स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून, 2009 में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने का अनुमोदन कर दिया है। छह से चौदह साल के सभी बच्चों को मुपऊत और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए संसद ने इस विधेयक को पास किया था और राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद इस कानून को 27 अगस्त, 2009 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून, 2009 में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने का अनुमोदन कर दिया है। छह से चौदह साल के सभी बच्चों को मुपऊत और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए संसद ने इस विधेयक को पास किया था और राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद इस कानून को 27 अगस्त, 2009 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।
विभिन्न संगठनों (1. विकलांग बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाले, 2. जिन्होंने अल्पसंख्यक संस्थाएं स्थापित की हैं ) ने विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग से इस कानून में कुछ संशोधन करने की मांग की थी। इस प्रकार की मांगों का परीक्षण करने के बाद बच्चों को मुपऊत और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून, 2009 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। इस कानून में विकलांग बच्चों को वंचित समूह से संबंधित बच्चों के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थाओं द्वारा कानून के तहत गठित विद्यालय प्रबंधन समिति परामर्श कार्य करेंगी। इस संबंध में संसद में एक विधेयक लाया जाएगा।
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