स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद देश में निमोनिया का क़हर जारी है. देश में हर साल निमोनिया से चार लाख बच्चों की मौत हो जाती है. अगर निमोनिया की अहम वजह फेफड़े के संक्रमण को रोककर बच्चों को निमोनिया का शिकार होने से बचाया जा सकता है. यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने दी है.
निमोनिया की रोकथाम के लिए पहली बार आगामी दो नवंबर को अंतरराष्ट्रीय निमोनिया दिवस के रूप में मनाने का फ़ैसला किया गया है. गौरतलब है कि दुनिया में हर साल निमोनिया से 20 लाख बच्चे मौत के मुंह में समा जाते हैं.
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट मुताबिक़ भारत में हर मिनट में पांच साल से कम आयु के 82 बच्चे निमोनिया की चपेट में आते हैं, जबकि हर घंटे 45 बच्चों की मौत हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को फेफड़ों के संक्रमण से बचाकर और संक्रमण होने पर उनकी सही देखभाल कर इसके क़हर से बचाया जा सकता है.
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