खुद को यूं बहलाना सीख,
बाधाएं खुद हट जायेंगी,
पर्वत से टकराना सीख !
चट्टानें बेजान पड़ी हैं,
हिम जैसा गल जाना सीख !
सागर में मिलने से पहले,
एक नदी बन जाना सीख !
मौत कभी भी आ सकती है,
मन को यह समझाना सीख !
अपनी हुनर भरी ख़ुशबू से,
शब्दों को नहलाना सीख !
'अतुल' जहां आदर्श खड़े हों,
अतुल मिश्र कहलाना सीख !
-अतुल मिश्र
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