आटा गीला पड़ा हुआ है, चिढ़ा रहीं तरकारियां !!
होटलों में जश्न !
कैसे, किसके साथ, कब तलक, हैं बेकार पूछने प्रश्न !!
जापान !
खुद को कुछ भी माने लेकिन, बेवकूफ औरों को मान !!
युकियो हातोयामा !
परमाणु-संधि करने का, हमसे भी करवाएं ड्रामा !!
सीटीबीटी !
अच्छे-भले शब्द की ऐसे, रेढ़ बहुत इंग्लिश ने पीटी !!
हस्ताक्षर !
करने वाले की शैली पर, हंसता हुआ लगे हर अक्षर !!
सवालों के घेरे में !
वो जवाब तेरे अन्दर हैं, जो सवाल हैं मेरे में !!
बन्दर पकड़े !
नेताओं की नक़ल बनाकर, क्या वे नगर-निगम से अकड़े ??
स्वतन्त्रता-संग्राम !
ऐसा लगता है कि जैसे, सुना हुआ सा हो यह नाम !!
स्वतन्त्रता-सेनानी !
नेताओं ने इन लोगों की, कीमत अब चुनाव में जानी !!
हस्तियां !
कुछ दिन बाद चली जाती हैं, ऊपर लेकर मस्तियां !!
-अतुल मिश्र
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