाख 50 हजार वाहन और 40 हजार यात्री गुजरते हैं. भारत में यह अपने तरह के सबसे बड़े पुलों में से एक है.वहीं दूसरा हावड़ा ब्रिज के नाम से जाने जाना वाला ब्रिज विद्या सागर सेतु के नाम से जाना जाता है. हावड़ा ब्रिज से 1.5 कि.मी. की दूरी पर स्थित विद्यासागर सेतु आधुनिक बांध निर्माण कला का बेहतरीन नमूना है. यह बांध केवल चार स्तम्भों और 121 रस्सियों के सहारे खड़ा हुआ है. यह सेतु कोलकाता हावड़ा शहर को जोड़ता है.यह बंगाल के समाज - सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर के नाम पर है. विद्यासागर सेतु हुगली नदी पर कोलकाता से हावड़ा को जोड़ता हुआ सेतु है. यह अपने प्रकार के सेतुओं में भारत में सबसे लंबा और एशिया के सबसे लंबे सेतुओं में से एक है. स्टील रोपवे पर आधारित विद्यासागर सेतु की कुल लंबाई 27 सौ फुट, ऊंचाई और चौड़ाई 115 फुट है. 1992 में शुरु हुआ यह सेतु 6 लेन वाला है. यह सेतु टोल ब्रिज है अर्थात पुल के ऊपर से गुजरने वाले वाहनों को रुपए देना पड़ता है, किंतु यह साइकिलों के लिए निःशुल्क है. भारत की नदियों में बने सेतुओं में यह सबसे लंबा और एशिया के सबसे लंबे सेतुओं में से एक है. पर्यटकों को हावड़ा ब्रिज बहुत पसंद आता है. फिल्म निर्देशकों में भी यह ब्रिज बेहद लोकप्रिय है, क्योंकि शूटिंग करने के लिए यह बेहतरीन लोकेशन है. 1958 में हावड़ा ब्रिज नाम की फिल्म भी बन चुकी है. इस फिल्म में मधुबाला, अशोक कुमार, के.एन. सिंह, ओमप्रकाश, मदनपुरी, हेलन और महमूद ने काम किया था.