फ़िरदौस ख़ान
चंडीगढ़. हरियाणा में सत्ता के लिए घमासान जारी है. आज जहां हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष फूलचंद्र मुलाना ने राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया को सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया है, वहीं प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला कल रात ही सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं. हरियाणा का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर क़यास लगाए जा रहे हैं.
चंडीगढ़. हरियाणा में सत्ता के लिए घमासान जारी है. आज जहां हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष फूलचंद्र मुलाना ने राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया को सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया है, वहीं प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला कल रात ही सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं. हरियाणा का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर क़यास लगाए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस सबसे बड़े दल है. इसलिए माना जा रहा है कि राज्यपाल कांग्रेस को ही सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं, हरियाणा विधानसभा की कुल 90 सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है, लेकिन कांग्रेस सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 46 के आंकड़े से छह सीटें दूर रह गई. इनेलो को 31, हरियाणा जनहित कांग्रेस को 6, भारतीय जनता पार्टी को 4, बहुजन समाजवादी पार्टी को एक, शिरोमणि अकाली दल को एक सीट मिली है, जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
कांग्रेस में कौन बनेगा मुख्यमंत्री? इस पर भी बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ट नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद को केवल उम्मीदवार बताते हुए सिर्फ़ इतना ही कह रहे हैं कि इस बात का फ़ैसला पार्टी आला कमान करेंगे. फ़िलहाल प्रदेश में जोड़-तोड़ का सिलसिला जारी है. जहां कांग्रेस सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समर्थन का दावा कर रही है, वहीं इनेलो का भी कुछ ऐसा ही कहना है. सरकार बनाने की इस जद्दोजहद में सभी की नज़र निर्दलीय विधायकों और हरियाणा जनहित कांग्रेस पर है. हरियाणा जनहित कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई का कहना है कि जिसकी सरकार बनेगी उनका समर्थन उसी पार्टी को मिलेगा.
क़ाबिले-गौर है कि कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस से बगावत करके हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाई थी और वे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का कट्टर विरोधी हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि सियासत में तो यह सब चलता ही रहता है. कई बार पार्टी को सत्ता में लाने के लिए समझौते भी करने पड़ते हैं. पार्टी कुलदीप विश्नोई को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश भी की जा सकती है. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नाम पर कांग्रेस को हरियाणा जनहित कांग्रेस का समर्थन हासिल करने में दिक्क़त हो. इसलिए मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की क़रीबी मानी जाने वाली कुमारी शैलजा भी 10 जनपथ पहुंचीं. इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी को भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है.
कांग्रेस से जुड़े नेता फ़िलहाल इतना ही कह रहे हैं कि कांग्रेस में नेता का चुनाव तय प्रक्रिया के तहत ही होता है. केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रदेश में जाएंगे और विधायकों की राय के आधार पर नेता चुना जाएगा. अलबत्ता, प्रदेश में सत्ता हासिल करने की कवायद जारी है. स्थिति आज रात तक ही स्पष्ट हो पाएगी.
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