स्टार न्यूज़ एजेंसी
मुंबई (महाराष्ट्र). हिंदी अपने ही देश किस तरह बेगानी समझी जा रही है इसी की ताज़ा मिसाल है, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे की बयानबाज़ी, जिसमें उन्होंने हिन्दी की मांग करने वाले लोगों को यूपी-बिहार जाने को कहा है. दरअसल, समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही की पत्रिका मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी छापने की मांग कर रहे हैं, जो राज ठाकरे की भौंहें तन गयी हैं.
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी का कहना है कि महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही की पत्रिका मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी छपनी चाहिए. अबू आज़मी की इसी मांग पर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने हिंदी की मांग कर रहे लोगों को यूपी-बिहार जाने को कह दिया है. उनका कहना है कि महाराष्ट्र में सरकारी कामकाज सिर्फ़ मराठी भाषा में होना चाहिए. इतना ही नहीं प्रदेश के सभी विधायकों को मराठी भाषा में ही शपथ लेनी चाहिए.
राज ठाकरे के ब्यान की आलोचना करते हुए अबू आज़मी ने सवाल दागा कि प्रांतवाद का ज़हर फैलाने वालों को विदेशी अंग्रेजी भाषा स्वीकार है तो अपने ही देश की राष्ट्रभाषा हिंदी से उन्हें इतनी नफ़रत क्यों हैं? उनका कहना है कि ऐसे लोग ही देश को कमज़ोर बनाते हैं.
भाषा और प्रांतवाद के नाम पर देश को तोड़ने की बात करना...देशद्रोह ही है...हमें हिन्दी का सम्मान करना चाहिए...
राज कितना ही इन्कार करें। महाराष्ट्र में हिन्दी का बोलबाला कम नहीं है।